चेक बाउंस मामले में अभिनेता विक्रम सिंह को एक साल जेल की सजा

न्यायिक दंडाधिकारी दिव्या राघव की अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता रांझा विक्रम सिंह को ₹1 करोड़ के चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराया है। यह मामला दुर्गा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक निलोय कुमार झा ने दर्ज कराया था।पूरा मामला क्या है?रांझा विक्रम सिंह ने 5 मार्च 2019 को अपनी फिल्म ‘फौजी कॉलिंग’ बनाने के लिए निलोय कुमार झा से बड़ी रकम उधार ली थी। जब झा ने अपने पैसे वापस मांगे, तो विक्रम सिंह ने उन्हें ₹1 करोड़ का चेक दिया। हालांकि, यह चेक बाउंस हो गया, जिसके बाद झा ने 7 जून 2021 को विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा दायर किया। दोनों पक्षों के बीच इस मामले को सुलझाने की कोशिश भी की गई थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी।अदालत का फैसलामामले की सुनवाई के बाद, अदालत ने विक्रम सिंह को दोषी मानते हुए उन्हें एक साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा, अदालत ने उन्हें चेक की राशि ₹1 करोड़ और हर्जाना के रूप में ₹20 लाख, यानी कुल ₹1.20 करोड़, निलोय कुमार झा को चुकाने का आदेश दिया है। सोमवार को जब यह फैसला सुनाया गया, तो विक्रम सिंह अदालत में खुद मौजूद थे।अदालत ने अभिनेता को अपनी सजा के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिनों की औपबंधिक जमानत भी दी है, जिससे उन्हें ऊपरी अदालत में अपील करने का समय मिल सके। शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता राहुल पांडेय ने अदालत में अपना पक्ष रखा।

समाज की नई सोच बेजुबानों के लिए रौशनी का सहारा

चतरा। नगर परिषद क्षेत्र में आवारा पशुओं के सड़क हादसे से बचाव को लेकर युवाओं की टोली ने एक अनोखी पहल की है। शहर के ग्वालटोली मोहल्ला के युवाओं की टोली सड़क पर विचरण कर रहे आवारा पशुओं के गले में रेडियम पट्टी बांध रहे हैं। ताकि उन्हें दुर्घटनाओं से बचाया जा सके।चतरा। नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत आवारा पशुओं के सड़क हादसे से बचाव को लेकर युवाओं की टोली ने एक अनोखी पहल की है।शहर के ग्वालटोली मोहल्ला के युवाओं की टोली सड़क पर विचरण कर रहे आवारा पशुओं के गले में रेडियम पट्टी बांध रहे हैं। ताकि सड़क हादसो में बेजुबान पशुओं की असामयिक मौत में कमी आए।युवाओं की टोली ने अब तक सड़क पर आवारा घूमने वाले 50 पशुओं के गले में रेडियम वाला पट्टा बांधा है। अभियान लगातार जारी है। इसे सफल बनाने में मोहल्ले के एक दर्जन से अधिक युवा लगे हैं।आवारा पशु हादसे के शिकार होते हैं। दो पहिया, चार पहिया और बड़े वाहन चालकों को रात के अंधेरे में सड़क पर बैठे आवारा पशु दिखाई नहीं देते हैं। जिससे दुर्घटनाएं होती रहती है। दुर्घटना में बेजुबान पशुओं की मौत हो जा रही है।इसलिए उनके गले में रिफ्लेक्टर और रेडियम की बेल्ट बांधी जा रही है, ताकि जो लाइट की रोशनी जब इनके ऊपर पड़ेगी, वह वापस रिफ्लेक्शन गाड़ी के ड्राइवर को दिखाई देगा

