पीएलएफआई कमांडर मार्टिन केरकेट्टा मुठभेड़ में ढेर

पीएलएफआई कमांडर मार्टिन केरकेट्टा मुठभेड़ में ढेर

झारखंड पुलिस को उग्रवाद विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र के चंगाबाड़ी ऊपरटोली जंगल में हुई मुठभेड़ में ₹15 लाख का इनामी और पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) का शीर्ष कमांडर मार्टिन केरकेट्टा मारा गया। इस कार्रवाई को संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद मार्टिन ही संगठन की कमान संभाल रहा था।

मुठभेड़ का विवरण

गुमला के एसपी हारिस बिन जमा को गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआई के उग्रवादी इलाके में छिपे हुए हैं। सूचना के आधार पर, पुलिस की एक विशेष टीम ने फौरन इलाके की घेराबंदी शुरू कर दी। जैसे ही पुलिस टीम उग्रवादियों के करीब पहुंची, उन्होंने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें मार्टिन केरकेट्टा ढेर हो गया। पुलिस ने घटनास्थल से कई हथियार भी बरामद किए हैं। मुठभेड़ के दौरान, दो अन्य उग्रवादियों के घायल होने की खबर है, जबकि आधे से ज़्यादा उग्रवादी जंगल का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे।

कौन था मार्टिन केरकेट्टा?

मार्टिन केरकेट्टा मूल रूप से कामडारा के रेड़मा गांव का रहने वाला था। वह पीएलएफआई की केंद्रीय समिति का एक सक्रिय और महत्वपूर्ण सदस्य था। संगठन के लिए लेवी वसूली, लोगों को धमकाना, और फायरिंग जैसी आपराधिक गतिविधियों की रणनीति वही बनाता था। मार्टिन और पीएलएफआई सरगना दिनेश गोप बचपन के दोस्त थे। दोनों ने लापुंग के महुगांव में एक ही स्कूल में साथ पढ़ाई की थी, और बाद में दोनों ने मिलकर पीएलएफआई संगठन का विस्तार किया। इसी वजह से संगठन के भीतर उसका कद काफी ऊंचा था। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी।क्या आप इस घटना से संबंधित और कोई जानकारी चाहते हैं?

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