झारखंड के पलामू जिले से एक दरोगा को ड्यूटी के दौरान रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया है।
घटना का विवरण
16 सितंबर की रात, नवाबाजार थाना क्षेत्र में गश्ती पर तैनात सहायक उप-निरीक्षक (ASI) राजेश बैठा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में वह एक ट्रक चालक से खुलेआम पैसे वसूलते हुए दिखाई दिए। यह वीडियो पलामू के पुलिस अधीक्षक (SP) तक पहुंचा, जिन्होंने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए।
कार्रवाई और परिणाम
एसपी के आदेश पर विश्रामपुर के एसडीपीओ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि दरोगा राजेश बैठा का आचरण अनुशासनहीन, मनमाना और संदिग्ध था। इसके बाद, एसपी ने बिना किसी देरी के दरोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
यही नहीं, इस घटना के बाद नवाबाजार थाने के पूरे गश्ती दस्ते को भी हटा दिया गया और उनकी जगह पर नए सशस्त्र बलों की तैनाती का आदेश जारी कर दिया गया है।पुलिस अधीक्षक ने जनता से अपील की है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी के पीछे छिपकर गलत काम करता है, तो उसकी तुरंत सूचना दें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड में, अवैध बालू खनन पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही प्रशासनिक टीम पर बड़ा हमला हुआ। मंगलवार को, जब टीम ने बालू से लदे एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की, तो उसके ड्राइवर ने दो चौकीदारों पर ही ट्रैक्टर चढ़ा दिया। इस घटना में दोनों चौकीदार गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घायल चौकीदारों में से एक, योगेंद्र कुमार की हालत अत्यंत नाजुक है। ट्रैक्टर के नीचे आने से उनके दोनों पैर बुरी तरह फ्रैक्चर हो गए हैं, जिसके बाद उन्हें चतरा के सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया। दूसरे चौकीदार, अखिलेश गंजू, को भी चोटें आईं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है।
यह घटना तब हुई जब अंचलाधिकारी ऋतिक कुमार अपनी टीम के साथ खूंटी केवाल नदी पर अवैध बालू तस्करी की छापेमारी करने पहुंचे थे। टीम को देखते ही बालू तस्कर ट्रैक्टर लेकर भागने लगे, तभी चौकीदारों ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
पुलिस ने बताया कि ट्रैक्टर को मौके से जब्त कर लिया गया है। यह ट्रैक्टर खूंटी केवाल गांव के अनुज यादव का है और उसका बेटा सोनू कुमार इसे चला रहा था। पुलिस ने अंचलाधिकारी से शिकायत मिलने के बाद ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है। इस घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है और पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है।
झारखंड में कुर्मी समाज का ‘रेल रोको’ आंदोलन: एसटी दर्जे की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात 2025
झारखंड राज्य में कुर्मी जाति को एसटी में शामिल जाने की मांग को लेकर कुर्मी समाज के लोगों के द्वारा 20 सितंबर को रेल टेका आंदोलन किया जाएगा इसे लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पुलिस मुख्यालय में रेलवे पुलिस नागरिक एवं आरपीएफ के जवान के अधिकारियों के साथ मुलाकात की और उनके साथ इस समीक्षा पर बैठक किया और बात भी किए।
