पेसा नियमावली पर मंथन: झारखंड की पारंपरिक व्यवस्था को मिलेगा नया जीवन

झारखंड के मुख्यमंत्री ने पेसा (Panchayat Extension to Scheduled Areas) नियमावली को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह नियमावली राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में पारंपरिक स्वशासन और ग्राम सभाओं की शक्तियों को मजबूत करे।

झारखंड में पेसा नियमावली का क्रियान्वयन: आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम

ग्राम सभाओं को अधिक शक्ति: झारखंड सरकार का ऐतिहासिक फैसला

झारखंड में पेसा नियम: स्थानीय स्वशासन और जनजातीय संस्कृति का संरक्षण

बैठक में हुए प्रमुख फैसले

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पेसा नियमावली को इस तरह से लागू किया जाए जिससे निम्नलिखित लक्ष्य हासिल हो सकें:

स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा: यह नियमावली ग्राम सभाओं को अधिक अधिकार और जिम्मेदारियां देगी, जिससे स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया मजबूत होगी।

आदिवासी और जनजातीय समुदायों का उत्थान: नियमों को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि वे इन समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास में सहायक हों।

पारंपरिक व्यवस्था और संस्कृति का संरक्षण: नियमावली को लागू करते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्थानीय समुदायों की पारंपरिक व्यवस्था और उनकी संस्कृति को और मजबूती मिले, और उन्हें कोई नुकसान न पहुँचे।

इस बैठक में सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव वंदना डाडेल, और श्री विनय कुमार चौबे जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

यह कदम झारखंड के जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें उनके अपने क्षेत्रों पर अधिक नियंत्रण और अधिकार प्रदान करेगी।

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