झारखंड राज्य के शिक्षा मंत्री के निधन के बाद शिक्षा का कार्यभार खुद ही राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ही अब संभालेंगे बताया जा रहा है लगातार हो रहा इस तरह के घटना से कोई भी विधायक इस को लेने हिचकिचा रहे है।
अब मामला विस्तार से
गौर तलब अब बताया जा रहा है झारखंड राज्य के शिक्षा का कार्यभार अब खुद ही हेमंत सोरेन संभालेंगे और उनकी निगरानी में ही चलेगा बताया जा रहा है कि जो भी नेता ने शिक्षा के इस पद को अभी तक संभाला वह व्यक्ति को कोई गंभीर बीमारी हो गया या तो उसका निधन हो गया इसी को लेकर कोई भी इस पद को लेने के तैयार नहीं है।
बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार में ही जगरनाथ महतो का पहले निधन हो गया जो उनका फेफड़े में संक्रमण हो गया था लेकिन इलाज के दौरान ही उनका मौत हो गई।
अब हेमन्त सोरेन का दुबारा सरकार आए तो शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को बनाया गया लेकिन वह भी बाथरूम में गिर जाने के कारण उनके सिर पर गंभीर चोट आ गई और उनका इलाज के दौरान ही दिल्ली के हॉस्पिटल में दम तोड़ दिए
पहले ही हेमंत सोरेन पर आए दिनों कोई न कोई सवाल उठते रहते हैं कही स्कूल में टीचर की कमी तो कही स्कूल में भोजन में गड़बड़ी तो कही स्वास्थ्य में खराबी के कारण उनपर सवाल उठाएं जा रहे है अब उन्हें इस विकट परिस्थिति में उन्हें खुद की संयम से कम लेना होगा देखते की वह कितने धैर्य के साथ अपने मंत्रिमंडल को आगे चलाते हैं।
झारखंड के लातेहार जिले में स्थित एक आवासीय विद्यालय के हॉस्टल में अचानक आग लग गई जिसमें करीबन 25 करीब लड़कियों को आग के चपेट में आने से बच्चा लिया गया है यह घटना करीबन 6 बजे सुबह की है जिसमें बरियातू में स्थित कस्तूरबा विद्यालय में आग लग गई इसमें किसी को हताहत होने की कोई घटना नहीं आई है जिसमें केवल खाने पीने के अंतर्गत वस्तुएं और पढ़ाई लिखाए के अंतर्गत आने वाली किताबें जल गए और कोई भी बड़ा नुकसान नहीं हुआ है ।
पुलिस की टीम तुंरत की करवाई
इसकी सूचना तुरंत बरियातू थाने को मिली तो उन्होंने तुंरत वहां फायरब्रिगेड यानी कि दमकल की टीम को तुरन्त भेजा और आग को काबू में कर लिया गया जिस समय आग लगी थी उस समय सभी लड़कियां पिटी के लिए पिटी ग्राउंड में थी जिससे उनको कोई नुकसना नहीं हुआ ।
कैसे लगी आग
जांच में पाया गया कि कमरे में आग लगने की वजह शार्टसर्किट की वजह से आग लगी थी जिसमें बरियातू के अंतर्गत स्थित कस्तूरबा विद्यालय में आग को काबू करने के फायरब्रिगेड के टीम ने घंटों के मसकत के बाद आग पर काबू पाया उस विद्यालय में कुल 221 छात्राएं बढ़ती हैं
झारखंड के गढ़वा जिला के अंतर्गत गर्दी गांव में एक परिवारिक विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया जिसमें 6 पुलिस समेत और 10 लोग भी घायल हो गए अभी घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है तभी मौके को देखते हुए वहां पर और भी पुलिस की टीम को तुरन्त भेजा गया पुलिस अभी जांच पड़ताल में जुटी हुई है दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
ग्रामीणों ने किया पुलिस पर हमला
यह मामला तब हिंसा का रूप ले लिया जब गर्दी गांव के निवासी तकशीर खान ने अपनी पत्नी रकीबा खातून के साथ मारपीट किए वहां पर मामला को सलटाने के रकीबा के पिता पहुंचे हुए थे तभी और भी वहां मामला बिगड़ गया और ग्रामीणों ने रकीबा के पिता के ऊपर हमला कर दिया इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई तो वहां पर पुलिस पहुंची तो गुसाई ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया ।
पुलिस जांच मेंजुटी हुई है
इसकी सूचना गढ़वा के थाना प्रभारी वृज कुमार को मिली तो वह उन्होंने तुंरत और भी पुलिस की टीम को तुरन्त भेजा अभी घायलों इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है और पुलिस मामले की जांच कर रही है
