
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित राखा कॉपर माइंस के फिर से शुरू होने की खबर पर केंद्रित है। वीडियो में बताया गया है कि 2001 से बंद पड़ी यह खदान, 24 साल बाद फिर से चालू होने जा रही है।
मुख्य बिंदु:
ऐतिहासिक समझौता: झारखंड सरकार और हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) के बीच एक समझौते पर मुहर लग चुकी है, जिसके बाद राखा माइंस में फिर से खनन कार्य शुरू होगा।
आर्थिक लाभ और रोजगार: इस परियोजना से न केवल 30 लाख टन कॉपर अयस्क (कॉपर ओर) का उत्पादन होगा, बल्कि सीधे तौर पर 10,000 लोगों को नौकरी और रोजगार के अवसर मिलेगा।
विकास का मील का पत्थर: उपायुक्त करण सत्यार्थी ने इस पहल को झारखंड के विकास में एक “मील का पत्थर” बताया है।
पर्यावरण और समुदाय का ध्यान: अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया है कि उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण और स्थानीय समुदाय के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम: वीडियो के अनुसार, यह कदम भारत को तांबे के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का एक बड़ा अवसर है।
तांबा नगरी के रूप में पहचाने जाने वाले इस क्षेत्र का खोया हुआ गौरव इस परियोजना से वापस लौट आएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
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