पलामू से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार अब अनुबंधित सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि 8 साल से अधिक नहीं बढ़ाई जाएगी। इस आदेश के बाद, पलामू जिले में कार्यरत 155 सहायक पुलिसकर्मियों का भविष्य अधर में लटक गया है।
क्या हुआहै
जारी आदेश के अनुसार, इन सभी सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि 20 अगस्त 2025 को समाप्त हो जाएगी और इसके बाद किसी भी परिस्थिति में उनकी सेवा जारी नहीं रखी जाएगी। इस आदेश ने सहायक पुलिसकर्मियों के बीच हलचल मचा दी है, क्योंकि वे पिछले कई वर्षों से अपनी सेवा स्थायी करने की मांग कर रहे थे।
पुलिस अधीक्षक, पलामू, ने इस आदेश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी थाना और ओपी प्रभारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सेवा अवधि पूरी होने के बाद किसी भी सहायक पुलिसकर्मी से कोई काम न लिया जाए। इस आदेश को लागू करने के लिए जल्द ही अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) भी जारी किया जाएगा।
फैसला राज्य भर में कार्यरत अन्य सहायक पुलिसकर्मियों पर भी असर डालेगा। फिलहाल, इस आदेश को लेकर पुलिस महकमे में गहमागहमी का माहौल है और सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। यह देखना होगा कि इस फैसले के बाद सरकार इन कर्मियों के लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था करती है।
झारखंड के साहिबगंज के अंतर्गत एक कबाड़ी के घर में ED के टीम ने छापा मारा मंगलवार के सुबह से ही ED की जांच में लगी हुई है ED के टीम ने करीबन 8 घंटे के करीबन तक जांच और कढ़ी मस्कत किया सुरक्षा के मध्यनजर रखते हुए उन्होंने ED के टीम ने सुरक्षा के लिए CiSF की टीम को अपने साथ लेकर आए थी ।
क्या था मामला
सूत्रों के मुताबिक पता चला कि संतोष कुमार गुप्ता इन लोग दो भाई हैं दोनों ही भाई कबाड़ी का काम किया करते हैं तो ही भाई अपने ही कबाड़ी खरीदा करते थे और बेचा करते थे उनके घर के बाहर भी कई बोरिया मिला जिसमें बहुत सारे कबाड़ा था ED के टीम एक एकबैग संतोष के घर एक कार से आए और घर के अंदर इंटर कर गए और जांच करते लगी इस बात के पता चलते ही वहां पर बहुत सारे ग्रामीण एकत्रित होने लगे और वह देखते ही देखते घर के बाहर बहुत सारा भीड़ लग गया
जांच में क्या मिला
जांच के दौरान पता चला कि ED की टीम झारखंड में हुए 750 करोड़ की GST घोटाले के जांच के लिए आए थी लेकिन संतोष के घर में जांच के बाद ED के टीम को कोई जांच में कोई भी वैसी कोई भी चीज हाथ नहीं लगी
झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दिल्ली के ओपोलो अस्पताल में लिए अंतिम सांस । सिर में गंभीर चोट की वजह से वो दो अगस्त से ही इलाज करा रहे थे। वह दो अगस्त को शनिवार के तड़के घोड़ाबांधा स्थित आवास में बाथरूम में फिसलकर गिर जाने के कारण सिर में चोट लग गया था। इससे उनके सिर में गंभीर चोट आ गया था । उन्हें एयरलिफ्ट करके दिल्ली इलाज के लिए ले जाया गया था । वहां उनको अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अपोलो अस्पताल में उनकी हालत बहुत गंभीर बनी हुई थी।
परिजनों के मुताबिक से वे दो अगस्त को मॉर्निंग वॉक पर जाने के लिए सुबह 4:30 बजे ही उठे हुए थे । बाथरूम गए, जहां यह घटना हो गया। परिवार के लोग उन्हें तुरंत लेकर तत्काल टाटा मोटर्स अस्पताल में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद ही स्थिति को गंभीर बताया। उनके ब्रेन में ब्लड बहुत क्लॉट हो गया था।