इस मामले को लेकर सीएसपी एसपी ने रेल मार्ग व स्टेशन मैं वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक की इसके लिए इस बैठक में कोई दंगा फसाद ना हो एवं डीजीपी ने निर्देश जारी किया कि इस आंदोलन में चिन्हित कुर्मी जाति के नेताओं को हिरासत में लिया जाएगा इसके लिए सभी जगह सुरक्षा व्यवस्था खड़ा कर दिया गया है जैसे रेलवे सभी चौक चौराहे पर सम एंबुलेंस की व्यवस्था भी खड़ा कर दिया गया है जिसमें दंगा रोधी वाहन को भी तैनात कर दिया गया इसके लिए 2000 से अधिक पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
झारखंड में कुर्मी समाज का ‘रेल रोको’ आंदोलन: प्रशासन की कड़ी तैयारी
झारखंड में ‘रेल रोको’ आंदोलन: सुरक्षा के लिए 2,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात
कुर्मी आंदोलन: संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी, नेताओं की होगी गिरफ्तारी
झारखंड में ‘रेल रोको’ आंदोलन: ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी
‘रेल रोको’ आंदोलन: पुलिस की फुल प्रूफ तैयारी, दंगा रोधी वाहन और बॉडी प्रोटेक्टर से लैस जवान
सभी जवान बॉडी प्रोटेक्टर के साथ रहेंगे
इसके लिए सभी जिला के एसपी को इस आंदोलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की निर्देश जारी किए हैं जिसमें रांची पाकुड़ हजारीबाग सरायकेला खरसावां गिरिडीह पलामू गढ़वा सहित कई संवेदनशील इलाकों तहसील रेलवे स्टेशनों में भी सुरक्षा व्यवस्था मुस्ताक रखने की निर्देश इसमें रेलवे के आरपीएफ के जवानों को सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने निर्देश दिया क्या खास करके सभी रेलवे लाइनों पर सतर्कता बरतने की कहा गया है इस होने वाले आंदोलन में सभी जवान बॉडी प्रोटेक्टर हेलमेट के साथ मुतैद रहेंगे इसके लिए सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया क्या है एवं रेलवे स्टेशनों पर भी बाजार सीसीटीवी कैमरे लगाने की निर्देश जारी किया गया है इस आंदोलन में कोई अक्रिय कोई जान माल की घटना ना हो इसके लिए रेलवे ने गोपनीय सूचना तंत्र को लगाया जाएगा इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी रेलवे के आईजीएम आरपीएफ के जनरल अधिकारी शामिल थे।
टाटा मोटर्स द्वारा जमशेदपुर के एलबीएसएम कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन: डिप्लोमा और आईटीआई कोर्स के साथ 23 साल से कम उम्र के युवाओं के लिए नौकरी का सुनहरा मौका 2025
वीडियो के अनुसार, टाटा मोटर्स जमशेदपुर के एलबीएसएम कॉलेज में एक बड़ा कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित कर रहा है। यह उन युवाओं के लिए एक शानदार मौका है जो ऑटोमोबाइल सेक्टर में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
मुख्य जानकारी:
आयोजन: टाटा मोटर्स ने 18 सितंबर से एलबीएसएम कॉलेज, जमशेदपुर में कैंपस प्लेसमेंट शुरू किया है।
पात्रता: कॉलेज के मौजूदा और पूर्व छात्र जिनकी उम्र 23 साल से कम है, वे इसमें भाग ले सकते हैं।
चयन प्रक्रिया: उम्मीदवारों का चयन लिखित और मौखिक परीक्षा के माध्यम से होगा।
सबसे खास बात: चुने गए उम्मीदवारों का डिप्लोमा और आईटीआई कोर्स का खर्च कंपनी खुद उठाएगी!
