भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, जिन्हें प्यार से ‘गुरुजी’ या ‘दिशोम गुरु’ कहा जाता था, का 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली।

शिबू सोरेन: जीवन और संघर्ष
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को वर्तमान रामगढ़ जिले में हुआ था। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। महज 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया, जिनकी हत्या सूदखोर महाजनों ने कर दी थी। इस घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़कर महाजनों के शोषण के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट करने का फैसला किया।
1970 में, उन्होंने ‘धान कटनी आंदोलन’ शुरू करके महाजनों के खिलाफ एक बड़ा संघर्ष छेड़ दिया। इस आंदोलन ने उन्हें चर्चा में ला दिया, लेकिन महाजनों के गुंडों ने उन्हें रास्ते से हटाने की कोशिशें भी कीं। एक बार जब वे बाइक से गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रहे थे, तो उन्हें घेर लिया गया। लेकिन उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए बाइक समेत उफनती बराकर नदी में छलांग लगा दी और सुरक्षित बाहर निकल आए। इस घटना को लोगों ने एक चमत्कार माना और तभी से आदिवासी समुदाय ने उन्हें ‘दिशोम गुरु’ (देश का गुरु) कहना शुरू कर दिया।
राजनीतिक सफर और मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
शिबू सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे UPA के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार में कोयला मंत्री भी रह चुके थे।
झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल काफी छोटे रहे। वह तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन तीनों ही बार उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया।
* पहला कार्यकाल: 2 मार्च 2005 को वे पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण 10 दिनों में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
* दूसरा कार्यकाल: 27 अगस्त 2008 को वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इस दौरान उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना था। उन्होंने तमाड़ सीट से उपचुनाव लड़ा, लेकिन हार गए और 18 जनवरी 2009 को इस्तीफा देना पड़ा।
* तीसरा कार्यकाल: 30 दिसंबर 2009 को तीसरी बार उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन पांच महीने बाद 31 मई 2009 को उन्हें फिर से इस्तीफा देना पड़ा।
कुल मिलाकर, अपने तीन कार्यकाल में वे सिर्फ 10 महीने और 10 दिन ही राज्य के मुख्यमंत्री रह पाए।
शिबू सोरेन को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और वे लंबे समय से किडनी की बीमारी, डायबिटीज और दिल की समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है।