फिर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली में इलाज के लिए ले जाने का फैसला लिया गया। सुबह 9:30 बजे सोनारी एयरपोर्ट से एयर एंबुलेंस से उन्हें दिल्ली इलाज कराने के लिए ले जाया गया। वहां अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रहे थे ।
जेएमएम के बड़े नेताओं में एक रामदास जी थे
रामदास सोरेन झामुमो के बड़े नेताओं में से एक नेता थे । वर्तमान में घाटशिला से विधायक भी रह चुके हैं। चंपाई सोरेन जी के भाजपा में शामिल होने पर ही हेमंत सोरेन जी ने अपने पिछले मंत्रिमंडल में ही उन्हें कोल्हान के बड़े नेता के रूप ही में प्रोजेक्ट करते हुए ही मंत्री बनाया था। 2024 के चुनावी नतीजों के बाद ही उन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया था।
नेमरा गांव में दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन के बाद तुरंत बाद ही उनकी याद में जो बन रही सड़कों को लेकर भावनाएं व्यक्त की गई हैं, वह झारखंड के विकास की के बहुत ही कड़वी और निन्दिये सच्चाई को दर्शाती हैं। यह एक ऐसी घटना का सबूत है, कि जो दिखाती है कि कैसे हमारे नेताओं के जीवन से लेकर और मृत्यु तक दोनों ही हमारे समाज में बदलाव लाने का जरिया बनता जा रहा हैं। यह बेहद दुखद ही बात है कि नेमरा के लोग यह सोच रहे हैं कि अगर शिबू सोरेन जी जब तक जीवित होते, तब तक शायद यह सड़क कभी नहीं बन पाती । यह भावना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं दर्शाता है , बल्कि उन लाखों लोगों की प्रेरणा है, जो सालों से बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं।
यह सच बात है कि जब कोई बड़ा नेता हमारे बीच से चला जाता है, तो उसके सम्मान में ब कुछ बड़ा किया जाता है। सड़कों का निर्माण, स्मारकों का निर्माण, और विभिन्न योजनाओं का नामकरण—यह सब स्वाभाविक है। लेकिन क्या यह सही है कि यह सब कुछ उनके जाने के बाद ही हो सकता हैं? क्या उनके जीवित रहते हुए, उनके सम्मान में, और उनके लोगों के लिए यह सब नहीं किया जा सकता था? नेमरा में बिना टेंडर और बिना ही किसी अनुशंसा के सड़क का निर्माण का कार्य शुरू हो गया , यह दर्शाता है कि अगर सरकार चाहे, तो कोई भी कार्य को बहुत तेजी से हो सकता है।
झारखंड के विकास का सच
झारखंड, जिसे हम “सोना झारखंड” कहते हैं, उसकी एक और कड़वी सच्चाई यह भी है। यहां विकास की गति सीमा धीमी है, और इसका सबसे बड़ा कारण है यह भी है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की अभी भी कही न कहीं कमी है। नेमरा में जो हुआ, वह दिखाता है कि अगर सरकार की नीयत साफ और सरल हो, तो नियमों को ताक पर रखकर भी कोई भी काम को कराया जा सकता है। लेकिन यह क्यों सिर्फ एक विशेष परिस्थिति में ही हो सकता है? क्यों पूरे झारखंड में ऐसी ही तत्परता नहीं दिखाई जाती?
झारखंड के लाखों गांव आज भी कच्ची सड़कों, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह गए हैं। ऐसे में जब नेमरा में भोज कर्म के लिए अतिथियों के आने के कारण बना दस दिन के अंदर ही सड़क का कार्य शुरू कर दिया गया , तो यह सवाल उठना लाजिमी ही बनता है कि क्या हमारे नेताओं के जीवन से ज्यादा उनकी मृत्यु ही महत्वपूर्ण होती जा रही है? क्या यह सच है कि किसी भी बड़े काम के लिए किसी नेता के जाने का इंतजार करना पड़ता है ?
