स्वतंत्रता दिवस 2025 पर: प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी घोषणाएं, युवाओं और MSMEs को मिलेगा फायदा

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2025 के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के साथ रोजगार, जीएसटी में भी सुधार होगा, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने की ये बड़ी घोषणाएं

भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक शुभ अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली के लाल किले से कई महत्वपूर्ण और प्राचीर देश को संबोधित करते हुए भारत देश को एक नई दिशा और उम्मीद की नई किरण दिखाई। उनका यह संबोधन में केवल एक पारंपरिक भाषण ही नहीं था, बल्कि यह भारत के भविष्य की नींव रखने में वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था। इस साल के स्वतंत्रता दिवस का मुख्य फोकस यह था कि सभी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और जीएसटी प्रणाली को सरल और सहज एम् प्रभावी बनाना था। प्रधानमंत्री के द्वारा अपने दिए भाषण में इन दो प्रमुख क्षेत्रों के कई महत्वपूर्ण और दूरगामी परिणामों के और कई घोषणाएं कीं, जिनका उद्देश्य भारत के युवाओं को एक नई किरण की विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना था।

युवाओं के रोजगार के नए अवसर प्रदान करना

प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिए अपने संबोधन में यह बात भी कहा कि भारत की युवा शक्ति ही इस देश की सबसे बड़ी पूंजी का कार्य करता है। आज के समय में इस युवा ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध रूप से कार्य कर रहा है। इसी दिशा में, उन्होंने एक महत्वाकांक्षी योजना, के रूप में ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (PM-VBRY) की शुरुआत की घोषणा करना है । यह योजना सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि यह देश के करोड़ों युवाओं के लिए सपनों को साकार करने का एक जरिया है।

इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक नई पहल के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का कार्य एक बड़ा बजट आवंटित करने के लिए है। इस फंड का मुख्य लक्ष्य और पहल पर अगले दो वर्षों से 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना था । यह राशि न केवल सरकारी योजना तहत क्षेत्रों में बल्कि निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के सृजन को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से यह बात का उल्लेख किया है कि इस योजना में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, सेवा क्षेत्र और स्टार्टअप्स का प्राथमिकता दी जाएगी।

सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक बात यह थी कि इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी पाने वाले लोगों को युवाओं को सरकार की ओर से 15,000 रुपये का विशेष प्रोत्साहन का राशि दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन राशि दो अलग अलग किस्तों में दी जाएगी – पहली किस्त में छह महीने की नौकरी पूरी होने पर इस मामले में और दूसरी किस्त एक साल की नौकरी पूरी होने पर। यह कदम का उद्देश्य युवाओं को शुरुआती चरण में ही वित्तीय सहायता राशि प्रदान करना है ताकि वे बिना किसी दबाव के ही अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

इसके अलावा, भी सरकार ने उन सभी कंपनियों को भी प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा जो अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके लिए उन्हें विशेष सब्सिडी दी गई और टैक्स में भी छूट दी जाएगी। यह कदम निजी स्थानों में भी क्षेत्र को भी रोजगार सृजन में भागीदार बनाया गया है , जिससे एक समावेशी विकास का कार्य कर सके और माहौल बनेगा।प्रधानमंत्री ने यह बात भी कहा कि ‘स्किल इंडिया’ मिशन के तहत भी ‘रोजगार इंडिया’ मिशन के तहत भी साथ जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि युवाओं को ऐसे कौशल और प्रशिक्षण दिए गए जिनकी बाजार में वास्तव में भी मांग है। नई प्रशिक्षण के दौरान शिक्षा नीति के साथ मिलकर यह पहल महत्वपूर्ण बात युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगी।

