गढ़वा के लोगों मिला एक आधुनिक सिनेमा हॉल

गढ़वा के खजुरी में, द रॉयल ग्रैंड रिसॉर्ट में एक अत्याधुनिक सिनेमा हॉल, छोटू महाराज सिनेमा हॉल, का उद्घाटन कर जिले में मनोरंजन के एक नए युग की शुरुआत हुई है। इस हॉल का उद्घाटन गढ़वा के लोगों के लिए 20 साल के लंबे इंतजार के बाद हुआ है। अब लोगों को फिल्में देखने के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।


इस खास मौके पर गढ़वा के उपायुक्त दिनेश कुमार और पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार जैसे गणमान्य लोग उपस्थित थे। समारोह की शुरुआत चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। उन्होंने इस पहल को लेकर अपनी खुशी व्यक्त की और कहा कि इससे न केवल लोगों को मनोरंजन मिलेगा, बल्कि उनके समय और पैसे की भी बचत होगी। उन्होंने इस दूरदर्शिता के लिए उपायुक्त दिनेश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही यह संभव हो पाया है।


इस सिनेमा हॉल में नवीनतम तकनीक और सुविधाएं हैं, जो दर्शकों को एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करेंगी। यह गढ़वा में सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। यह उद्घाटन गढ़वा के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जो उन्हें आधुनिक जीवन शैली के करीब लाती है।
इस उद्घाटन समारोह को सफल बनाने में मुखिया समेत कई स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस पहल से पूरे जिले में उत्साह का माहौल है और लोगों को उम्मीद है कि भविष्य में भी ऐसी और सुविधाएं मिलेंगी।

डूमरशीला विद्यालय के शिक्षक का प्रमाण पत्र से भरा बैग हुआ चोरी


यह सूचना नव प्राथमिक विद्यालय डुमरसीला, धुरकी के प्रधान शिक्षक श्री नंदलाल विश्वकर्मा की ओर से है। शुक्रवार को धुरकी से नगरउटारी रेलवे स्टेशन की यात्रा के दौरान, मेरा एक अत्यंत महत्वपूर्ण झोला (बैग) मुख्य सड़क पर कहीं गिर गया है।


यह झोला मेरे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीजों से भरा हुआ है। इसमें मेरे सभी मूल शैक्षणिक प्रमाण-पत्र, जैसे कि डिग्री, मार्कशीट और शिक्षक होने से संबंधित अन्य सभी प्रमुख दस्तावेज़ थे। इसके साथ ही, विद्यालय से संबंधित कई गोपनीय और विभागीय कागजात भी उसी झोले में थे।
यह झोला सफेद रंग के प्लास्टिक का है। मैं सभी से विनम्र अनुरोध करता हूँ कि अगर आपको यह झोला धुरकी-नगरउटारी मुख्य सड़क पर कहीं भी मिले, तो कृपया इसे अनदेखा न करें। मेरे लिए ये दस्तावेज़ सिर्फ कागज़ नहीं, बल्कि मेरे जीवन की कड़ी मेहनत का परिणाम हैं।
आपसे अनुरोध है कि झोला मिलते ही कृपया मेरे मोबाइल नंबर 9304386414 पर संपर्क कर मुझे सूचित करें। मैं आपका आजीवन आभारी रहूँगा।
विकल्प 2: आधिकारिक सूचना बोर्ड के लिए
अति आवश्यक सूचना: महत्वपूर्ण दस्तावेज़ खो गए
नव प्राथमिक विद्यालय डुमरसीला, धुरकी के प्रधान शिक्षक श्री नंदलाल विश्वकर्मा का एक सफेद प्लास्टिक का झोला धुरकी से नगरउटारी जाने वाली मुख्य सड़क पर खो गया है।
झोले में निम्नलिखित अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज़ थे:
* प्रधान शिक्षक नंदलाल विश्वकर्मा के सभी मूल शैक्षणिक प्रमाण-पत्र और डिग्रियां।
* शिक्षक के रूप में नियुक्ति से संबंधित सभी विभागीय कागजात।
* विद्यालय से संबंधित महत्वपूर्ण और गोपनीय फाइलें।
जो भी सज्जन इस झोले को पाएँ, उनसे विनम्र निवेदन है कि मानवता के नाते तुरंत नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करें। इन दस्तावेज़ों का मिलना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है।
संपर्क: 9304386414
आपका सहयोग हमारे लिए अमूल्य है।