गढ़वा जिले के अंतर्गत धुरकी थाना के थाना प्रभारी जनार्दन राउत ने सगमा प्रखण्ड में अंतर्गत स्थित सभी गांव के लोगों को रोड के किनारे पर जानवरों को न बांधने की हिदायत दे दी है। उनका यह निर्देश है कि यह सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से बनाया गया है।
सड़क के किनारे पर जानवरों को बांधने से कई प्रकार की भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जिससे सबसे पहले, इससे सड़क पर चलने वाले लोगों और वाहनों के आवाजाही प्रभावित होगी और खतरा बढ़ जाता है, खासकर यह रात के समय या जब वाहन उच्च गति से चल रहे होते हैं। तो यह अचानक से सड़क पर आने वाले जानवरों से टकराव के कारण होने का खतरा रहता है, जिससे दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं।
इसके अलावा, भी सड़क के किनारे पर जानवरों को बांधने से सड़क की चौड़ाई और कम हो जाती है, जिससे यातायात की गति और भी धीमी हो जाती है और जाम की स्थिति और भी उत्पन्न हो सकती है। इससे न केवल हमे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि यह आपातकालीन स्थिति और सेवाओं जैसे कि एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि विभिन्न प्रकार के सेवाएं में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
थाना प्रभारी जनार्दन राउत का निर्देश है कि न केवल सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे जानवरों की सुरक्षा भी को भी सुनिश्चित किया जा सकता है। सड़क के किनारे पर बंधे जानवरों को वाहन से टकराव से होने वाला खतरा की भी रोका जा सकता है, जिससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है नहीं तो वे घायल भी हो सकते हैं।
इस निर्देश के अनुपालन में सगमा प्रखण्ड के सभी लोगों से यह अपील की गई है कि वे अपने जानवरों को सड़क के किनारे बांधने के बजाय सुरक्षित स्थानों पर बांधें, जहां से वे सड़क पर न आ सकें। और आवाजाही पर पर कोई असर न पड़ें इसके लिए वे अपने खेतों या घरों के आसपास भी सुरक्षित स्थानों पर जानवरों को बांध सकते हैं।
सड़क सुरक्षा और यातायात के अंतर्गत नियमों के ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के द्वारा निरंतर प्रयासरत है। किया जा रहा है कि थाना प्रभारी जनार्दन राउत का यह निर्देश इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इससे न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी को ला सकता जा सकता है, बल्कि यह आम जनता की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सकता है।
सगमा प्रखण्ड के अंतर्गत सभी लोगों से अपील की गई है कि वे थाना प्रभारी के निर्देश का पालन करें और अपने जानवरों को सड़क के किनारे पर न बांधें। इससे न केवल सड़क सुरक्षा में सुधार लाया जा सकता है, बल्कि जानवरों को होने वाला हानि को भी सुनिश्चित किया जा सकता है ।
Agniveer Recruitment 2025 में रांची के खेलगांव स्टेडियम में 22 अगस्त से ही शुरू हो रही अग्निवीर भर्ती रैली में झारखंड के अभी सभी युवाओं को सेना में शामिल होने का एक सुनहरा मौका है. यह रैली 4 सितंबर तक चलेगा और इसमें विभिन्न पदों पर बहाली की जायेगी. पूरी प्रक्रिया में पारदर्शी तरीके से रहेगी । यह झारखंड के सभी युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने का एक सुनहरा मौका है एक बार फिर सामने आए है. यह भर्ती सेना भर्ती कार्यालय, रांची की ओर से आयोजित किया गया है यह अग्निवीर भर्ती रैली 22 अगस्त से शुरू होकर 4 सितंबर 2025 तक चलेग यह भर्ती रांची के खेलगांव स्टेडियम में आयोजित की जायेगी. यह रैली झारखंड राज्य के मूल निवासियों के लिए है, जो सेना में सेवा करने का अपने में जज़्बा रखते हैं।
इस भर्ती रैली में अग्निवीर (सामान्य ड्यूटी), अग्निवीर (तकनीकी), अग्निवीर (क्लर्क/स्टोर कीपर तकनीकी), अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं पास) के लिए और अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं पास) के पदों पर चयन किया जायेगा. जो इसमें न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास रखी गई है.