नेमरा में सड़क का बनना अच्छा है, लेकिन यह जिस तरह से यह हुआ, वह कई सवाल को भी खड़े करता है। गांव में जहां सड़क बन रही है, वहीं दूसरी तरफ गोतिया के घर के अंदर पानी से भरे हुए हैं। यह विसंगति विकास के मॉडल पर सवाल को उठाती है। क्या यह सही है कि एक तरफ तो सड़क बन जाए, और दूसरी तरफ एक ही गांव के लोग पानी में डूब रहे हों? यह दिखाता है कि विकास का मतलब सिर्फ सड़क ही बना देना नहीं होता है, बल्कि यह देखना भी होता हैं कि यह विकास सभी तक पहुंच रहा है कि नहीं ।
हादसा हो गई । धान से लदे ट्रक ने एक ऑटो को ही टक्कर मार दी। फिर वह पलट गया। इस हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की जान चली गई। मृतकों की पहचान शेख असुद्दीन, पत्नी इशरत खातून, और बेटा शेख अमन और मां आयशा खातून के रूप में थे । ये सभी कांटाटोली में स्थित आजाद कॉलोनी पास के चिश्तिया बस्ती के पास के रहने वाले थे। हादसे में एक और जो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है।
असुद्दीन अपने परिवार के साथ में पश्चिम बंगाल के झालदा में स्थित एक परिचित के यहां से आ रहे थे। बुधवार रात को ही सभी ऑटो में बैठ कर घर के लौट रहे थे। और शेख असुद्दीन खुद ही ऑटो चला रहे थे। रात करीब 10 बजे की बात है। जैसे ही वे सभी लोग घाटी के पास पहुंचे, तभी धान से लदे तेज रफ्तार ट्रक ने ऑटो में जोरदार टक्कर मार दी । टक्कर इतना जोरदार था कि वह ऑटो पूरी तरह से तुरन्त ही क्षतिग्रस्त हो गया। ड्राइवर ने ट्रक लेकर भागने की भी कोशिश की, लेकिन घाटी क्षेत्र होने के कारण वह ड्राइवर अनियंत्रित होकर वह भी घाटी में ही पलट गया। इधर, घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने अनगड़ा थाने को तुरन्त किया और लिस पहुंची। तब तक चार लोगों की मौत हो चुका है। एक घायल को सीएचसी अनगड़ा से रिम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
अनगड़ा थाना के थाना प्रभारी हीरालाल साह घटनास्थल पर तुंरत पहुंच कर घटना का जायजा लिए । लेकिन ड्राइवर और खलासी गाड़ी को छोड़ कर फरार हो गई। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है। ट्रक कहां से धान लेकर आ रहा था, इसकी बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाया है। पुलिस के अनुसार असुद्दीन का घर रांची और झालदा, दोनों जगह पर मकान है। इसलिए वे अक्सर झालदा आते-जाते रहा करते थे। वे खुद ही अपनी ऑटो चलाकर यहां आते थे। उधर, घटना की जानकारी मिलने पर राजा डेरा के पूर्व मुखिया व मोतीराम मुंडा उमेश महतो ने भी घटनास्थल पर तुंरत पहुंचे। घायल को इलाज के लिए भेजने में पुलिस की मदद ली गई।
पाकुड़ नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिरसा चौक में स्थित हनुमान मंदिर में चोरी की वारदात देखने को मिली। बुधवार सुबह सफाईकर्मी ने मंदिर पहुंचकर मंदिर द्वार खोलने के गया तो देखा कि मंदिर का ताला टूटा हुआ है इसकी सूचना गांव में ग्रामीण को दिया
बताया कि चोरों ने रात को मंदिर का मुख्य दरवाजा का ताला तोड़कर मंदिर के अंदर प्रवेश किया। और दान पेटी का ताला तोड़कर एक साल से भी ज्यादा समय से जमा राशि के साथ कुछ आभूषण को भी चुरा लिए।
महाप्रसाद वितरण में करीबन 300-400 लोग मौजूद
समिति के मुख्य अध्यक्ष टुनटुन भगत ने बताया कि मंगलवार के देर रात मंदिर में एक जन्मोत्सव कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान महाप्रसाद वितरण में करीब 300-400 वहां पर लोग मौजूद थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर के पीछे ही कुछ लोग अक्सर नशा किया करते थे। संभवतः उन्हीं लोगों के द्वारा चोरी किया गया होगा ।