जीएसटी को ऐतिहासिक सुधार करना है

युवाओं के लिए रोजगार की नए मामले आ गया घोषणाओं के साथ-साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी (GST) प्रणाली में बड़े सुधारों की भी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि जीएसटी का उद्देश्य ‘एक राष्ट्र को सभी लोग को एक करना है और इसे और अधिक प्रभावी तरीके से बनाने के लिए ‘नेक्स्ट-जेनरेशन’ सुधारों को भी लागू किया जाना था।जीएसटी में सुधार का मुख्य लक्ष्य रखा गया है आम आदमी पर टैक्स पर बोझ को कम करना है और छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)में सीमांत लाभ पहुंचाना है। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की ये सुधार इस साल की योजना पर दिवाली तक लागू कर दिया जाएगा ।

इन सुधारों के तहत, सभी लोग को रोजमर्रा के दौरान इस्तेमाल की गई वस्तुओं पर टैक्स पर भी की गए दरों को भी कम कर दिया जाएगा। इससे दाल, चावल, तेल, मसाले, साबुन जैसी सभी लोग मौजूद आवश्यकता की भी सभी वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे आम लोगों के जीवन पर सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम महंगाई को भी नियंत्रित करने में भी मदद गार साबित हो सकता है।

इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने भी जीएसटी को सरल और सहज बनाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव में जीएसटी के वर्तमान टैक्स स्लैब को सरल और सहज रूप से कम और प्रभावी रूप से बनाने की बात कही गई है। वर्तमान में जीएसटी में कई टैक्स स्लैब बताया गया हैं, जिनसे सभी लोगों पर व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए भ्रम की स्थिति को पैदा करती है। नए सुधारों में दो-टियर टैक्स स्लैब (standard and merit) लागू करने का सुझाव कर दिया गया है। इसमें कुछ चुनिंदा वस्तुओं को भी लिए ही विशेष रूप से दरें होंगी। यह कदम न केवल व्यापार को आसान बनाएगा, न आम आदमी को बल्कि पारदर्शिता भी लाएगा।छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)के लोगों को राहत देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। उनके लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर फाइलिंग की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सहज बनाया जाएगा। साथ ही, उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का भी आसानी से लाभ मिल सके, इस प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जाएगा।

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का हुआ निधन

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दिल्ली के ओपोलो अस्पताल में लिए अंतिम सांस । सिर में गंभीर चोट की वजह से वो दो अगस्त से ही इलाज करा रहे थे। वह दो अगस्त को शनिवार के तड़के घोड़ाबांधा स्थित आवास में बाथरूम में फिसलकर गिर जाने के कारण सिर में चोट लग गया था। इससे उनके सिर में गंभीर चोट आ गया था । उन्हें एयरलिफ्ट करके दिल्ली इलाज के लिए ले जाया गया था । वहां उनको अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अपोलो अस्पताल में उनकी हालत बहुत गंभीर बनी हुई थी।

परिजनों के मुताबिक से वे दो अगस्त को मॉर्निंग वॉक पर जाने के लिए सुबह 4:30 बजे ही उठे हुए थे । बाथरूम गए, जहां यह घटना हो गया। परिवार के लोग उन्हें तुरंत लेकर तत्काल टाटा मोटर्स अस्पताल में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद ही स्थिति को गंभीर बताया। उनके ब्रेन में ब्लड बहुत क्लॉट हो गया था।

फिर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली में इलाज के लिए ले जाने का फैसला लिया गया। सुबह 9:30 बजे सोनारी एयरपोर्ट से एयर एंबुलेंस से उन्हें दिल्ली इलाज कराने के लिए ले जाया गया। वहां अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रहे थे ।

जेएमएम के बड़े नेताओं में एक रामदास जी थे

रामदास सोरेन झामुमो के बड़े नेताओं में से एक नेता थे । वर्तमान में घाटशिला से विधायक भी रह चुके हैं। चंपाई सोरेन जी के भाजपा में शामिल होने पर ही हेमंत सोरेन जी ने अपने पिछले मंत्रिमंडल में ही उन्हें कोल्हान के बड़े नेता के रूप ही में प्रोजेक्ट करते हुए ही मंत्री बनाया था। 2024 के चुनावी नतीजों के बाद ही उन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया था।

