श्री बंशीधर नगर : विकास और प्रशासनिक सुविधा के लिए दशकों पुरानी जिला बनाने की मांग

गढ़वा जिले के अंतर्गत जिसमें बंशीधर नगर को एक अलग जिला बनाने कीको लेकर सभी लोगों बहुत सालों पहले से ही पुरानी और प्रमुख मांग को सदन में उठाया गया है जिसमें भवनाथपुर के लोगों और विधायक अनंत प्रताप देव ने भी झारखंड विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर के सदन में मांग उठाया, जिससे यह एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में लगातार चलता आ रहा है। जिससे कि यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के लोगों की एक महत्वपूर्ण सामाजिक और प्रशासनिक और आवश्यकता की जानकारी बन चुकी है।

पृष्ठभूमि और मांग का कारण

श्री बंशीधर नगर, के अंतर्गत जिसे पहले नगर उंटारी के नाम से जाना जाता था, जो झारखंड के गढ़वा जिले का एक प्रमुख अनुमंडल है। यहां की मांग दशकों पुरानी है कि जो हर चुनाव में यह एक अहम चुनावी मुद्दा बन जाती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि बंशीधर नगर अनुमंडल क्षेत्र में पर्याप्त जनसंख्या है जिसके कारण इतना विकास कर लिया है कि इसे एक स्वतंत्र जिले का दर्जा दिया जा सके।

इस मांग को लेकर के सबसे बड़ा कारण गढ़वा जिला मुख्यालय से इसकी भौगोलिक दूरी है। जो श्री बंशीधर नगर से गढ़वा मुख्यालय की दूरी लगभग 40-45 किलोमीटर है, और सड़क मार्ग की स्थिति भी हमेशा अच्छी नहीं रहती। इस दूरी के कारण क्षेत्र के लोगों को अपने छोटे-मोटे प्रशासनिक कार्यों को लेकर के जैसे कोर्ट-कचहरी, रजिस्ट्री, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, या और भी अन्य अधिकारियों से मिलने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ती है। इस यात्रा में न केवल उनका समय बर्बाद होता है, बल्कि उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

संभावित लाभ और लोगों की अपेक्षाएं

लोगों का मानना यह है कि बंशीधर नगर को जिला बनाने से कई सकारात्मक बदलाव आएंगे जिससे प्रशासनिक सुविधा सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि प्रशासनिक व्यवस्था और लोगों के और करीब आ जाएगी। उन्हें अपने रोजमर्रा के कामों के लिए इतनी दूर की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और गति आएगी। और विकास में भी तेजी आएगी जिसमें जिला बनने के बाद, क्षेत्र में विकास परियोजनाओं के लिए सीधे फंड आवंटित किए जा सकेंगे। इससे आधारभूत संरचना, जैसे सड़कें, स्वास्थ्य सेवाएँ, और शिक्षा संस्थानों का विकास तेजी से होगा।

रोजगार के अवसर

एक नया जिला बनने पर कई नए सरकारी कार्यालय भी स्थापित होंगे, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।आर्थिक गतिविधि में वृद्धि:होगी और जिला मुख्यालय बनने से व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। नए बैंक, सरकारी और निजी संस्थान खुलेंगे, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

राजनीतिक पहलू और भविष्य की राह

भवनाथपुर विधानसभा के विधायक अनंत प्रताप देव ने इस मांग को विधानसभा में उठाकर लोगों की आवाज को सरकार तक पहुंचाया है। उन्होंने तर्क दिया है कि जिस प्रकार गढ़वा जिला बना था, उसी तर्ज पर बंशीधर नगर को भी जिला बनाया जाना चाहिए। यह मांग केवल राजनीतिक वादों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे लोगों की वर्षों की निराशा और विकास की भी झलक छिपी है।

हालांकि, किसी भी नए जिले का गठन के लिए सभी कार्यों और कलापों को लेकर और देखे यह मामला और जनसंख्या को देखकर ही कुछ भी फैसला लिया जाता है जिससे राज्य के हित में कार्यों के साथ साहितुभूति को बढ़ावा देता है जो एक लंबी और जटिल प्रक्रिया होती है। इसमें न केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है, न कि बल्कि गहन प्रशासनिक, वित्तीय और जनसांख्यिकी अध्ययन भी किए जाते हैं। जिससे सरकार को यह देखना होता है कि नया जिला बनाने से राज्य के खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा और इसका प्रशासनिक ढांचा को कैसे संभाला जाएगा

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