लातेहार में हाथियों के झुंड ने युवक को सूड से फेंका

हेरहंज, लातेहार: हेरहंज थाना क्षेत्र के तासू गांव में शुक्रवार की सुबह जंगली हाथियों के हमले में एक 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान विनय भुइयां के रूप में हुई है।
विनय भुइयां अपनी पत्नी ननकी देवी के साथ सरकारी आवास के निर्माण के लिए सड़क किनारे एक झोपड़ी में रह रहे थे। शुक्रवार की सुबह करीब 12 से 13 जंगली हाथियों का एक झुंड वहां पहुंचा और झोपड़ी को तोड़ दिया। उन्होंने विनय को सूंड से उठाकर पटक दिया, जिससे उसकी कमर टूट गई।


घटना के तुरंत बाद, विनय को इलाज के लिए सदर अस्पताल लातेहार ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलने के बाद रेंजर नंदकुमार महतो घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक की पत्नी को तत्काल 40 हजार रुपये की सहायता राशि दी। उन्होंने यह भी बताया कि आवेदन जमा करने के बाद 60 हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि दी जाएगी।
रेंजर नंदकुमार महतो ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद परिवार को बाकी 3 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विनय अपनी झोपड़ी में शराब बनाता और बेचता था, और संभवतः शराब की गंध से आकर्षित होकर ही हाथी वहां पहुंचे थे।

देश के करोड़ों किसानों के लिए डबल गुड न्यज़ू! पीएम किसान की 20 वीं किस्त के साथ, सरकार ने दिया 6520 करोड़ रुपये का तोहफा

आप पीएम किसान योजना से जुड़ी 20वीं किस्त और पीएम किसान संपदा योजना (PMKSY) से जुड़ी जानकारी चाहते हैं, जिसे पढ़कर लोग खुश हो जाएं।
यहाँ आपके लिए एक दिलचस्प और पूरी जानकारी वाली न्यूज़ हेडलाइन और लेख है:
देश के करोड़ों किसानों के लिए डबल गुड न्यूज़! पीएम किसान की 20वीं किस्त के साथ, सरकार ने दिया 6520 करोड़ रुपये का तोहफा
देशभर के किसानों का इंतज़ार अब खत्म होने वाला है! प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) की 20वीं किस्त का पैसा जल्द ही किसानों के बैंक खातों में आने वाला है। इसी बीच, सरकार ने किसानों की आय और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक और बड़ी घोषणा की है।


