धनबाद में 83 हज़ार बुजुर्गों को पिछले चार महीने से पेंशन नहीं मिली है, और इसकी मुख्य वजह केंद्र सरकार से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना के तहत मिलने वाले अंश का न मिलना है। इस योजना में 200 रुपये केंद्र सरकार और 800 रुपये राज्य सरकार देती है, जिससे कुल 1000 रुपये प्रति माह मिलते हैं।

यह समस्या सिर्फ वृद्धा पेंशन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें दिव्यांग पेंशन और विधवा पेंशन भी शामिल हैं। इन दोनों योजनाओं में भी प्रति माह 1000 रुपये मिलते हैं, जिसमें केंद्र सरकार 300 रुपये और राज्य सरकार 700 रुपये देती है। केंद्र का अंश न मिलने के कारण राज्य सरकार इन सभी लाभार्थियों को राशि जारी नहीं कर पा रही है।
पेंशन पर निर्भर इन बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं के लिए यह स्थिति काफी मुश्किल है। कई लोगों की दवाइयां बंद हो गई हैं और वे अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
झारखंड में दो पेंशन योजनाएं हैं
झारखंड में दो तरह की पेंशन योजनाएं चल रही हैं:
* इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना: यह केंद्र और राज्य दोनों के अंशदान से चलती है। धनबाद में 83 हज़ार लोग इस योजना के तहत नामांकित हैं, और इन्हें ही पेंशन मिलने में दिक्कत हो रही है क्योंकि केंद्र का अंश नहीं मिला है।
* सर्वजन पेंशन योजना: यह पूरी तरह से राज्य सरकार की योजना है। धनबाद में 1.20 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और इन्हें जुलाई तक का भुगतान कर दिया गया है।
सरकार के नियमानुसार, कोई भी व्यक्ति दोनों में से केवल एक ही पेंशन योजना का लाभ ले सकता है। इसलिए, जिन लोगों ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना में अपना पंजीकरण कराया है, वे ही इस भुगतान संबंधी समस्या का सामना कर रहे हैं।
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