स्टाइपेंड और ट्रेनिंग: ट्रेनिंग के दौरान छात्रों को लगभग ₹12,700 का स्टाइपेंड मिलेगा और उन्हें मेकाट्रॉनिक्स ट्रेड में विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
रोजगार का अवसर: कॉलेज के प्रिंसिपल, डॉ. अशोक कुमार झा ने बताया कि जिस तरह टाटा स्टील में युवाओं को रोजगार मिला था, उसी तरह टाटा मोटर्स में भी बड़ी संख्या में अवसर मिलेंगे।
यह ड्राइव सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि आपके भविष्य को एक नई दिशा देने का मौका है। तो अगर आप पात्र हैं, तो इस अवसर का लाभ जरूर उठाएं।
व्यवस्था की चौंकाने वाली हकीकत: खाट पर जान जोखिम में डालकर नदी पार कराई गई गर्भवती महिला 2025
झारखंड के पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए, ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर बाढ़ के पानी से भरी नदी पार करवानी पड़ी।
यह घटना राजखाड़ अंबेडकर नगर की है। जब गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ी, तो एम्बुलेंस या किसी भी सरकारी वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। बार-बार मदद के लिए गुहार लगाने के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग से कोई सहायता नहीं मिली। इसके बाद, गांव के लोगों ने मिलकर एक खाट को स्ट्रेचर की तरह इस्तेमाल किया। उन्होंने महिला को उस पर लिटाया और कंधे से उठाकर तेज बहाव वाले नदी के पानी से होकर पैदल ही पार कराया।
नदी पार कराने के बाद भी उनकी मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। आगे का रास्ता खराब और कीचड़ से भरा हुआ था। अंततः, ग्रामीणों को अपने निजी खर्च पर एक वाहन का इंतजाम करना पड़ा, जिससे वे महिला को अस्पताल तक पहुंचा सके।
इस मामले पर गांव के अवधेश राम ने बताया कि उन्होंने एम्बुलेंस के लिए अधिकारियों को कई बार फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि “हम लोगों ने जान जोखिम में डालकर चंपा देवी को नदी पार कराया, लेकिन इसके बाद भी हमें कोई सरकारी मदद नहीं मिली। एम्बुलेंस की सुविधा तक नहीं मिली।”
यह घटना दर्शाती है कि झारखंड के सुदूर इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएँ और बुनियादी ढाँचा कितना कमजोर है। पुलों और एम्बुलेंस जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी की वजह से लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर खास तोहफा: देश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के मौके पर देश में एक बहुत बड़ा स्वास्थ्य अभियान शुरू होने जा रहा है। इसका ख़ास मकसद महिलाओं और बच्चों की सेहत का ख्याल रखना है।
इस खास पहल के तहत, देशभर के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर 1 लाख से भी ज़्यादा कैंप लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री इस अभियान की शुरुआत मध्य प्रदेश के धार से करेंगे, जहाँ वे देश के पहले पीएम मित्र पार्क की नींव भी रखेंगे।
मुख्य अभियान और कार्यक्रम:
इस बड़े अभियान में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं:’स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’: इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं और उनके परिवारों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और सशक्त बनाना है।8वाँ राष्ट्रीय पोषण महाअभियान: यह अभियान देश में कुपोषण को दूर करने और सही पोषण के महत्व को बढ़ाने पर केंद्रित है।
ये सुविधाएँ भी मिलेंगी:
यह अभियान सिर्फ स्वास्थ्य कैंप तक सीमित नहीं है। इसमें कई और महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी होंगे, जैसे:
स्वच्छता अभियान: लोगों को साफ़-सफाई और बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया जाएगा।
रक्तदान और पौधारोपण: रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए पेड़-पौधे लगाने का कार्यक्रम भी होगा।