चाईबासा में हुई हमले में सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर एक नक्सली ढेर

चाईबासा के पश्चिमी सिंहभूम जिले में गोइलकेरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच आज सुबह हुई मुठभेड़ में । डेरवा एवं पोसैता के बीच के इलाके में हुई मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया। सुरक्षाबलों ने मौके पर ही और एक एसएलआर राइफल बरामद की है। जो संभावना जताई जा रही थी कि राइफल नक्सली का हो सकता है।

आईजी अभियान में डॉ. माइकल राज के अनुसार, मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा गया है। पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने जब इलाके में पैदल सर्च अभियान चला ही रही थी, तभी नक्सलियों के तरफ से फायरिंग शुरू कर दिया । जवानों ने तुरंत भी मोर्चा संभाला और जवाब में करारा जवाबी कार्रवाई किए ।लगातार सर्च ऑपरेशन को जारी रखा गया

यह स्थान नक्सली गतिविधि के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ दिनों से ही जिले में नक्सल प्रभावित इलाकों में ही लगातार सर्च ऑपरेशन ही चल रहा है। मारे गए नक्सली की पहचान अभी तक नहीं हो पाई रही है। पिछले साल से ही चल रहे अभियान में भाकपा माओवादी के कई संगठन कमजोर हुआ है।

इसलिए तलाशी अभियान को जारी रखा गया है। एसडीपीओ शुभम प्रकाश घटना स्थल पर पहुंच घटना का जायजा लिए हैं। बरामद हथियारों को जब्त कर आगे की कार्रवाई को भी जाती रखा है। माना जा रहा है कि सर्च में मारा गया नक्सली पुलिस के इनामी सूची का हो सकता है।

कैबिनेट में हुए मीटिंग में 4 नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में आयोजित हुई मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में। इसमें कुल 18,541 करोड़ रुपए की परियोजना की मंजूरी मिली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना में बताया कि बैठक में कुल 4 नए अहम फैसले लिए गए जिसमें सेमीकंडक्टर एवं प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दिया गया ।

उन्होंने कैबिनेट में कहा कि इसके 6 प्रोजेक्ट्स पहले से ही स्वीकृत किया जा चुका हैं और आज और 4 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली दी गई है। इसके तहत ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में भी प्लांट्स लगाए जाएंगे, जिसके लिए 4,594 करोड़ रुपए का निवेश रखा जाएगा। इसमें घरेलू चिप उत्पादन, पैकेजिंग और एडवांस्ड मटेरियल को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे दो हजार लोगों को नौकरी प्राप्त होगी ।

वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में 11.165 किलोमीटर लंबाई वाली लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना को भी फेज-1 बी को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 12 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे एवं जिसके लिए 5,801 करोड़ रुपए की मंजूरीको स्वीकृति प्रदान कर दी है। लखनऊ में भी मेट्रो की बहुत जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत को स्वच्छ विकास एवं स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध और जागरूक करना है। इसलिए अरुणाचल प्रदेश में सियोमी जिले में 8,146 करोड़ रुपए के निवेश के साथही 700 मेगावाट की टाटो I हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को मंजूरी को स्वीकृति दी गई है। इसे पूरा होने में करीब 72 महीने का समय लगेगा।