नगर थाना प्रभारी बबलू कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर मौके का जायजा लिया। और उन्होंने मंदिर परिसर का भी निरीक्षण किया और समिति सदस्यों से भी जानकारी लिया । थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की अभी जांच की जा रही है और जल्द ही चोरी को डूड लिया जाएगा। मंदिर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में चोरी की घटना को कैद हो गया है। पुलिस फुटेज के आधार पर जांच में लग गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में आयोजित हुई मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में। इसमें कुल 18,541 करोड़ रुपए की परियोजना की मंजूरी मिली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना में बताया कि बैठक में कुल 4 नए अहम फैसले लिए गए जिसमें सेमीकंडक्टर एवं प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दिया गया ।
उन्होंने कैबिनेट में कहा कि इसके 6 प्रोजेक्ट्स पहले से ही स्वीकृत किया जा चुका हैं और आज और 4 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली दी गई है। इसके तहत ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में भी प्लांट्स लगाए जाएंगे, जिसके लिए 4,594 करोड़ रुपए का निवेश रखा जाएगा। इसमें घरेलू चिप उत्पादन, पैकेजिंग और एडवांस्ड मटेरियल को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे दो हजार लोगों को नौकरी प्राप्त होगी ।
वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में 11.165 किलोमीटर लंबाई वाली लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना को भी फेज-1 बी को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 12 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे एवं जिसके लिए 5,801 करोड़ रुपए की मंजूरीको स्वीकृति प्रदान कर दी है। लखनऊ में भी मेट्रो की बहुत जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत को स्वच्छ विकास एवं स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध और जागरूक करना है। इसलिए अरुणाचल प्रदेश में सियोमी जिले में 8,146 करोड़ रुपए के निवेश के साथही 700 मेगावाट की टाटो I हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को मंजूरी को स्वीकृति दी गई है। इसे पूरा होने में करीब 72 महीने का समय लगेगा।
लातेहार में स्थित सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बहेराटांड़ मुहल्ले में सोमवार के रात्रि चाचा ने अपने ही भतीजे को लाठी से मार मारकर मौत के घाट उतार दिया । जिससे रांची रिम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान ही भतीजा की मौत हो गई।
क्या है मामला
बताया जा रहा है कि चाचा मंटू भुईयां व भतीजा विपिन भुइयां के बीच किसी बात को लेकरआपसी विवाद एवं झगड़ा हो गया। इसी के दौरान चाचा ने भतीजा को बेरहमी से मारा । जिसमें भतीजा विपिन भुइयां गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजनों ने बताया कि घायल बिपिन भुईयां का ईलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों के प्राथमिक इलाज के बाद रांची रिम्स हॉस्पिटल में रेफर कर दिया।
इलाज के लिए रांची रिम्स में ही उसकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने शव लेकर को घर पहुंचे और उस मामले की जानकारी अपने नजदीकी सदर थाना पुलिस को दिया । सूचना मिलते ही थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार महतो व दल बल के साथ वहां पहुंचे और उस मामले की जांच पड़ताल किए ।