पीएम किसान की 20वीं किस्त का इंतजार हुआ खत्म
करोड़ों किसान पिछले कुछ समय से पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। अब यह इंतज़ार खत्म होने वाला है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सीधे किसानों के खातों में ₹2,000 की राशि भेजेंगे। यह खास मौका वाराणसी में एक बड़े कार्यक्रम के दौरान होगा, जहाँ प्रधानमंत्री कई अन्य परियोजनाओं की भी घोषणा करेंगे।
पीएम किसान संपदा योजना: ₹6520 करोड़ का ऐतिहासिक फैसला
पीएम किसान की किस्त से ठीक पहले, मोदी कैबिनेट ने किसानों के लिए एक और बहुत बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के लिए ₹6,520 करोड़ के भारी-भरकम परिव्यय को मंजूरी दी है। यह राशि 15वें वित्त आयोग के 2021-22 से 2025-26 तक के चक्र के लिए मंजूर की गई है। इस योजना का मकसद किसानों को खेती से लेकर बाजार तक हर कदम पर मजबूत करना है।
इस योजना से क्या-क्या मिलेगा?
इस ऐतिहासिक बजट के तहत किसानों को कई नए लाभ मिलेंगे:
* 50 नई खाद्य विकिरण इकाइयां: इससे खाद्य उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा, जिससे फसल बर्बाद नहीं होगी और किसान अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेच पाएंगे। इन इकाइयों से हर साल 20 से 30 लाख मीट्रिक टन तक सामान सुरक्षित रखा जा सकेगा।
* 100 नई खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं: देश भर में NABL-मान्यता प्राप्त ये प्रयोगशालाएं खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगी। इससे किसानों के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने में मदद मिलेगी, जिससे उनका निर्यात भी बढ़ेगा।
* आधुनिक कोल्ड स्टोरेज चेन: कोल्ड स्टोरेज और मूल्य संवर्धन के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा, जिससे फल, सब्ज़ियाँ और अन्य जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा।
PMKSY क्या है?
PMKSY, यानी प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है। इसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय चलाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य खेत से लेकर बाजार तक की पूरी आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) को मजबूत करना है। इसका मतलब है कि फसल उत्पादन, कटाई, प्रसंस्करण (Processing), और बिक्री तक हर चरण में किसानों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
सरकार के इन फैसलों से किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा—एक तरफ, उन्हें सीधे आर्थिक मदद मिलेगी, और दूसरी तरफ, उनकी फसलों को सुरक्षित रखने और बेहतर दाम दिलाने के लिए आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। यह कदम किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

47% पारा शिक्षक  परीक्षा में हुए फेल , सफल टीचरों की संख्या में वृद्धि होगी

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने हाल ही में पारा शिक्षकों के लिए आयोजित आकलन परीक्षा-2024 के नतीजे जारी किए हैं। इन नतीजों ने कई लोगों को चौंका दिया है, क्योंकि परीक्षा देने वाले लगभग 47% पारा शिक्षक असफल रहे।


यह परीक्षा उन प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के लिए थी, जिन्होंने अभी तक झारखंड पात्रता परीक्षा (JETET) पास नहीं की है।
परीक्षा के मुख्य परिणाम:
* कुल उम्मीदवार: 10,719 पारा शिक्षक
* सफल उम्मीदवार: 5,724 (लगभग 53%)
* असफल उम्मीदवार: लगभग 47%
यह परीक्षा दो स्तरों में ली गई थी:
* लेवल-1: इसमें 9,449 शिक्षक शामिल हुए, जिनमें से 4,910 सफल हुए।
* लेवल-2: इसमें 1,270 शिक्षक शामिल हुए, जिनमें से 814 ने सफलता प्राप्त की।
क्या होगा सफल शिक्षकों के लिए?
जैक ने यह साफ कर दिया है कि आकलन परीक्षा में पास होने वाले पारा शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। इससे उनके वेतन में बढ़ोतरी होगी, जो उनके लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।

कोडरमा के अलकायदा मॉड्यूल की सरगना सबा प्रवीण हुए गिरफ्तार

अल कायदा (AQIS) के टेरर मॉड्यूल की लेडी ‘बॉस’ शमा परवीन को गुजरात एटीएस (ATS) ने बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया है. 30 वर्षीय शमा झारखंड के कोडरमा की रहने वाली है और उस पर युवाओं को सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम के जरिए कट्टरपंथी बनाने और उनका ब्रेनवॉश करने का आरोप है. उसका मुख्य उद्देश्य भारत में धार्मिक उन्माद और दंगे फैलाना था, साथ ही वह भारत में शरिया कानून लागू करने और लोकतंत्र को खत्म करने जैसी बातों से युवाओं को उकसाती थी.