गुमला में ₹66 लाख की अवैध अंग्रेजी शराब जब्त, दो गिरफ्तार

गुमला में ₹66 लाख की अवैध अंग्रेजी शराब जब्त, दो गिरफ्तार

गुमला: गुमला जिले की भरनो थाना पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने NH-23 (रांची-गुमला मुख्य मार्ग) पर एक कंटेनर से ₹66 लाख से अधिक कीमत की अवैध अंग्रेजी शराब जब्त की है। यह शराब हरियाणा में बनाई गई थी। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी कि अवैध शराब का एक बड़ा जखीरा कंटेनर में भरकर रांची से गुमला होते हुए बिहार भेजा जा रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भरनो थाना क्षेत्र में NH-23 पर सघन जांच अभियान शुरू किया।जांच के दौरान, पुलिस ने एक संदिग्ध कंटेनर को रोका और उसकी तलाशी ली। तलाशी में कंटेनर के अंदर 685 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब मिली। इस शराब की बाजार में कीमत ₹66 लाख से अधिक आंकी गई है। यह शराब हरियाणा में निर्मित थी।पुलिस ने तुरंत कंटेनर को जब्त कर लिया और कंटेनर में मौजूद दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है ताकि इस अवैध शराब तस्करी के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।पुलिस ने बताया कि यह अवैध शराब झारखंड के रास्ते बिहार भेजी जा रही थी, जहां इसकी मांग ज्यादा है और कीमत भी अधिक मिलती है। इस कार्रवाई से अवैध शराब के कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है। पुलिस आगे की जांच कर रही है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।

झारखंड के पुर्व सीएम शिबू सोरेन का हुआ निधन

भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, जिन्हें प्यार से ‘गुरुजी’ या ‘दिशोम गुरु’ कहा जाता था, का 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली।


शिबू सोरेन: जीवन और संघर्ष


शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को वर्तमान रामगढ़ जिले में हुआ था। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। महज 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया, जिनकी हत्या सूदखोर महाजनों ने कर दी थी। इस घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़कर महाजनों के शोषण के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट करने का फैसला किया।
1970 में, उन्होंने ‘धान कटनी आंदोलन’ शुरू करके महाजनों के खिलाफ एक बड़ा संघर्ष छेड़ दिया। इस आंदोलन ने उन्हें चर्चा में ला दिया, लेकिन महाजनों के गुंडों ने उन्हें रास्ते से हटाने की कोशिशें भी कीं। एक बार जब वे बाइक से गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रहे थे, तो उन्हें घेर लिया गया। लेकिन उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए बाइक समेत उफनती बराकर नदी में छलांग लगा दी और सुरक्षित बाहर निकल आए। इस घटना को लोगों ने एक चमत्कार माना और तभी से आदिवासी समुदाय ने उन्हें ‘दिशोम गुरु’ (देश का गुरु) कहना शुरू कर दिया।


राजनीतिक सफर और मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल


शिबू सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे UPA के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार में कोयला मंत्री भी रह चुके थे।
झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल काफी छोटे रहे। वह तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन तीनों ही बार उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया।
* पहला कार्यकाल: 2 मार्च 2005 को वे पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण 10 दिनों में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
* दूसरा कार्यकाल: 27 अगस्त 2008 को वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इस दौरान उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना था। उन्होंने तमाड़ सीट से उपचुनाव लड़ा, लेकिन हार गए और 18 जनवरी 2009 को इस्तीफा देना पड़ा।
* तीसरा कार्यकाल: 30 दिसंबर 2009 को तीसरी बार उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन पांच महीने बाद 31 मई 2009 को उन्हें फिर से इस्तीफा देना पड़ा।
कुल मिलाकर, अपने तीन कार्यकाल में वे सिर्फ 10 महीने और 10 दिन ही राज्य के मुख्यमंत्री रह पाए।
शिबू सोरेन को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और वे लंबे समय से किडनी की बीमारी, डायबिटीज और दिल की समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है।

गढ़वा में सेविका और सहायिका की भर्ती के लिए आम सभा

गढवा, झारखंड: समाहरणालय, गढ़वा (समाज कल्याण शाखा) ने गढ़वा जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका और सहायिका के रिक्त पदों पर चयन के लिए प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। इस सूचना के माध्यम से, सभी योग्य अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि वे नीचे दिए गए विवरण के अनुसार निर्धारित तिथियों और समय पर आम सभा में उपस्थित होकर चयन प्रक्रिया में भाग लें।


