रांची में सभी फुटपाथ के किनारे बने :सभी दुकानों को नगर निगम के नष्ट किया और सामन को भी जब्त कर लिया

झारखंड के रांची में सड़क के किनारे दुकान लगाने वालों के खिलाफ रांची के नगर निगम का लगातार उनके खिलाफ कारवाई जारी है और उनके दुकानों को हटाया जा रहा है और उनके दुकानों को नष्ट किया जा रहा है और उनका सामान भी जब्त किया जा रहा है जानकारी मुताबिक बताया जा रहा है कि नगर निगम की टीम ने जानकारी दी है कि जो 9 साल पुरानी वेंडर फुटपाथ वाले दुकानदार है उनको अब बेसन की तैयारी चल रही है प्रकृति मिठाई बताया जा रहा है कि 9 साल पहले फुटपाथ के किनारे दुकानों की संख्या 5100 थी जो बढ़कर अब करीब 15000 हो गई।

क्या था मामला

मेरी सूचना के अनुसार बताया जा रहा है कि रांची नगर निगम में फुटपाथ के किनारे जितने भी दुकान है उनको हटाया जा रहा है जिसमें बताया गया कि हर 3 साल के अंदर में फुटपाथ के किनारे दुकानों की सर्वे की जाती है लेकिन रांची नगर निगम ने सर्वे नहीं किया इसके कारण अब दुकानों की संख्या बढ़कर करीबन 15000 से ऊपर हो गई है इसका खामियाजा फुटपाथ के किनारे दुकान लगा रहे हैं उन लोगों को भुगतना पड़ रहा है और लगातार उनके दुकानों को हटाया जा रहा है और उनका सामान को भी जप्त कर लिया जा रहा है इससे परेशान होकर सभी दुकानदारों ने सोमवार को रांची के नगर निगम के ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया।

नगर निगम ने क्या संज्ञान लिया

वही नगर निगम के शासन शासन संजय कुमार ने बताया कि जितने भी दुकानों को हटाया गया है उसको अब दुकान लगाने की मंजूरी कोई कीमत पर नहीं दी जाएगी वहीं गुस्साए दुकानदारों में ऑफिस के बाहर खूब धरना प्रदर्शन किया वही बाबू लाल मरांडी ने बोले कि 6 माह के अंदर सर्वे कराया जाय और सभी को प्रमाण पत्र दिया जाएगा वहीं जब तक सर्वे नहीं होता है तब तक कि लिए अतिक्रमण हटाने पर रोक लगनी चाहिए ।

दुकानदारों का क्या कहना है

दुकानदारों का मानना है कि नगर निगम का सर्वे हर 3 साल में होता है लेकिन नगर निगम ने नहीं किया जिसके वजह से दुकानों की संख्या अभी बढ़ गई है और इसका खामियाजा सभी दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि लास्ट में पिछला बार 2016 में दुकानों का सर्वे किया गया था उस समय दुकानों की संख्या 5100थी जो अभी बढ़ कर 15 हजार हो गई जिससे सभी दुकानदार के दुकान के दुकान को नष्ट किया जा रहा है किसी का लड़की का शादी करना है तो किसी का घर नहीं है कई लोग बरसात में दुकान के टूटने से प्लास्टिक के अंडर अपना रात को काट रहे है किसी का बच्चे को स्कूल जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है नगर निगम के गलती की वजह से सभी दुकानदारों को इसका सामना करना पड़ रहा है दुकान के टूटने से एक लड़की का वही घर था उसमें उसका खिलवाना था वह खोजने गई तो नहीं मिला तो वह वही सर रख कर रोने लगी इसका खामियाजा एक छोटी बच्ची को भी उठाना पड़ा जो साफ देखा गया।

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