स्वतंत्रता दिवस 2025 पर: प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी घोषणाएं, युवाओं और MSMEs को मिलेगा फायदा

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2025 के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के साथ रोजगार, जीएसटी में भी सुधार होगा, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने की ये बड़ी घोषणाएं

भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक शुभ अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली के लाल किले से कई महत्वपूर्ण और प्राचीर देश को संबोधित करते हुए भारत देश को एक नई दिशा और उम्मीद की नई किरण दिखाई। उनका यह संबोधन में केवल एक पारंपरिक भाषण ही नहीं था, बल्कि यह भारत के भविष्य की नींव रखने में वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था। इस साल के स्वतंत्रता दिवस का मुख्य फोकस यह था कि सभी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और जीएसटी प्रणाली को सरल और सहज एम् प्रभावी बनाना था। प्रधानमंत्री के द्वारा अपने दिए भाषण में इन दो प्रमुख क्षेत्रों के कई महत्वपूर्ण और दूरगामी परिणामों के और कई घोषणाएं कीं, जिनका उद्देश्य भारत के युवाओं को एक नई किरण की विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना था।

युवाओं के रोजगार के नए अवसर प्रदान करना

प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिए अपने संबोधन में यह बात भी कहा कि भारत की युवा शक्ति ही इस देश की सबसे बड़ी पूंजी का कार्य करता है। आज के समय में इस युवा ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध रूप से कार्य कर रहा है। इसी दिशा में, उन्होंने एक महत्वाकांक्षी योजना, के रूप में ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (PM-VBRY) की शुरुआत की घोषणा करना है । यह योजना सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि यह देश के करोड़ों युवाओं के लिए सपनों को साकार करने का एक जरिया है।

इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक नई पहल के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का कार्य एक बड़ा बजट आवंटित करने के लिए है। इस फंड का मुख्य लक्ष्य और पहल पर अगले दो वर्षों से 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना था । यह राशि न केवल सरकारी योजना तहत क्षेत्रों में बल्कि निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के सृजन को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से यह बात का उल्लेख किया है कि इस योजना में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, सेवा क्षेत्र और स्टार्टअप्स का प्राथमिकता दी जाएगी।

सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक बात यह थी कि इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी पाने वाले लोगों को युवाओं को सरकार की ओर से 15,000 रुपये का विशेष प्रोत्साहन का राशि दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन राशि दो अलग अलग किस्तों में दी जाएगी – पहली किस्त में छह महीने की नौकरी पूरी होने पर इस मामले में और दूसरी किस्त एक साल की नौकरी पूरी होने पर। यह कदम का उद्देश्य युवाओं को शुरुआती चरण में ही वित्तीय सहायता राशि प्रदान करना है ताकि वे बिना किसी दबाव के ही अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

इसके अलावा, भी सरकार ने उन सभी कंपनियों को भी प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा जो अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके लिए उन्हें विशेष सब्सिडी दी गई और टैक्स में भी छूट दी जाएगी। यह कदम निजी स्थानों में भी क्षेत्र को भी रोजगार सृजन में भागीदार बनाया गया है , जिससे एक समावेशी विकास का कार्य कर सके और माहौल बनेगा।प्रधानमंत्री ने यह बात भी कहा कि ‘स्किल इंडिया’ मिशन के तहत भी ‘रोजगार इंडिया’ मिशन के तहत भी साथ जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि युवाओं को ऐसे कौशल और प्रशिक्षण दिए गए जिनकी बाजार में वास्तव में भी मांग है। नई प्रशिक्षण के दौरान शिक्षा नीति के साथ मिलकर यह पहल महत्वपूर्ण बात युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगी।

जीएसटी को ऐतिहासिक सुधार करना है

युवाओं के लिए रोजगार की नए मामले आ गया घोषणाओं के साथ-साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी (GST) प्रणाली में बड़े सुधारों की भी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि जीएसटी का उद्देश्य ‘एक राष्ट्र को सभी लोग को एक करना है और इसे और अधिक प्रभावी तरीके से बनाने के लिए ‘नेक्स्ट-जेनरेशन’ सुधारों को भी लागू किया जाना था।जीएसटी में सुधार का मुख्य लक्ष्य रखा गया है आम आदमी पर टैक्स पर बोझ को कम करना है और छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)में सीमांत लाभ पहुंचाना है। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की ये सुधार इस साल की योजना पर दिवाली तक लागू कर दिया जाएगा ।

इन सुधारों के तहत, सभी लोग को रोजमर्रा के दौरान इस्तेमाल की गई वस्तुओं पर टैक्स पर भी की गए दरों को भी कम कर दिया जाएगा। इससे दाल, चावल, तेल, मसाले, साबुन जैसी सभी लोग मौजूद आवश्यकता की भी सभी वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे आम लोगों के जीवन पर सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम महंगाई को भी नियंत्रित करने में भी मदद गार साबित हो सकता है।

इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने भी जीएसटी को सरल और सहज बनाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव में जीएसटी के वर्तमान टैक्स स्लैब को सरल और सहज रूप से कम और प्रभावी रूप से बनाने की बात कही गई है। वर्तमान में जीएसटी में कई टैक्स स्लैब बताया गया हैं, जिनसे सभी लोगों पर व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए भ्रम की स्थिति को पैदा करती है। नए सुधारों में दो-टियर टैक्स स्लैब (standard and merit) लागू करने का सुझाव कर दिया गया है। इसमें कुछ चुनिंदा वस्तुओं को भी लिए ही विशेष रूप से दरें होंगी। यह कदम न केवल व्यापार को आसान बनाएगा, न आम आदमी को बल्कि पारदर्शिता भी लाएगा।छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)के लोगों को राहत देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। उनके लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर फाइलिंग की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सहज बनाया जाएगा। साथ ही, उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का भी आसानी से लाभ मिल सके, इस प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जाएगा।

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