प्रत्येक मंगल और शुक्रवार को कांडी प्रखण्ड में लगेगा जनता दरबार

गढ़वा जिले के कांडी में उपायुक्त के निर्देशानुसार सभी प्रखंडों में अंचलों में प्रत्येक सप्ताह में दो दिनों तक मंगलवार और शुक्रवार को जनता दरबार का आयोजन किया गया है । इस दौरान सभी लोगों का जनसमस्याओं की जनसुनवाई होगी। उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि सभी प्रखंडों और अंचलों में प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को जनता दरबार में जनसुनवाई किया जाए। उक्त निर्देश के आलोक ने कांडी प्रखंड के अंतर्गत प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को दिन में 11:00 बजे से 1:00 बजे तक जनता दरबार लगाया जाएगा। इस दौरान जनसुनवाई किया जाएगा। उपायुक्त ने यह निर्देश दिया है कि जनता दरबार एवं जनसुनवाई में जितने भी मामले होंगे उनको सूचीबद्ध किया जाएगा और एक अलग से रजिस्टर में रख कर उसका संधारण कर संशोधन किया जाएगा। सभी जन प्रतिनिधियों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि वह अपने क्षेत्र में इसका व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करे कि प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को दिन में 11:00 बजे से ले करके 1:00 बजे तक सामूहिक जनसुनवाई का कार्यक्रम प्रखंड सह अंचल कार्यालय में किया जाएगा

कांडी के बीडीओ राकेश सहाय सभी जनता गढ़ जिनका कोई मामला हो कोई समस्या हो तो वह सीधे उस जनता दरबार में अपना बात कह सकते हैं एक आवेदन लेकर के आएंगे और उनका सारा समस्याओं का समाधान किया जाएगा

कांडी में अंचलाधिकारी ने विजया स्वीट्स पर की छापेमारी, गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल जब्त

कांडी, झारखंड: कांडी में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई है। अंचलाधिकारी राकेश सहाय ने अपनी टीम के साथ सोमवार को शहर की एक जानी-मानी मिठाई की दुकान, विजया स्वीट्स, पर अचानक छापेमारी की। यह छापेमारी ग्राहकों की तरफ से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद की गई है, जिसमें मिठाइयों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे।

छापेमारी की मुख्य वजह

अंचलाधिकारी को पिछले कुछ दिनों से विजया स्वीट्स के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही थीं। लोगों का आरोप था कि दुकान में बासी और निम्न स्तर की मिठाइयां बेची जा रही हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, उन्होंने तुरंत कार्रवाई का फैसला लिया।

छापेमारी के दौरान की गई कार्रवाई

छापेमारी के दौरान, टीम ने दुकान में रखी सभी मिठाइयों का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने खास तौर पर उन मिठाइयों पर ध्यान दिया जिनकी गुणवत्ता पर संदेह था। * सैंपल जब्त किए गए: दुकान में बिक रही रसगुल्ला, चमचम, बर्फी और लड्डू जैसी लोकप्रिय मिठाइयों के नमूने लिए गए। इन नमूनों को विशेष रूप से सील बंद करके रखा गया। * खाद्य इंस्पेक्टर को भेजा गया: जब्त किए गए इन सभी सैंपलों को आगे की विस्तृत रासायनिक जांच के लिए खाद्य इंस्पेक्टर कार्यालय भेजा गया है।क्या होगा आगे?

देवघर में सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ मामला दर्ज

झारखंड के देवघर में स्थित प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मंदिर के ‘निकासी गेट’ से जबरन प्रवेश किया, जबकि यह रास्ता केवल बाहर निकलने के लिए है। यह घटना 23 अप्रैल, 2024 को घटी।

क्या है पूरा मामला

देवघर जिला प्रशासन ने आरोप लगाया है कि सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी ने बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। मंदिर के निकासी गेट का उपयोग केवल बाहर निकलने के लिए होता है, लेकिन दोनों सांसद उसी गेट से अंदर चले गए। जिला प्रशासन का कहना है कि उन्होंने मंदिर की सुरक्षा और व्यवस्था को बाधित किया, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को असुविधा हुई। प्रशासन ने इस घटना को एक गंभीर उल्लंघन मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई है।

मनोज तिवारी की प्रतिक्रिया

इस मामले पर मनोज तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है। मनोज तिवारी ने यह भी घोषणा की कि वह अगले दिन स्वयं गिरफ्तारी देंगे, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि वह बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने गए थे और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है।