डिजिटल पंजीकरण: रक्तदाताओं का पंजीकरण ई-रक्तकोष पोर्टल पर किया जाएगा। इसके अलावा, मायगव के ज़रिए रक्तदान संकल्प अभियान भी चलेगा।
योजनाओं का लाभ:
इस अभियान के दौरान लाभार्थियों को सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं में नामांकित किया जाएगा, जिनमें पीएम-जेएवाई (PM-JAY), आयुष्मान वंदन, और आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) जैसी योजनाएँ शामिल हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी प्रधानमंत्री के इस जन्मदिन को ख़ास तौर पर ‘सेवा पखवाड़ा’ के रूप में मनाएगी, जो 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा।
झारखंड के गढ़वा जिले के धुरकी थाना क्षेत्र में स्थित अंबाखोरेया गांव से एक दुखद घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार, गांव के दुर्गा मंडप में स्थापित दुर्गा माता की प्रतिमा को कुछ अज्ञात लोगों ने नुकसान पहुंचाया है, जिससे प्रतिमा खंडित हो गई है।
यह घटना सामने आने के बाद पूरे गांव में आक्रोश और तनाव का माहौल बन गया। ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा हो गई, जिसके बाद तुरंत इसकी सूचना धुरकी थाना को दी गई।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी जनार्दन रावत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और ग्रामीणों को शांत रहने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और गांव में शांति बनाए रखने के प्रयास कर रही है।
आईआईटी कानपुर ने भारतीय सेना के लिए “एनलक्स” नामक एक मेटा-मटेरियल विकसित किया
आईआईटी कानपुर ने भारतीय सेना के लिए एक अविश्वसनीय और गेम-चेंजिंग तकनीक विकसित की है, जिसे ‘अनालक्स’ नामक एक मेटा मटेरियल के रूप में जाना जाता है। यह सिर्फ एक वैज्ञानिक खोज नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए एक मजबूत और अभेद्य कवच है। इसका मुख्य उद्देश्य हमारे सैनिकों, फाइटर जेट्स और संवेदनशील सैन्य ठिकानों को दुश्मन के रडार से अदृश्य बनाकर उन्हें सुरक्षित रखना है।
यह मेटा मटेरियल एक अदृश्यता की चादर की तरह काम करता है, जो रडार की किरणों को चतुराई से भ्रमित कर देता है। कल्पना कीजिए, दुश्मन के रडार स्क्रीन पर हमारे बंकर, जीप और महत्वपूर्ण हथियार बस गायब हो जाएंगे! यह तकनीक युद्ध के मैदान में भारतीय सेना को एक अद्वितीय और निर्णायक रणनीतिक बढ़त प्रदान करती है, जिससे हमारे जवान बिना किसी खतरे के अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं।
रक्षा क्षेत्र में भारत का ‘गेम-चेंजर’
आईआईटी कानपुर का फोकस: आत्मनिर्भर सुरक्षा
इसकी क्षमता को परखने के लिए, ‘अनालक्स’ का सफल परीक्षण सीमा पर किया गया, जहाँ इसने हर उम्मीद को पार करते हुए शानदार परिणाम दिखाए। परीक्षण के दौरान यह देखा गया कि यह मटेरियल बंकरों और टेंटों को पूरी तरह से रडार की पकड़ से बाहर रखने में कामयाब रहा।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारत रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस महत्वपूर्ण नवाचार की सराहना की है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि यह सिर्फ एक शोध नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के भविष्य के लिए एक ठोस कदम है। ‘अनालक्स’ भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति और वैज्ञानिक क्षमता का एक शानदार उदाहरण है।
झारखंड होमगार्ड भर्ती 2025: चतरा में 463 पदों के लिए वैकेंसी
झारखंड के अंतर्गत गृह वाहिनीं पद चतरा में शहरी एवं ग्रामीण के लिए होमगार्ड में 463 पद पर वैकेंसी निकाली गई है जिसमें शिक्षक उम्मीदवार ऑफिशल वेबसाइट recuriment.jharkhand.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
वैकेंसी का डिटेल्स
जिसमें कुल पदों की संख्या 463 रखी गई है जिसके लिए ग्रामीण होमगार्ड में 429 पदों पर वैकेंसी निकाली गई है और शहरी होमगार्ड के लिए 29 पदों पर वैकेंसी निकाली गई।