होने वाले रैली में सुविधाएं और सावधानियां
आपको भर्ती स्थल पर सुबह 4 बजे से ही सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेंगी. जिसमें सभी अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल कवर, और एंबुलेंस सुविधा, ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंधन के साथ-साथ ही विश्राम क्षेत्र और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी रखी गई है। इसमें एडमिट कार्ड के बिना किसी भी अभ्यर्थी को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जायेगी ।
जो अभ्यर्थी ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (CEE) पास कर चुके हैं, उन्हें एडमिट कार्ड उनको उनके ईमेल पर भेजा जा चुका है. इसके अलावा भी अभ्यर्थी www.joinindianarmy.nic.in वेबसाइट पर जाकर भी अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.
समस्या होने पर कहां करें संपर्क?
अगर किसी भी अभ्यर्थी को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में कोई कठिनाई हो रही है, तो वे सेना भर्ती कार्यालय, रांची में (मेन रोड, ओवरब्रिज के पास) में ही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक संपर्क कर सकते हैं.
भर्ती में होगी पारदर्शी, दलालों से रहें दूर
सेना भर्ती निदेशक ने कर्नल विकास भोला ने भी कहा कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शी होगी. किसी भी फर्जी व्यक्ति या दलाल के झांसे में आप न आयें. चयन केवल यह चयन योग्यता और शारीरिक क्षमता के आधार पर होगा. सभी अभ्यर्थी अपने साथ ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र, निवास, जाति प्रमाण पत्र और अन्य भी जरूरी दस्तावेज साथ लेकर आयें.
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2025 के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के साथ रोजगार, जीएसटी में भी सुधार होगा, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने की ये बड़ी घोषणाएं
भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक शुभ अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली के लाल किले से कई महत्वपूर्ण और प्राचीर देश को संबोधित करते हुए भारत देश को एक नई दिशा और उम्मीद की नई किरण दिखाई। उनका यह संबोधन में केवल एक पारंपरिक भाषण ही नहीं था, बल्कि यह भारत के भविष्य की नींव रखने में वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था। इस साल के स्वतंत्रता दिवस का मुख्य फोकस यह था कि सभी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और जीएसटी प्रणाली को सरल और सहज एम् प्रभावी बनाना था। प्रधानमंत्री के द्वारा अपने दिए भाषण में इन दो प्रमुख क्षेत्रों के कई महत्वपूर्ण और दूरगामी परिणामों के और कई घोषणाएं कीं, जिनका उद्देश्य भारत के युवाओं को एक नई किरण की विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना था।
युवाओं के रोजगार के नए अवसर प्रदान करना
प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिए अपने संबोधन में यह बात भी कहा कि भारत की युवा शक्ति ही इस देश की सबसे बड़ी पूंजी का कार्य करता है। आज के समय में इस युवा ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध रूप से कार्य कर रहा है। इसी दिशा में, उन्होंने एक महत्वाकांक्षी योजना, के रूप में ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (PM-VBRY) की शुरुआत की घोषणा करना है । यह योजना सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि यह देश के करोड़ों युवाओं के लिए सपनों को साकार करने का एक जरिया है।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक नई पहल के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का कार्य एक बड़ा बजट आवंटित करने के लिए है। इस फंड का मुख्य लक्ष्य और पहल पर अगले दो वर्षों से 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना था । यह राशि न केवल सरकारी योजना तहत क्षेत्रों में बल्कि निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के सृजन को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से यह बात का उल्लेख किया है कि इस योजना में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, सेवा क्षेत्र और स्टार्टअप्स का प्राथमिकता दी जाएगी।
सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक बात यह थी कि इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी पाने वाले लोगों को युवाओं को सरकार की ओर से 15,000 रुपये का विशेष प्रोत्साहन का राशि दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन राशि दो अलग अलग किस्तों में दी जाएगी – पहली किस्त में छह महीने की नौकरी पूरी होने पर इस मामले में और दूसरी किस्त एक साल की नौकरी पूरी होने पर। यह कदम का उद्देश्य युवाओं को शुरुआती चरण में ही वित्तीय सहायता राशि प्रदान करना है ताकि वे बिना किसी दबाव के ही अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
इसके अलावा, भी सरकार ने उन सभी कंपनियों को भी प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा जो अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके लिए उन्हें विशेष सब्सिडी दी गई और टैक्स में भी छूट दी जाएगी। यह कदम निजी स्थानों में भी क्षेत्र को भी रोजगार सृजन में भागीदार बनाया गया है , जिससे एक समावेशी विकास का कार्य कर सके और माहौल बनेगा।प्रधानमंत्री ने यह बात भी कहा कि ‘स्किल इंडिया’ मिशन के तहत भी ‘रोजगार इंडिया’ मिशन के तहत भी साथ जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि युवाओं को ऐसे कौशल और प्रशिक्षण दिए गए जिनकी बाजार में वास्तव में भी मांग है। नई प्रशिक्षण के दौरान शिक्षा नीति के साथ मिलकर यह पहल महत्वपूर्ण बात युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगी।
जीएसटी को ऐतिहासिक सुधार करना है
युवाओं के लिए रोजगार की नए मामले आ गया घोषणाओं के साथ-साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी (GST) प्रणाली में बड़े सुधारों की भी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि जीएसटी का उद्देश्य ‘एक राष्ट्र को सभी लोग को एक करना है और इसे और अधिक प्रभावी तरीके से बनाने के लिए ‘नेक्स्ट-जेनरेशन’ सुधारों को भी लागू किया जाना था।जीएसटी में सुधार का मुख्य लक्ष्य रखा गया है आम आदमी पर टैक्स पर बोझ को कम करना है और छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)में सीमांत लाभ पहुंचाना है। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की ये सुधार इस साल की योजना पर दिवाली तक लागू कर दिया जाएगा ।
इन सुधारों के तहत, सभी लोग को रोजमर्रा के दौरान इस्तेमाल की गई वस्तुओं पर टैक्स पर भी की गए दरों को भी कम कर दिया जाएगा। इससे दाल, चावल, तेल, मसाले, साबुन जैसी सभी लोग मौजूद आवश्यकता की भी सभी वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे आम लोगों के जीवन पर सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम महंगाई को भी नियंत्रित करने में भी मदद गार साबित हो सकता है।
इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने भी जीएसटी को सरल और सहज बनाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव में जीएसटी के वर्तमान टैक्स स्लैब को सरल और सहज रूप से कम और प्रभावी रूप से बनाने की बात कही गई है। वर्तमान में जीएसटी में कई टैक्स स्लैब बताया गया हैं, जिनसे सभी लोगों पर व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए भ्रम की स्थिति को पैदा करती है। नए सुधारों में दो-टियर टैक्स स्लैब (standard and merit) लागू करने का सुझाव कर दिया गया है। इसमें कुछ चुनिंदा वस्तुओं को भी लिए ही विशेष रूप से दरें होंगी। यह कदम न केवल व्यापार को आसान बनाएगा, न आम आदमी को बल्कि पारदर्शिता भी लाएगा।छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)के लोगों को राहत देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। उनके लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर फाइलिंग की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सहज बनाया जाएगा। साथ ही, उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का भी आसानी से लाभ मिल सके, इस प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जाएगा।