गिरफ्तारी का विवरण


शमा परवीन की गिरफ्तारी गुजरात एटीएस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जो ऑनलाइन आतंकी मॉड्यूल को तोड़ने में कामयाब रही है. उसकी गिरफ्तारी से पहले, 22 और 23 जुलाई 2025 को चार अन्य AQIS संदिग्ध आतंकी मोहम्मद फरदीन, सैफुल्लाह कुरैशी, जीशान अली और मोहम्मद फैक को दिल्ली, गुजरात और नोएडा से हिरासत में लिया गया था. इन्हीं आरोपियों से पूछताछ के आधार पर शमा परवीन का नाम सामने आया और उसे बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया गया.


शमा परवीन की भूमिका


गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी के अनुसार, शमा परवीन भारत में AQIS की मुख्य कर्ता-धर्ता बताई जा रही है. वह पाकिस्तान में अल कायदा के आकाओं से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए संपर्क में थी और 4-5 ऑनलाइन टेरर मॉड्यूल पर काम कर रही थी. कर्नाटक में पूरे मॉड्यूल को वह खुद हैंडल करती थी. उसके इंस्टाग्राम अकाउंट और उससे जुड़े 3 अन्य अकाउंट को बड़ी संख्या में लोग फॉलो करते थे, जिनका इस्तेमाल वह लड़कों को कट्टरपंथी बनाने के लिए करती थी.
शमा परवीन को ट्रांजिट रिमांड पर गुजरात लाया गया है, जहां उससे आगे की पूछताछ की जाएगी. सुरक्षा एजेंसियों को यह भी पता चला है कि वह बड़ी संख्या में पाकिस्तानी लोगों और दूसरे देशों के लोगों के संपर्क में थी, जिसकी जांच की जा रही है. उसका सोशल मीडिया अकाउंट लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था.
यह गिरफ्तारी भारत में ऑनलाइन कट्टरपंथ और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है.

पीएम किसान की 20 वीं किस्त 2 अगस्त  2025 को 11 बजे जारी जारी होगा

देशभर के करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की 20वीं किस्त 2 अगस्त 2025 को किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। लंबे समय से इस किस्त का इंतजार कर रहे किसानों के लिए यह एक राहत भरी खबर है।
प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी से करेंगे जारी
मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं 2 अगस्त को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक विशेष कार्यक्रम में बटन दबाकर लगभग 9.7 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 20,500 करोड़ रुपये की यह राशि सीधे हस्तांतरित करेंगे। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की है।
अप्रैल-जुलाई की किस्त का इंतजार हुआ खत्म
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो 2000-2000 रुपये की तीन समान किस्तों में जारी की जाती है। पिछली किस्त 24 फरवरी को जारी की गई थी, जिसके बाद अप्रैल-जुलाई की अवधि के लिए 20वीं किस्त का इंतजार था। आमतौर पर यह किस्त जून-जुलाई में आ जाती है, लेकिन इस बार अगस्त तक का इंतजार करना पड़ा।


कौन होंगे लाभार्थी?
यह 20वीं किस्त उन्हीं किसानों को मिलेगी जिनकी e-KYC (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) और भूमि सत्यापन (Land Seeding) की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इन प्रक्रियाओं को पूरा करना अनिवार्य है ताकि योजना का लाभ सही और पात्र किसानों तक पहुंच सके। जिन किसानों ने अभी तक अपनी e-KYC या भूमि सत्यापन नहीं कराया है, उन्हें इस किस्त से वंचित होना पड़ सकता है।
कैसे चेक करें अपना स्टेटस?
किसान अपनी किस्त का स्टेटस पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर ‘नो योर स्टेटस’ (Know Your Status) विकल्प पर क्लिक करके चेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। यह जानकारी प्राप्त करने के लिए आधार नंबर, बैंक खाता विवरण और भूमि का विवरण (खसरा संख्या, क्षेत्रफल आदि) भी आवश्यक हो सकता है।
योजना का महत्व
पीएम किसान सम्मान निधि योजना देश के छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी आय बढ़ाने और कृषि कार्यों में मदद करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। यह दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजनाओं में से एक है, जिसने करोड़ों किसानों को सीधा लाभ पहुंचाया है। 20वीं किस्त के जारी होने से किसानों को खेती की लागत और घरेलू जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
किसानों से अपील की जाती है कि वे अपने सभी आवश्यक दस्तावेज अपडेट रखें ताकि भविष्य में किसी भी किस्त का लाभ मिलने में कोई बाधा न आए।