निशिकांत दुबे का पक्ष

सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस आरोप को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि वे एक जनप्रतिनिधि हैं और उनका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सेवा करना है। उन्होंने दावा किया कि वे कोई प्रोटोकॉल नहीं तोड़ रहे थे और वे अपनी सामान्य प्रक्रियाओं का पालन कर रहे थे। उन्होंने भी इस कार्रवाई को झारखंड की सत्तारूढ़ सरकार की बदले की भावना बताया।

आगे क्या होगा

इस मामले में अब आगे की जांच शुरू होगी। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की छानबीन करेगी और आरोपों की सत्यता की पुष्टि करेगी। वहीं, मनोज तिवारी के गिरफ्तारी देने के बयान के बाद यह देखना होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है। यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है, जिसमें बीजेपी और सत्ताधारी दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस घटना ने देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

सारंडा जंगल में आईईडी ब्लास्ट: दो जवान घायल, रांची एयरलिफ्ट

पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हुआ। नक्सलियों द्वारा लगाए गए इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में हुए विस्फोट से दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना उस वक्त हुई जब सुरक्षा बल सघन सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। घायल जवानों को तुरंत हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज जारी है। दोनों जवानों की स्थिति अभी स्थिर बताई जा रही है।

ऑपरेशन का विवरण

यह घटना चाईबासा के टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका और रेंगड़ाहातु गांव के बीच में हुई। झारखंड पुलिस की 197 कोबरा बटालियन, सीआरपीएफ (CRPF), और झारखंड जगुआर (STF) के जवान संयुक्त रूप से इस इलाके में एंटी-नक्सल ऑपरेशन चला रहे थे। पिछले कई दिनों से इस क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी। इसी सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने जंगल के चप्पे-चप्पे को खंगालना शुरू किया। यह इलाका घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो नक्सलियों के लिए छिपने का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है।

विस्फोट और घटना की कहानी

गुरुवार की सुबह सुरक्षा बल जंगल के अंदरूनी हिस्सों में आगे बढ़ रहे थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान एक जवान का पैर गलती से नक्सलियों द्वारा छिपाए गए आईईडी पर पड़ गया। जोरदार धमाके की आवाज से पूरा इलाका गूंज उठा। धमाके की चपेट में आने से दो जवान घायल हो गए। एक जवान के पैर में और दूसरे के पेट में गंभीर चोटें आईं। धमाके की आवाज सुनते ही आसपास के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद, उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।घायल जवानों की पहचान संदीप कुमार और विकास यादव के रूप में हुई है। संदीप को पैर में गंभीर चोट लगी है, जबकि विकास को पेट के निचले हिस्से में चोट आई है। घटना के बाद, पूरे इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं और सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है।

एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया

घायल जवानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए, उन्हें तुरंत एयरलिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। जिला मुख्यालय चाईबासा से एक हेलीकॉप्टर को मौके पर भेजा गया। घायलों को हेलीपैड तक पहुंचाया गया और वहां से उन्हें रांची के मेडिका अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम पहले से ही तैयार थी। घायलों को तुरंत आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया।मेडिका अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि दोनों जवानों की सर्जरी की गई है और उनकी स्थिति अब खतरे से बाहर है। हालांकि, उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा। सुरक्षाबलों के उच्च अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर जवानों का हालचाल जाना और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