एजुकेशन क्वालीफिकेशन
जिसमें एजुकेशन क्वालीफिकेशन की बात की जाए तो ग्रामीण होमगार्ड में आपको मान्यता प्राप्त किसी भी स्कूल से 7वी पास होना चाहिए और आपको हिंदी पढ़ने और लिखना आना चाहिए तुम्हारी सारी होगी आपकी बात की जाए तो आपको दसवीं पास होना अनिवार्य है और आपको हिंदी में पढ़ने लिखने का अनुभव होना जरूरी है।
शारीरिक योग्यता
जिसमें लंबाई की बात की जाए तो 162 cm OBC, BC और वही SC,ST के लिए 157 CM जिस महिलाओं की बात की जाए तो सभी महिला कैंडिडेट के लिए 147 CM हाइट होना अनिवार्य है।
एज लिमिट
जिसमें एज लिमिट की बात की जाए तो न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु 40 साल होना चाहिए। इसमें आयुष गाना 1 जनवरी 2025 के आधार पर ही की जाएगी।
फीश
इसमें फीस की बात की जाए तो सभी कैंडिडेट के लिए ₹100 रखा गया है जो फॉर्म भरते समय ऑनलाइन लिया जाएगा।
सिलेक्शन प्रोसेस
इसमें सिलेक्शन प्रोसेस की बात की जाए तो आपकी शारीरिक जांच परीक्षा होगी और आपका हिंदी में लिखित परीक्षा लिया जाएगा जिसमें परीक्षा में आपकी तकनीकी दक्षता को भी देखा जाएगा।
सैलरी
इसमें आपकी सैलरी सरकारी नियमावली के अनुसार ही प्रदान किया जाएगा।
एग्जाम पैटर्न
इसमें आपको कोई 80 नंबर का एग्जाम दिया जाएगा जिसमें जनरल नॉलेज से 30 क्वेश्चन पूछे जाएंगे ज्योतिष नंबर का होगा रीजनिंग से 25 क्वेश्चन पूछे जाएंगे जो 25 नंबर क्या होगा और क्वांटिटी एटीट्यूड से 25 क्वेश्चन पूछे जाएंगे जो 25 नंबर का होगा इसमें आपको कल 2 घंटे का समय मिलेगा।
डॉक्यूमेंट
जिसमें डॉक्यूमेंट की बात की जाए तो आधार कार्ड सिग्नेचर रजिस्टर मोबाइल नंबर वोटर आईडी पासपोर्ट साइज फोटो सातवीं कक्षा का प्रमाण पत्र निवास प्रमाण पत्र और दसवीं कक्षा का प्रोग्राम पत्र फॉर्म भरते समय आपको अपलोड करना होगा।
आवेदन प्रक्रिया
इसमें आवेदन करने के लिए आपको ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा जो https://recruitment.jharkhand.gov.in/पर जाकर पहले आपको नया रजिस्ट्रेशन करना होगा रजिस्ट्रेशन करने के बाद लॉगिन करना होगा लोगिन करने के बाद आपको सारा details और डॉक्यूमेंट को सबमिट करना होगा सबमिट करने के बाद आपको लास्ट में पेमेंट वाले ऑप्शन पर जाकर पेमेंट करने के बाद आपको प्रिंट प्रीव्यू पर जाना होगा प्रिंट प्रीव्यू पर जाने के बाद आपको प्रिंट करना होगा इसके बाद आपका फॉर्म सक्सेसफुली सबमिट हो जाएगा।
झारखंड में खनन परियोजनाओं की चुनौती: वन भूमि और क्षतिपूर्ति वानरोपण का संकट
झारखंड में खनन परियोजनाओं के विस्तार के साथ ही क्षतिपूर्ति वानरोपण एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। राज्य में 27 प्रस्तावित कोयला परियोजनाओं के लिए लगभग 10,000 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग करना होगा। नियमों के अनुसार, कंपनियों को इसके बदले में दोगुनी यानी लगभग 20,000 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण करना अनिवार्य होगा।
भूमि की कमी
राज्य सरकार को चिंता है कि यदि सरकारी भूमि इसी तरह खर्च होती रही, तो भविष्य में विकास योजनाओं के लिए जमीन की कमी हो जाएगी। झारखंड में 29% से अधिक भूमि वन क्षेत्र है, और हर नई परियोजना वन क्षेत्र को प्रभावित करती है। सीमित भूमि उपलब्धता के कारण दोगुनी भूमि पर वन रोपण करना मुश्किल हो रहा है।
वन भूमि का उपयोग और क्षतिपूर्ति वानरोपण: झारखंड सरकार की चिंता
झारखंड में विकास और वन संरक्षण के बीच संतुलन की चुनौती
झारखंड में वन भूमि और विकास योजनाओं के बीच संघर्ष: समाधान की तलाश
समाधान की तलाश
ज्य सरकार ने केंद्र सरकार से नीति में बदलाव की सिफारिश की है। अब देखना होगा कि केंद्र और राज्य मिलकर इस जटिल मुद्दे का समाधान कैसे निकालते हैं। इस मुद्दे का समाधान निकालने से न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि विकास योजनाओं को भी गति मिलेगी।