Jharkhand Neet Councelling 2025

झारखंड NEET UG काउंसलिंग 2025 झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा बोर्ड (JCECEB) द्वारा आयोजित की जाती है। यह काउंसलिंग NEET UG 2025 के स्कोर के आधार पर राज्य के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में MBBS और BDS पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए की जाती है।


महत्वपूर्ण तिथियां (राउंड 1):
* ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और चॉइस फिलिंग की शुरुआत: 30 जुलाई 2025 (आज से शुरू)
* ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और चॉइस फिलिंग की अंतिम तिथि: 3 अगस्त 2025
* चॉइस एडिट करने की अंतिम तिथि: 4 अगस्त 2025
* सीट अलॉटमेंट रिजल्ट: 6 अगस्त 2025
* प्रोविजनल सीट अलॉटमेंट लेटर डाउनलोड: 6 अगस्त से 12 अगस्त 2025
* दस्तावेज सत्यापन और प्रवेश: 7 अगस्त से 12 अगस्त 2025
योग्यता मानदंड:
* उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए और झारखंड का स्थायी/स्थानीय निवासी होना चाहिए।
* उम्मीदवार ने NEET UG 2025 परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
* उम्मीदवार ने 12वीं कक्षा में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), जीव विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी (Biology/Biotechnology) और अंग्रेजी (English) विषयों में अलग-अलग पास किया हो।
* सामान्य/EWS श्रेणी के लिए: 12वीं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी में कुल मिलाकर न्यूनतम 50% अंक।
* SC/ST/BC-I/BC-II श्रेणी के लिए: 12वीं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी में कुल मिलाकर न्यूनतम 40% अंक।
* दिव्यांग (PwD) श्रेणी के लिए: 12वीं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी में कुल मिलाकर न्यूनतम 45% अंक।
* 31 दिसंबर 2025 तक उम्मीदवार की आयु 17 वर्ष होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया:
* पंजीकरण: JCECEB की आधिकारिक वेबसाइट jceceb.jharkhand.gov.in पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करें। इसमें NEET UG रोल नंबर, व्यक्तिगत विवरण और शैक्षणिक विवरण भरने होंगे।
* दस्तावेज अपलोड: आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियां अपलोड करें (नीचे देखें)।
* आवेदन शुल्क का भुगतान: काउंसलिंग शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें।
* चॉइस फिलिंग: पंजीकरण के बाद, अपनी पसंद के मेडिकल/डेंटल कॉलेजों और पाठ्यक्रमों का चयन करें। आप अपनी वरीयता के अनुसार जितनी चाहें उतनी पसंद भर सकते हैं।
* चॉइस लॉकिंग: अंतिम तिथि से पहले अपनी पसंद को लॉक करें।
आवश्यक दस्तावेज:
* NEET UG 2025 एडमिट कार्ड
* NEET UG 2025 रैंक कार्ड/स्कोरकार्ड
* कक्षा 10वीं की मार्कशीट और प्रमाण पत्र
* कक्षा 12वीं की मार्कशीट और प्रमाण पत्र
* झारखंड अधिवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate)
* जाति/श्रेणी प्रमाण पत्र (यदि लागू हो, झारखंड के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी)
* पहचान पत्र (आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि)
* पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ (NEET आवेदन पत्र में उपयोग किए गए समान)
* विकलांगता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
सीट मैट्रिक्स:
झारखंड में सरकारी और निजी मेडिकल/डेंटल कॉलेजों में सीटों की संख्या जल्द ही JCECEB द्वारा जारी की जाएगी। आमतौर पर, राज्य के कुल सीटों में से 85% राज्य कोटा के तहत और 15% अखिल भारतीय कोटा (AIQ) के तहत भरे जाते हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी:


