भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड के स्वरूप और उसमें दिखने वाली जानकारी में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। ये बदलाव 15 अगस्त 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएंगे। इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को और मजबूत करना है। अब आधार कार्ड पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और निजी हो जाएगा।

क्या बदल रहा है?
1. पारिवारिक विवरण में बदलाव
अभी तक आधार कार्ड पर 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए पिता या पति का नाम अंकित होता था। नए नियमों के अनुसार, इस जानकारी को आधार कार्ड से हटा दिया जाएगा। यह बदलाव विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी व्यक्तिगत पहचान पति या पिता के नाम से स्वतंत्र हो सकेगी।
* 18 वर्ष से कम आयु: नाबालिगों के आधार कार्ड पर पिता का नाम पहले की तरह ही दिखेगा।
* 18 वर्ष या उससे अधिक आयु: इन व्यक्तियों के आधार कार्ड पर पिता या पति का नाम नहीं दिखेगा। यह जानकारी केवल UIDAI के आंतरिक डेटाबेस में सुरक्षित रहेगी, जिसका उपयोग केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाएगा।
2. जन्मतिथि का प्रदर्शन
अभी तक आधार कार्ड पर जन्म की पूरी तारीख (DD-MM-YYYY) छपी होती थी। नए नियमों के तहत, अब आधार कार्ड पर केवल जन्म का वर्ष (YYYY) ही प्रदर्शित किया जाएगा। जन्म की पूरी तारीख और महीना कार्ड पर नहीं दिखेंगे। UIDAI का मानना है कि यह कदम अनावश्यक व्यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक होने से रोकेगा, जिससे डेटा सुरक्षा बढ़ेगी।
इन बदलावों का क्या महत्व है?
ये बदलाव निजता के अधिकार को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
* गोपनीयता: व्यक्तिगत जानकारी को सीमित करने से डेटा लीक और दुरुपयोग का जोखिम कम होगा।
* पहचान की स्वतंत्रता: विशेषकर महिलाओं को उनकी पहचान के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बल मिलेगा।
* सार्वजनिक उपयोग: आधार कार्ड को विभिन्न सेवाओं के लिए पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल करते समय अब कम से कम निजी जानकारी साझा करनी पड़ेगी।
UIDAI ने स्पष्ट किया है कि ये बदलाव केवल आधार कार्ड के प्रिंटेड फॉर्मेट पर लागू होंगे। सभी मूल और विस्तृत जानकारी UIDAI के सुरक्षित सर्वर में संरक्षित रहेगी। नागरिकों को अपने आधार विवरण अपडेट करने के लिए निकटतम आधार केंद्र पर जाने की सलाह दी गई