देवघर में सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ मामला दर्ज

झारखंड के देवघर में स्थित प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मंदिर के ‘निकासी गेट’ से जबरन प्रवेश किया, जबकि यह रास्ता केवल बाहर निकलने के लिए है। यह घटना 23 अप्रैल, 2024 को घटी।

क्या है पूरा मामला

देवघर जिला प्रशासन ने आरोप लगाया है कि सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी ने बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। मंदिर के निकासी गेट का उपयोग केवल बाहर निकलने के लिए होता है, लेकिन दोनों सांसद उसी गेट से अंदर चले गए। जिला प्रशासन का कहना है कि उन्होंने मंदिर की सुरक्षा और व्यवस्था को बाधित किया, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को असुविधा हुई। प्रशासन ने इस घटना को एक गंभीर उल्लंघन मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई है।

मनोज तिवारी की प्रतिक्रिया

इस मामले पर मनोज तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है। मनोज तिवारी ने यह भी घोषणा की कि वह अगले दिन स्वयं गिरफ्तारी देंगे, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि वह बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने गए थे और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है।

निशिकांत दुबे का पक्ष

सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस आरोप को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि वे एक जनप्रतिनिधि हैं और उनका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सेवा करना है। उन्होंने दावा किया कि वे कोई प्रोटोकॉल नहीं तोड़ रहे थे और वे अपनी सामान्य प्रक्रियाओं का पालन कर रहे थे। उन्होंने भी इस कार्रवाई को झारखंड की सत्तारूढ़ सरकार की बदले की भावना बताया।

आगे क्या होगा

इस मामले में अब आगे की जांच शुरू होगी। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की छानबीन करेगी और आरोपों की सत्यता की पुष्टि करेगी। वहीं, मनोज तिवारी के गिरफ्तारी देने के बयान के बाद यह देखना होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है। यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है, जिसमें बीजेपी और सत्ताधारी दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस घटना ने देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।