* JCECEB द्वारा आज, 30 जुलाई 2025 से चॉइस फिलिंग लिंक सक्रिय कर दिया गया है।
* 3171 उम्मीदवार MBBS और BDS पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए योग्य पाए गए हैं।
* 78 उम्मीदवार अयोग्य घोषित किए गए हैं, मुख्यतः NEET में न्यूनतम कट-ऑफ अंक प्राप्त न करने या 12वीं कक्षा में आवश्यक प्रतिशत अंक न होने के कारण।
नवीनतम अपडेट और विस्तृत जानकारी के लिए, उम्मीदवारों को JCECEB की आधिकारिक वेबसाइट (jceceb.jharkhand.gov.in) पर नियमित रूप से जाने की सलाह दी जाती है।

झारखंड के GDP विकास पर एक नजर



झारखंड, जिसे ‘खनिजों का प्रदेश’ भी कहा जाता है, अपनी समृद्ध प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। राज्य के गठन के बाद से इसने आर्थिक विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, और इसकी सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) लगातार बढ़ रही है। आइए, झारखंड की GDP के विभिन्न पहलुओं पर एक नज़र डालते हैं।
झारखंड की GDP: एक सिंहावलोकन
हाल के आर्थिक सर्वेक्षणों के अनुसार, झारखंड की अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ वर्षों से लगातार वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, झारखंड की GSDP (मौजूदा कीमतों पर) लगभग ₹4,61,010 करोड़ होने का अनुमान है। सरकार का लक्ष्य 2029-30 तक इसे ₹10 लाख करोड़ (₹10 ट्रिलियन) की अर्थव्यवस्था बनाना है, जिसके लिए इसे सालाना 14.2% की दर से वृद्धि करने की आवश्यकता होगी।


विकास दर: राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन


कोविड-19 महामारी के बाद के वर्षों में, झारखंड की आर्थिक विकास दर ने राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है। 2020-21 और 2023-24 के बीच, झारखंड की औसत वार्षिक विकास दर 9.1% रही, जबकि देश की औसत वार्षिक दर 8.3% थी। 2024-25 में राज्य की अर्थव्यवस्था के 6.7% और 2025-26 में 7.5% की दर से बढ़ने का अनुमान है।
प्रति व्यक्ति आय: सुधार की आवश्यकता
हालांकि राज्य की GSDP में वृद्धि हो रही है, प्रति व्यक्ति आय के मामले में झारखंड अभी भी राष्ट्रीय औसत से पीछे है। 2023-24 में, झारखंड की प्रति व्यक्ति GSDP (मौजूदा कीमतों पर) ₹1,15,960 अनुमानित है, जबकि इसी अवधि में भारत की प्रति व्यक्ति GDP ₹2,15,935 अनुमानित है। यह दर्शाता है कि राज्य को समावेशी विकास पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो सके।


प्रमुख योगदानकर्ता क्षेत्र


झारखंड की अर्थव्यवस्था में मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों का योगदान है:
* सेवा क्षेत्र (Services): यह राज्य की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जिसका अनुमानित योगदान 2023-24 में 44% रहा।
* विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing): यह क्षेत्र लगभग 33% का योगदान देता है और इसमें प्रमुख रूप से इस्पात, इंजीनियरिंग और अन्य उद्योगों का दबदबा है।
* कृषि क्षेत्र (Agriculture): कृषि का योगदान लगभग 23% है। हालांकि यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, लेकिन इसकी क्षमता का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पाया है, और सिंचाई सुविधाओं की कमी जैसी चुनौतियां मौजूद हैं।
* खनन क्षेत्र (Mining): झारखंड भारत के खनिज संसाधनों का लगभग 40% हिस्सा रखता है, जिसमें कोयला, लौह अयस्क और बॉक्साइट जैसे खनिज शामिल हैं। खनन क्षेत्र का राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है, हालांकि यह सीधे GSDP प्रतिशत में सेवाओं और विनिर्माण के बराबर नहीं दिखता, यह इन क्षेत्रों के लिए कच्चे माल का आधार है।