महत्वपूर्ण निर्देश
* योग्यता: आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र के पोषक क्षेत्र का निवासी होना अनिवार्य है।
* दस्तावेज: आम सभा में उपस्थित होते समय सभी आवश्यक दस्तावेज, जैसे शैक्षणिक प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आदि की मूल प्रति और स्व-सत्यापित (self-attested) फोटोकॉपी साथ लाना अनिवार्य है।
* समय: सभी आम सभाएं निर्धारित तिथि को सुबह 10:00 बजे से शुरू होंगी। अभ्यर्थियों को समय पर पहुंचना होगा।

रांची में भीषण आग: दो दुकानें पूरी तरह जलकर खाक, शॉर्ट सर्किट की आशंका

चौक के पास रविवार तड़के एक बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। इस आग में बिल्डिंग की निचली मंजिल पर स्थित दो स्टेशनरी की दुकानें पूरी तरह से जलकर खाक हो गईं। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऊपरी मंजिल पर स्थित मकान को भी काफी नुकसान पहुंचा है।


आग सुबह करीब चार बजे लगी। बताया जा रहा है कि आग की लपटें इतनी तेज थीं कि देखते ही देखते पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। ऊपरी मंजिल पर सो रहे लोगों ने शोर सुनकर आनन-फानन में अपने घरों से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। अगर कुछ मिनटों की भी देरी होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को भी दुकानों से सामान बचाने का मौका नहीं मिला। आग के कारण बिल्डिंग के पास जाना भी मुश्किल हो गया था। इस घटना में बगल की इमारत को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है।
आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी ब्रह्मदेव प्रसाद ने बताया कि दमकल की चार गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं, लेकिन आग बुझाने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। घंटों की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
बिल्डिंग के मालिक ने बताया कि आग में उनका सब कुछ जलकर राख हो गया है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन लाखों रुपए का सामान जलकर बर्बाद हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

झारखंड आदिवासी महोत्सव 2025: तैयारियां पूरी, भव्यता की उम्मीद

झारखंड की राजधानी रांची में 9 से 11 अगस्त, 2025 तक होने वाले आदिवासी महोत्सव की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव अलका तिवारी ने की, जिसमें महोत्सव को सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।


महोत्सव की मुख्य झलकियाँ
* सेल्फी पॉइंट्स: रांची और अन्य जिलों में आकर्षक ‘सेल्फी पॉइंट्स’ बनाए जाएंगे ताकि युवा और पर्यटक महोत्सव से जुड़ सकें।
* स्वास्थ्य शिविर: लोगों को सीधे लाभ पहुँचाने के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर लगाए जाएंगे।
* फिल्म फेस्टिवल: झारखंड के स्थानीय कलाकारों की फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होगा।
* कला और संस्कृति: महोत्सव स्थल तक जाने वाले रास्ते को आदिवासी संस्कृति की झलकियाँ से सजाया जाएगा।
* फूड स्टॉल: आगंतुकों के लिए झारखंडी व्यंजनों के स्टॉल और बेहतर फूड डिस्ट्रीब्यूशन की व्यवस्था की जाएगी।
* नवाचार: इस साल ड्रोन शो, लेजर शो और आदिवासी परिधान शो जैसे कई नए आकर्षण शामिल किए जाएंगे।
* कवि सम्मेलन: पहली बार एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें कुमार विश्वास और संपत सरल जैसे प्रसिद्ध कवि शामिल हो सकते हैं।


* रीझ रंग रसिका: 32 जनजातीय कलाकारों द्वारा ‘रीझ रंग रसिका’ का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। यह झांकी विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए कार्यक्रम स्थल तक पहुँचेगी।
सुरक्षा और व्यवस्था पर जोर
बैठक में सुरक्षा और पार्किंग की व्यवस्था पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और समय पर सभी तैयारियों को पूरा करने का निर्देश दिया। इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी, जैसे कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी, रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, और पुलिस उपमहानिरीक्षक चंदन कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।

हजारीबाग में डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़

हजारीबाग पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों को गैरकानूनी तरीके से ‘डंकी रूट’ (Donkey Route) के माध्यम से अमेरिका भेजता था। इस गिरोह के मास्टरमाइंड उदय कुमार कुशवाहा सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उदय कुशवाहा, जो पिछले 45 सालों से अमेरिका में रह रहा था और उसके पास अमेरिकी नागरिकता भी है, वह इस पूरे रैकेट को चला रहा था।


कैसे होता था अवैध काम?