गढ़वा में शुक्रवार को सेप्टिक टैंक के शटरिंग खोलने के दौरान दम घुटने से चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना जिला मुख्यालय के सटे नवादा बाजार से सटे गांव से आ रही है । मृतकों में तीन सगे भाई एक ही घर से शामिल है। चारों भाई एक-एक कर टैंक के अंदर घुसे ही थे इसी के दौरान उनलोगों का मौके पर ही जान चली गई।
मृतकों की पहचान नवादा गांव के अंतर्गत निवासी मोती चौधरी के तीन पुत्र अजय चौधरी (50), चंद्रशेखर चौधरी (42), एवं राजू शेखर चौधरी (55) के रूप में एक ही गांव के मल्टू राम के रूप में है। तीनों भाई अपने नए घर का निर्माण करा रहे थे और उसमें नया सेप्टिक टैंक बनाया जा रहा था। उसके शटरिंग को खोलने के दौरान यह घटना हो गया ।
एक-एक करके चारों टैंक के अंदर फंस गए
अजय चौधरी और फिर चंद्रशेखर चौधरी भी एक-एक कर टैंक में अंदर गए थे , लेकिन चारों ही अंदर ही फंस गए। पास खड़े ग्रामीणों को जब यह बात की जानकारी मिली तो यह समझ आया कि चारों अंदर से नहीं लौट रहे हैं, तो उन्होंने शोर मचाकर गांव के आसपास के लोगों को तुरन्त बुलाया। इसके बाद ग्रामीणों ने कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला और गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया।
टैंक के अंदरजहरीली गैस के कारण दम घुटने की आशंका
अस्पताल के डॉक्टर ने चारों लोगों को मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) संजय कुमार, एसडीपीओ नीरज कुमार और गढ़वा थाना प्रभारी बृज कुमार पुलिस बल के साथ अस्पताल में पहुंचे और घटना की तुरंत जानकारी ली। इसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए आगे भेज दिया।
नेमरा गांव में दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन के बाद तुरंत बाद ही उनकी याद में जो बन रही सड़कों को लेकर भावनाएं व्यक्त की गई हैं, वह झारखंड के विकास की के बहुत ही कड़वी और निन्दिये सच्चाई को दर्शाती हैं। यह एक ऐसी घटना का सबूत है, कि जो दिखाती है कि कैसे हमारे नेताओं के जीवन से लेकर और मृत्यु तक दोनों ही हमारे समाज में बदलाव लाने का जरिया बनता जा रहा हैं। यह बेहद दुखद ही बात है कि नेमरा के लोग यह सोच रहे हैं कि अगर शिबू सोरेन जी जब तक जीवित होते, तब तक शायद यह सड़क कभी नहीं बन पाती । यह भावना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं दर्शाता है , बल्कि उन लाखों लोगों की प्रेरणा है, जो सालों से बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं।
यह सच बात है कि जब कोई बड़ा नेता हमारे बीच से चला जाता है, तो उसके सम्मान में ब कुछ बड़ा किया जाता है। सड़कों का निर्माण, स्मारकों का निर्माण, और विभिन्न योजनाओं का नामकरण—यह सब स्वाभाविक है। लेकिन क्या यह सही है कि यह सब कुछ उनके जाने के बाद ही हो सकता हैं? क्या उनके जीवित रहते हुए, उनके सम्मान में, और उनके लोगों के लिए यह सब नहीं किया जा सकता था? नेमरा में बिना टेंडर और बिना ही किसी अनुशंसा के सड़क का निर्माण का कार्य शुरू हो गया , यह दर्शाता है कि अगर सरकार चाहे, तो कोई भी कार्य को बहुत तेजी से हो सकता है।
झारखंड के विकास का सच
झारखंड, जिसे हम “सोना झारखंड” कहते हैं, उसकी एक और कड़वी सच्चाई यह भी है। यहां विकास की गति सीमा धीमी है, और इसका सबसे बड़ा कारण है यह भी है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की अभी भी कही न कहीं कमी है। नेमरा में जो हुआ, वह दिखाता है कि अगर सरकार की नीयत साफ और सरल हो, तो नियमों को ताक पर रखकर भी कोई भी काम को कराया जा सकता है। लेकिन यह क्यों सिर्फ एक विशेष परिस्थिति में ही हो सकता है? क्यों पूरे झारखंड में ऐसी ही तत्परता नहीं दिखाई जाती?