चुनौतियाँ और आगे की राह


झारखंड की आर्थिक वृद्धि के रास्ते में कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
* बुनियादी ढाँचा (Infrastructure): खराब परिवहन नेटवर्क, ऊर्जा आपूर्ति के मुद्दे और अपर्याप्त शहरी बुनियादी ढाँचा निवेश को आकर्षित करने में बाधा डालते हैं।
* आर्थिक विविधीकरण (Economic Diversification): अर्थव्यवस्था की खनन पर अधिक निर्भरता इसे वैश्विक बाजार के उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील बनाती है। अन्य क्षेत्रों जैसे कृषि-आधारित उद्योगों, पर्यटन और आईटी में विविधीकरण आवश्यक है।
* मानव विकास संकेतक (Human Development Indicators): उच्च गरीबी और बेरोजगारी दर, निम्न मानव विकास संकेतक, और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं में कमी भी विकास में बाधा डालती है।
* शासन और नीति कार्यान्वयन (Governance and Policy Implementation): नौकरशाही में देरी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे व्यापार-अनुकूल माहौल बनाने में चुनौती पेश करते हैं।
झारखंड एक समृद्ध और विकासशील राज्य है जिसमें अपार क्षमताएं हैं। चुनौतियों का सामना करते हुए, सरकार बुनियादी ढांचे के विकास, आर्थिक विविधीकरण और मानव पूंजी पर निवेश करके एक मजबूत और समावेशी अर्थव्यवस्था का निर्माण कर सकती है, जो राज्य को ₹10 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगा।

झारखंड में बुजुर्गों को 4 महीनों से नहीं मिल रहा पेंशन

धनबाद में 83 हज़ार बुजुर्गों को पिछले चार महीने से पेंशन नहीं मिली है, और इसकी मुख्य वजह केंद्र सरकार से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना के तहत मिलने वाले अंश का न मिलना है। इस योजना में 200 रुपये केंद्र सरकार और 800 रुपये राज्य सरकार देती है, जिससे कुल 1000 रुपये प्रति माह मिलते हैं।


यह समस्या सिर्फ वृद्धा पेंशन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें दिव्यांग पेंशन और विधवा पेंशन भी शामिल हैं। इन दोनों योजनाओं में भी प्रति माह 1000 रुपये मिलते हैं, जिसमें केंद्र सरकार 300 रुपये और राज्य सरकार 700 रुपये देती है। केंद्र का अंश न मिलने के कारण राज्य सरकार इन सभी लाभार्थियों को राशि जारी नहीं कर पा रही है।
पेंशन पर निर्भर इन बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं के लिए यह स्थिति काफी मुश्किल है। कई लोगों की दवाइयां बंद हो गई हैं और वे अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं।


झारखंड में दो पेंशन योजनाएं हैं


झारखंड में दो तरह की पेंशन योजनाएं चल रही हैं:
* इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना: यह केंद्र और राज्य दोनों के अंशदान से चलती है। धनबाद में 83 हज़ार लोग इस योजना के तहत नामांकित हैं, और इन्हें ही पेंशन मिलने में दिक्कत हो रही है क्योंकि केंद्र का अंश नहीं मिला है।
* सर्वजन पेंशन योजना: यह पूरी तरह से राज्य सरकार की योजना है। धनबाद में 1.20 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और इन्हें जुलाई तक का भुगतान कर दिया गया है।
सरकार के नियमानुसार, कोई भी व्यक्ति दोनों में से केवल एक ही पेंशन योजना का लाभ ले सकता है। इसलिए, जिन लोगों ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना में अपना पंजीकरण कराया है, वे ही इस भुगतान संबंधी समस्या का सामना कर रहे हैं।