
झारखंड सरकार राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए एक नई लैंड अलॉटमेंट पॉलिसी बना रही है। इस नीति का उद्देश्य उद्योगों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान बनाना है, जो अब तक राज्य में निवेश के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा रही है।
अभी तक झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (JIADA) के नियमों के तहत उद्योगों को जमीन मिलती थी। लेकिन, नई नीति लागू होने के बाद, ग्लोबल 500 सूची में शामिल बड़ी कंपनियों सहित अन्य सभी उद्योगों को सीधे तौर पर सरकार से जमीन मिल पाएगी।
मुख्य बातें:
जमीन आवंटन के दो तरीके: नई नीति में जमीन देने के दो विकल्प होंगे – ऑक्शन (नीलामी) और सीधे आवंटन (डायरेक्ट अलॉटमेंट)।
निवेशकों को प्रोत्साहन: सरकार का मानना है कि इस नीति से निवेशकों को आसानी से जमीन मिल सकेगी, जिससे वे झारखंड में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे राज्य में उद्योग-धंधे बढ़ेंगे और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
एमओयू का क्रियान्वयन: झारखंड में कई कंपनियों के साथ एमओयू (समझौता ज्ञापन) हुए हैं, लेकिन जमीन न मिलने के कारण वे धरातल पर नहीं उतर पाए। यह नीति उन एमओयू को हकीकत में बदलने में मदद करेगी।
राज्य के उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव ने बताया कि यह पॉलिसी तैयार हो चुकी है और जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इस नीति के लागू होते ही छोटे-बड़े सभी उद्योगों को जमीन और अन्य सुविधाएं आसानी से मिल सकेंगी, जिससे राज्य का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल जाएगा।
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