नक्सली गतिविधियों का गढ़: सारंडा

सारंडा जंगल झारखंड और ओडिशा की सीमा पर स्थित है और इसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यह इलाका 820 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और घने साल के पेड़ों से आच्छादित है। नक्सलियों ने इस जंगल का उपयोग कई दशकों से अपने ठिकाने के रूप में किया है। वे यहाँ पर अपने कैंप लगाते हैं, प्रशिक्षण देते हैं, और सरकारी संस्थानों पर हमलों की योजना बनाते हैं।सुरक्षाबलों ने पिछले कुछ वर्षों में सारंडा में नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े अभियान चलाए हैं। इन अभियानों में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलताएं भी मिली हैं। कई बड़े नक्सली कमांडरों को या तो मार गिराया गया है या गिरफ्तार किया गया है। लेकिन, नक्सली अब भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए इस तरह के गुरिल्ला युद्ध की रणनीति अपनाते रहते हैं, जिसमें आईईडी का इस्तेमाल सबसे आम है।आईईडी का इस्तेमाल नक्सलियों की एक पुरानी रणनीति है, जिसमें वे सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए सड़कों, पगडंडियों और जंगलों में बम छिपाते हैं। ये बम अक्सर प्रेशर प्लेट से जुड़े होते हैं, और जैसे ही कोई उन पर कदम रखता है, धमाका हो जाता है। इस तरह के हमलों से सुरक्षाबलों को हमेशा चौकन्ना रहना पड़ता है।

उच्च स्तरीय बैठक और आगे की रणनीति

इस घटना के बाद, राज्य के डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने एक आपातकालीन बैठक की है। बैठक में सारंडा और आसपास के इलाकों में नक्सल विरोधी अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई। यह भी तय किया गया कि सुरक्षाबलों को आईईडी का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए और अधिक आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस तरह के हमलों से उनका मनोबल टूटेगा नहीं। सरकार ने घायल जवानों को हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है।

क्षेत्र में तनाव और जन-जीवन

इस घटना के बाद, आसपास के गांवों में भी तनाव का माहौल है। ग्रामीण डर के साए में जी रहे हैं। इस तरह के हमलों के कारण गांव के लोग अपने खेतों और जंगलों में जाने से डरते हैं, क्योंकि उन्हें हमेशा किसी अनहोनी का डर लगा रहता है। सुरक्षाबलों की मौजूदगी से कुछ हद तक ग्रामीणों को राहत मिलती है, लेकिन जब भी इस तरह की घटना होती है, तो उनका डर वापस लौट आता है।यह घटना एक बार फिर से यह दर्शाती है कि सारंडा और उसके आसपास के इलाकों में नक्सलवाद अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सुरक्षाबल अपनी जान जोखिम में डालकर इस चुनौती का सामना कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर से इस बात पर जोर दिया है कि नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सरकार और सुरक्षाबलों को एक साथ मिलकर और भी मजबूत रणनीति बनाने की जरूरत है।

श्री बंशीधर नगर में नकली मिठाइयों का साम्राज्य ध्वस्त, 55 क्विंटल मिठाई जब्त

झारखंड के श्री बंशीधर नगर में पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलकर एक बड़ी सफलता हासिल की है। आगामी त्यौहारों से ठीक पहले, उन्होंने एक थोक व्यापारी के घर पर छापेमारी कर 55 क्विंटल (लगभग 5,500 किलोग्राम) नकली और मिलावटी मिठाइयां जब्त की हैं। यह कार्रवाई सिर्फ एक छापा नहीं है, बल्कि यह उन मिलावटखोरों के खिलाफ एक मजबूत संदेश है जो लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

लापरवाही की इंतहा: स्वास्थ्य से खिलवाड़

जब्त की गई मिठाइयों में मुख्य रूप से छेना रसगुल्ला और कलाकंद शामिल थे। जांच में पाया गया कि ये मिठाइयां न केवल अस्वच्छ परिस्थितियों में बनाई जा रही थीं, बल्कि इनमें ब्रांडिंग, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जैसी बुनियादी जानकारियों का भी अभाव था। यह दिखाता है कि इन मिठाइयों को बनाने वाले लोग न सिर्फ कानून तोड़ रहे थे, बल्कि उन्हें लोगों के स्वास्थ्य की भी जरा परवाह नहीं थी। ऐसी मिठाइयां खाने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें फूड पॉइजनिंग और एलर्जी शामिल हैं।त्यौहारों की आड़ में चलता था गोरखधंधायह साफ है कि यह धंधा त्यौहारों के मौके पर चलता था। रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, और दुर्गा पूजा जैसे त्यौहारों पर मिठाइयों की भारी मांग होती है, जिसका फायदा उठाकर ये व्यापारी कम दाम में घटिया क्वालिटी की मिठाइयां बनाकर बेचते थे। वे खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के बाजारों को निशाना बनाते थे, जहां लोग अक्सर कम दाम को प्राथमिकता देते हैं और जागरूकता की कमी होती है।

