रांची में 3 हजार शिक्षकों ने बेतन वृद्धि के रोक के लेकर विरोध प्रदर्शन किए

झारखण्ड के राजधानी रांची में जहां अभी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहे हैं वहीं इस दिन पूरे देश में शिक्षकों को सम्मान किया जाता है वही शिक्षक 5 सितंबर अपने अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं सभी शिक्षक अखिल भारतीय शिक्षा संघ के आदेश पर रांची में करीबन 3 हजार से अधिक शिक्षक कचहरी के शिक्षा परिसर में स्थित हुए और सभी शिक्षक DSE के खिलाफ बिरोध प्रदर्शन उनका पुतला फूंक कर किया गया। क्या था वजह जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि सभी शिक्षक DSE द्वारा जारी नोटिस के विरोध में आए थे यह मामला की शुरुआत उस समय किया गया जब सभी शिक्षक सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की श्रद्धांजलि अर्पित करते के बाद सभी शिक्षक नारे बाजी करे लगे शिक्षक का अपमान बंद करो ,अफसर सारी नहीं चलेगी , शिक्षक एकता जिंदाबाद के नारे लगाने लगे क्योंकि झारखंड के लगभग 3 हजार शिक्षकों का जुलाई महीने से ही वेतन रोक दिया गया है जिसके तहत विभागीय हिंदी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करनेवाले शिक्षकों को वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए शपथ पत्र देने को कहा गया है शिक्षकों ने वेतन वृद्धि के लिए यह शपथ पत्र देने से इन्कार कर दिया है विरोध प्रदर्शन का महत्व इस प्रकार के घटना से सरकार पर भी सवाल उठाए जा रहे है क्योंकि शिक्षक के दिन शिक्षकों को अपने अधिकार के लिए लड़ना और विरोध प्रदर्शन करना एक अन्निदीय घटना है यह घटना एक विरोध प्रदर्शन ही नहीं उससे कही बढ़कर है और यह झारखंड के शिक्षा व्यवस्था को लेकरके एक गहरी समस्या को उजागर करता है यह घटना झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग के लिए एक चेतावनी भी जारी करता है अक्सर, शिक्षकों को अत्यधिक कार्यभार, कम वेतन, और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिए गए ऐसे निर्णयों का सामना करना पड़ता है

झारखण्ड के राजधानी रांची में जहां अभी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहे हैं वहीं इस दिन पूरे देश में शिक्षकों को सम्मान किया जाता है वही शिक्षक 5 सितंबर अपने अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं सभी शिक्षक अखिल भारतीय शिक्षा संघ के आदेश पर रांची में करीबन 3 हजार से अधिक शिक्षक कचहरी के शिक्षा परिसर में स्थित हुए और सभी शिक्षक DSE के खिलाफ बिरोध प्रदर्शन उनका पुतला फूंक कर किया गया।

जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि सभी शिक्षक DSE द्वारा जारी नोटिस के विरोध में आए थे यह मामला की शुरुआत उस समय किया गया जब सभी शिक्षक सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की श्रद्धांजलि अर्पित करते के बाद सभी शिक्षक नारे बाजी करे लगे शिक्षक का अपमान बंद करो ,अफसर सारी नहीं चलेगी , शिक्षक एकता जिंदाबाद के नारे लगाने लगे क्योंकि झारखंड के लगभग 3 हजार शिक्षकों का जुलाई महीने से ही वेतन रोक दिया गया है जिसके तहत विभागीय हिंदी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करनेवाले शिक्षकों को वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए शपथ पत्र देने को कहा गया है शिक्षकों ने वेतन वृद्धि के लिए यह शपथ पत्र देने से इन्कार कर दिया है

विरोध प्रदर्शन का महत्व

इस प्रकार के घटना से सरकार पर भी सवाल उठाए जा रहे है क्योंकि शिक्षक के दिन शिक्षकों को अपने अधिकार के लिए लड़ना और विरोध प्रदर्शन करना एक अन्निदीय घटना है यह घटना एक विरोध प्रदर्शन ही नहीं उससे कही बढ़कर है और यह झारखंड के शिक्षा व्यवस्था को लेकरके एक गहरी समस्या को उजागर करता है यह घटना झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग के लिए एक चेतावनी भी जारी करता है

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