झारखंड में 800 करोड़ रुपये के बड़े जीएसटी घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार सुबह से ही अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। ईडी की टीमों ने रांची, जमशेदपुर और कोलकाता सहित आठ अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह घोटाला फर्जी कंपनियों के एक बड़े नेटवर्क और हवाला लेनदेन से जुड़ा है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।
छापेमारी का विवरण
ईडी की टीम ने रांची के पीपी कंपाउंड स्थित कृष्ण अपार्टमेंट के चौथे फ्लोर पर छापेमारी की। इसी दौरान, जमशेदपुर में स्क्रैप कारोबारी ज्ञानचंद जायसवाल उर्फ बबलू जायसवाल के ठिकानों पर भी टीम पहुंची। बबलू जायसवाल को ईडी इस मामले में पहले भी जेल भेज चुकी है। जमशेदपुर में सर्किट हाउस एरिया, बिष्टुपुर, जुगसलाई और आदित्यपुर समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी चल रही है।इसके अलावा, ईडी ने झरिया और धनबाद में भी दबिश दी। यह कार्रवाई व्यवसायी अमित अग्रवाल उर्फ चीनू अग्रवाल के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है। उन पर लगभग 200 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप है।
क्या मिला ईडी को?
छापेमारी के दौरान, ईडी के अधिकारियों ने कई अहम दस्तावेज़ जब्त किए हैं। इनमें हवाला और फर्जी कंपनियों के माध्यम से किए गए लेन-देन के रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजेक्शन से जुड़े कागजात, संपत्ति के दस्तावेज़ और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस शामिल हैं।
ईडी का मानना है कि फर्जी कंपनियों का जाल बिछाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत फायदा उठाया गया, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ।
पहले की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
यह दूसरी बार है जब ईडी इस मामले में छापेमारी कर रही है। इससे पहले, ईडी ने इस घोटाले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था: * कोलकाता के कारोबारी शिवकुमार देवड़ा * अमित गुप्ता * मोहित देवड़ा * जमशेदपुर के विक्की भालोटियाइन सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की गई थी। जांच के दौरान, इनकी कागजी कंपनियों से जुड़े 10 बैंक खातों से 60 लाख रुपये भी जब्त किए गए थे। फिलहाल, चारों आरोपी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।
ईडी का कहना है कि यह छापेमारी पिछली पूछताछ से मिले इनपुट के आधार पर की गई है। एजेंसी इस हवाला नेटवर्क और फर्जी बिलिंग के पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने में जुटी है, जिसकी परतें रांची, जमशेदपुर, कोलकाता और मुंबई तक फैली हुई हैं।