इलाज के लिए रांची रिम्स में ही उसकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने शव लेकर को घर पहुंचे और उस मामले की जानकारी अपने नजदीकी सदर थाना पुलिस को दिया । सूचना मिलते ही थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार महतो व दल बल के साथ वहां पहुंचे और उस मामले की जांच पड़ताल किए ।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 734 करोड़ रुपए के जीएसटी घोटाले के जांच में कई महत्वपूर्ण चौंकाने वाले मामले देखने को मिले हैं। ईडी ने जांच किया तो पाया ह कि इस घोटाले के मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा ने जीएसटी घोटाले में लिए एक नहीं, बल्कि कई और शेल कंपनियां बनाई। उसने इन शेल कंपनियों को दूसरों के हाथों बेचकर घोटाला किया।
जिन सभी लोगो ने इन सभी शेल कंपनियों को खरीदा, देवड़ा ने बाद में उन्हें भी इस घोटाला में शामिल कर अपने ग्रुप का मेंबर बना लिया। ईडी ने जांच किया तो उन्होंने बताया कि शिव कुमार देवड़ा की 25 से भी अधिक और शेल कंपनी है जो इस बारे में जानकारी देती है कि , जिसे घोटाला के लिए सभी कारोबारियों को बेचा। ये कंपनियां 8 से 20 हजार रुपए के रकम में बेची गई ।
घोटाले के ठीक तुरंत बाद बंद कर देता था कंपनी
ईडी को इस बात का पता चला तो शिव कुमार देवड़ा घोटाले के बाद कुछ दिनों के लिए शेल कंपनियों को बंद कर देता था। ताकि उनका कोई और डिटेल्स किसी के हाथ जानकारी न लग जाए। ईडी ने देवड़ा के ठिकानों पर छापेमारी किया तो उसने पाया कि इस घोटाले से संबंधित साक्ष्यों को मिटाने की भी कोशिश की थी । अनुसंधान के दौरान यह बात भी सामने आई कि देवड़ा जीएसटी घोटाला की जांच के दौरान अधिकारियों के विरुद्ध ही शिकायत पत्र उनके विरुद्ध लिखता था। उसने जीएसटी के कई अधिकारियों के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए वरीय अधिकारियों के पास शिकायत पत्र लिखा था। ताकि उसके विरुद्ध हो रही जांच प्रभावित होकर अधिकारी उसके विरुद्ध जांच कराई।
गढ़वा जिले के कांडी में उपायुक्त के निर्देशानुसार सभी प्रखंडों में अंचलों में प्रत्येक सप्ताह में दो दिनों तक मंगलवार और शुक्रवार को जनता दरबार का आयोजन किया गया है । इस दौरान सभी लोगों का जनसमस्याओं की जनसुनवाई होगी। उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि सभी प्रखंडों और अंचलों में प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को जनता दरबार में जनसुनवाई किया जाए। उक्त निर्देश के आलोक ने कांडी प्रखंड के अंतर्गत प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को दिन में 11:00 बजे से 1:00 बजे तक जनता दरबार लगाया जाएगा। इस दौरान जनसुनवाई किया जाएगा। उपायुक्त ने यह निर्देश दिया है कि जनता दरबार एवं जनसुनवाई में जितने भी मामले होंगे उनको सूचीबद्ध किया जाएगा और एक अलग से रजिस्टर में रख कर उसका संधारण कर संशोधन किया जाएगा। सभी जन प्रतिनिधियों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि वह अपने क्षेत्र में इसका व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करे कि प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को दिन में 11:00 बजे से ले करके 1:00 बजे तक सामूहिक जनसुनवाई का कार्यक्रम प्रखंड सह अंचल कार्यालय में किया जाएगा
कांडी के बीडीओ राकेश सहाय सभी जनता गढ़ जिनका कोई मामला हो कोई समस्या हो तो वह सीधे उस जनता दरबार में अपना बात कह सकते हैं एक आवेदन लेकर के आएंगे और उनका सारा समस्याओं का समाधान किया जाएगा