यह गिरोह लोगों को अमेरिका में नौकरी का लालच देकर ‘डंकी रूट’ के जरिए भेजता था और इसके बदले लाखों रुपये वसूलता था। यह मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित सोनू कुमार की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। सोनू को अमेरिका में अवैध रूप से रहने के आरोप में डिपोर्ट कर दिया गया था।
जांच में पता चला कि उदय ने सोनू को दिल्ली से ब्राजील भेजा, और वहाँ से उसे पेरू, कोलंबिया, पनामा होते हुए ग्वाटेमाला तक ले जाया गया। इस खतरनाक यात्रा के दौरान सोनू को 50 दिनों तक माफिया के कब्जे में रखा गया, जहाँ उसे सिर्फ एक समय का भोजन मिलता था और कंटेनर में छिपाकर रखा जाता था।


उदय ने सोनू की रिहाई के लिए उसके परिवार से 45 लाख रुपये की मांग की, जो परिवार ने चुका भी दिए। इसके बावजूद, सोनू को अमेरिका बॉर्डर पर गिरफ्तार करके डिटेंशन सेंटर में रखा गया और चार महीने बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया। भारत लौटने के बाद सोनू ने हजारीबाग पुलिस को लिखित शिकायत दी, जिसके बाद इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।


कौन-कौन हुए गिरफ्तार?


पुलिस ने उदय कुशवाहा के अलावा उसके चार साथियों – दर्शन प्रसाद, लालमोहन प्रसाद, चौहान प्रसाद और शंकर प्रसाद को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।


सोनू कुमार की आपबीती

सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम किया

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। कुचाई थाना क्षेत्र के मासीबेरा गांव के पास चलाए गए एक संयुक्त तलाशी अभियान में, सुरक्षाबलों ने करीब 60 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की।


पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के उग्रवादियों ने इस क्षेत्र में भारी मात्रा में विस्फोटक छिपा रखे हैं। इन विस्फोटकों का इस्तेमाल सालों पहले सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए किया जाना था।
इस सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत के निर्देश पर सरायकेला-खरसावां पुलिस, चाईबासा पुलिस, सीआरपीएफ (CRPF) और एसएसबी (SSB) की एक संयुक्त टीम बनाई गई। इस टीम ने गुरुवार को मासीबेरा गांव के जंगली और पहाड़ी इलाके में एक गहन तलाशी अभियान चलाया।
तलाशी के दौरान, टीम को एक नीले प्लास्टिक कंटेनर में 20 पैकेट अमोनियम नाइट्रेट (प्रत्येक 1 किलो) मिला। इसके अलावा, एक बड़े स्टील कंटेनर में पाउडर के रूप में और भी अमोनियम नाइट्रेट पाया गया। सुरक्षाबलों ने 10 पैकेट वैसिलीन पेट्रोलियम जैली (प्रत्येक 42 ग्राम) भी बरामद की, जिसका उपयोग विस्फोटकों की ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता है।
इन सभी विस्फोटक सामग्रियों को बम निरोधक दस्ते की मदद से मौके पर ही सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया गया।

झारखण्ड के शिक्षा मंत्री राम दास सोरेन बाथरूम में गिरे

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का आज सुबह बाथरूम में फिसलकर गिर जाने से उनके सिर और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि सिर में लगी चोट के कारण उनके ब्रेन में ब्लड क्लॉट हो गया है, जिससे उनकी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है।


हादसे के तुरंत बाद उन्हें जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद, उन्हें तत्काल एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया गया।


इस घटना की जानकारी झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी, और उन्होंने रामदास सोरेन के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। खबर मिलते ही कई बड़े नेता, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल थे, अस्पताल पहुंचे। अर्जुन मुंडा ने दिल्ली के अपोलो अस्पताल के निदेशक से बात कर इलाज की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के एक बड़े नेता और घाटशिला से विधायक रामदास सोरेन की नाजुक हालत को देखते हुए, उनके परिवार और समर्थकों में चिंता का माहौल है। सभी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।