आगे की कार्रवाई और सख्त संदेश

पुलिस ने व्यापारी के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। जब्त की गई मिठाइयों के नमूने लैब में भेज दिए गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनमें कौन-कौन से हानिकारक रसायन और तत्व मौजूद हैं। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि मिलावटखोरों को बख्शा नहीं जाएगा और प्रशासन लोगों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है।यह घटना हम सभी के लिए एक सबक है कि त्यौहारों पर मिठाई खरीदते समय हमें सतर्क रहना चाहिए। हमेशा भरोसेमंद दुकानों से ही मिठाई खरीदें और पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जैसी जानकारियां जरूर जांचें।

800 करोड़ के GST घोटाले में ED ने रेड में रांची, जमशेदपुर और कोलकाता में छापेमारी की

झारखंड में 800 करोड़ रुपये के बड़े जीएसटी घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार सुबह से ही अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। ईडी की टीमों ने रांची, जमशेदपुर और कोलकाता सहित आठ अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह घोटाला फर्जी कंपनियों के एक बड़े नेटवर्क और हवाला लेनदेन से जुड़ा है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।

छापेमारी का विवरण

ईडी की टीम ने रांची के पीपी कंपाउंड स्थित कृष्ण अपार्टमेंट के चौथे फ्लोर पर छापेमारी की। इसी दौरान, जमशेदपुर में स्क्रैप कारोबारी ज्ञानचंद जायसवाल उर्फ बबलू जायसवाल के ठिकानों पर भी टीम पहुंची। बबलू जायसवाल को ईडी इस मामले में पहले भी जेल भेज चुकी है। जमशेदपुर में सर्किट हाउस एरिया, बिष्टुपुर, जुगसलाई और आदित्यपुर समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी चल रही है।इसके अलावा, ईडी ने झरिया और धनबाद में भी दबिश दी। यह कार्रवाई व्यवसायी अमित अग्रवाल उर्फ चीनू अग्रवाल के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है। उन पर लगभग 200 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप है।

क्या मिला ईडी को?

छापेमारी के दौरान, ईडी के अधिकारियों ने कई अहम दस्तावेज़ जब्त किए हैं। इनमें हवाला और फर्जी कंपनियों के माध्यम से किए गए लेन-देन के रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजेक्शन से जुड़े कागजात, संपत्ति के दस्तावेज़ और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस शामिल हैं।

ईडी का मानना है कि फर्जी कंपनियों का जाल बिछाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत फायदा उठाया गया, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ।

पहले की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

यह दूसरी बार है जब ईडी इस मामले में छापेमारी कर रही है। इससे पहले, ईडी ने इस घोटाले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था: * कोलकाता के कारोबारी शिवकुमार देवड़ा * अमित गुप्ता * मोहित देवड़ा * जमशेदपुर के विक्की भालोटियाइन सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की गई थी। जांच के दौरान, इनकी कागजी कंपनियों से जुड़े 10 बैंक खातों से 60 लाख रुपये भी जब्त किए गए थे। फिलहाल, चारों आरोपी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

ईडी का कहना है कि यह छापेमारी पिछली पूछताछ से मिले इनपुट के आधार पर की गई है। एजेंसी इस हवाला नेटवर्क और फर्जी बिलिंग के पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने में जुटी है, जिसकी परतें रांची, जमशेदपुर, कोलकाता और मुंबई तक फैली हुई हैं।