हजारीबाग पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों को गैरकानूनी तरीके से ‘डंकी रूट’ (Donkey Route) के माध्यम से अमेरिका भेजता था। इस गिरोह के मास्टरमाइंड उदय कुमार कुशवाहा सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उदय कुशवाहा, जो पिछले 45 सालों से अमेरिका में रह रहा था और उसके पास अमेरिकी नागरिकता भी है, वह इस पूरे रैकेट को चला रहा था।

कैसे होता था अवैध काम?
यह गिरोह लोगों को अमेरिका में नौकरी का लालच देकर ‘डंकी रूट’ के जरिए भेजता था और इसके बदले लाखों रुपये वसूलता था। यह मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित सोनू कुमार की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। सोनू को अमेरिका में अवैध रूप से रहने के आरोप में डिपोर्ट कर दिया गया था।
जांच में पता चला कि उदय ने सोनू को दिल्ली से ब्राजील भेजा, और वहाँ से उसे पेरू, कोलंबिया, पनामा होते हुए ग्वाटेमाला तक ले जाया गया। इस खतरनाक यात्रा के दौरान सोनू को 50 दिनों तक माफिया के कब्जे में रखा गया, जहाँ उसे सिर्फ एक समय का भोजन मिलता था और कंटेनर में छिपाकर रखा जाता था।
उदय ने सोनू की रिहाई के लिए उसके परिवार से 45 लाख रुपये की मांग की, जो परिवार ने चुका भी दिए। इसके बावजूद, सोनू को अमेरिका बॉर्डर पर गिरफ्तार करके डिटेंशन सेंटर में रखा गया और चार महीने बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया। भारत लौटने के बाद सोनू ने हजारीबाग पुलिस को लिखित शिकायत दी, जिसके बाद इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।
कौन-कौन हुए गिरफ्तार?
पुलिस ने उदय कुशवाहा के अलावा उसके चार साथियों – दर्शन प्रसाद, लालमोहन प्रसाद, चौहान प्रसाद और शंकर प्रसाद को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
सोनू कुमार की आपबीती