अल कायदा (AQIS) के टेरर मॉड्यूल की लेडी ‘बॉस’ शमा परवीन को गुजरात एटीएस (ATS) ने बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया है. 30 वर्षीय शमा झारखंड के कोडरमा की रहने वाली है और उस पर युवाओं को सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम के जरिए कट्टरपंथी बनाने और उनका ब्रेनवॉश करने का आरोप है. उसका मुख्य उद्देश्य भारत में धार्मिक उन्माद और दंगे फैलाना था, साथ ही वह भारत में शरिया कानून लागू करने और लोकतंत्र को खत्म करने जैसी बातों से युवाओं को उकसाती थी.

गिरफ्तारी का विवरण
शमा परवीन की गिरफ्तारी गुजरात एटीएस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जो ऑनलाइन आतंकी मॉड्यूल को तोड़ने में कामयाब रही है. उसकी गिरफ्तारी से पहले, 22 और 23 जुलाई 2025 को चार अन्य AQIS संदिग्ध आतंकी मोहम्मद फरदीन, सैफुल्लाह कुरैशी, जीशान अली और मोहम्मद फैक को दिल्ली, गुजरात और नोएडा से हिरासत में लिया गया था. इन्हीं आरोपियों से पूछताछ के आधार पर शमा परवीन का नाम सामने आया और उसे बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया गया.
शमा परवीन की भूमिका

गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी के अनुसार, शमा परवीन भारत में AQIS की मुख्य कर्ता-धर्ता बताई जा रही है. वह पाकिस्तान में अल कायदा के आकाओं से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए संपर्क में थी और 4-5 ऑनलाइन टेरर मॉड्यूल पर काम कर रही थी. कर्नाटक में पूरे मॉड्यूल को वह खुद हैंडल करती थी. उसके इंस्टाग्राम अकाउंट और उससे जुड़े 3 अन्य अकाउंट को बड़ी संख्या में लोग फॉलो करते थे, जिनका इस्तेमाल वह लड़कों को कट्टरपंथी बनाने के लिए करती थी.
शमा परवीन को ट्रांजिट रिमांड पर गुजरात लाया गया है, जहां उससे आगे की पूछताछ की जाएगी. सुरक्षा एजेंसियों को यह भी पता चला है कि वह बड़ी संख्या में पाकिस्तानी लोगों और दूसरे देशों के लोगों के संपर्क में थी, जिसकी जांच की जा रही है. उसका सोशल मीडिया अकाउंट लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था.
यह गिरफ्तारी भारत में ऑनलाइन कट्टरपंथ और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है.