झारखंड के लाखों गांव आज भी कच्ची सड़कों, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह गए हैं। ऐसे में जब नेमरा में भोज कर्म के लिए अतिथियों के आने के कारण बना दस दिन के अंदर ही सड़क का कार्य शुरू कर दिया गया , तो यह सवाल उठना लाजिमी ही बनता है कि क्या हमारे नेताओं के जीवन से ज्यादा उनकी मृत्यु ही महत्वपूर्ण होती जा रही है? क्या यह सच है कि किसी भी बड़े काम के लिए किसी नेता के जाने का इंतजार करना पड़ता है ?
नेमरा में सड़क का बनना अच्छा है, लेकिन यह जिस तरह से यह हुआ, वह कई सवाल को भी खड़े करता है। गांव में जहां सड़क बन रही है, वहीं दूसरी तरफ गोतिया के घर के अंदर पानी से भरे हुए हैं। यह विसंगति विकास के मॉडल पर सवाल को उठाती है। क्या यह सही है कि एक तरफ तो सड़क बन जाए, और दूसरी तरफ एक ही गांव के लोग पानी में डूब रहे हों? यह दिखाता है कि विकास का मतलब सिर्फ सड़क ही बना देना नहीं होता है, बल्कि यह देखना भी होता हैं कि यह विकास सभी तक पहुंच रहा है कि नहीं ।
हादसा हो गई । धान से लदे ट्रक ने एक ऑटो को ही टक्कर मार दी। फिर वह पलट गया। इस हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की जान चली गई। मृतकों की पहचान शेख असुद्दीन, पत्नी इशरत खातून, और बेटा शेख अमन और मां आयशा खातून के रूप में थे । ये सभी कांटाटोली में स्थित आजाद कॉलोनी पास के चिश्तिया बस्ती के पास के रहने वाले थे। हादसे में एक और जो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है।
असुद्दीन अपने परिवार के साथ में पश्चिम बंगाल के झालदा में स्थित एक परिचित के यहां से आ रहे थे। बुधवार रात को ही सभी ऑटो में बैठ कर घर के लौट रहे थे। और शेख असुद्दीन खुद ही ऑटो चला रहे थे। रात करीब 10 बजे की बात है। जैसे ही वे सभी लोग घाटी के पास पहुंचे, तभी धान से लदे तेज रफ्तार ट्रक ने ऑटो में जोरदार टक्कर मार दी । टक्कर इतना जोरदार था कि वह ऑटो पूरी तरह से तुरन्त ही क्षतिग्रस्त हो गया। ड्राइवर ने ट्रक लेकर भागने की भी कोशिश की, लेकिन घाटी क्षेत्र होने के कारण वह ड्राइवर अनियंत्रित होकर वह भी घाटी में ही पलट गया। इधर, घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने अनगड़ा थाने को तुरन्त किया और लिस पहुंची। तब तक चार लोगों की मौत हो चुका है। एक घायल को सीएचसी अनगड़ा से रिम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
अनगड़ा थाना के थाना प्रभारी हीरालाल साह घटनास्थल पर तुंरत पहुंच कर घटना का जायजा लिए । लेकिन ड्राइवर और खलासी गाड़ी को छोड़ कर फरार हो गई। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है। ट्रक कहां से धान लेकर आ रहा था, इसकी बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाया है। पुलिस के अनुसार असुद्दीन का घर रांची और झालदा, दोनों जगह पर मकान है। इसलिए वे अक्सर झालदा आते-जाते रहा करते थे। वे खुद ही अपनी ऑटो चलाकर यहां आते थे। उधर, घटना की जानकारी मिलने पर राजा डेरा के पूर्व मुखिया व मोतीराम मुंडा उमेश महतो ने भी घटनास्थल पर तुंरत पहुंचे। घायल को इलाज के लिए भेजने में पुलिस की मदद ली गई।
कांडी, झारखंड: कांडी में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई है। अंचलाधिकारी राकेश सहाय ने अपनी टीम के साथ सोमवार को शहर की एक जानी-मानी मिठाई की दुकान, विजया स्वीट्स, पर अचानक छापेमारी की। यह छापेमारी ग्राहकों की तरफ से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद की गई है, जिसमें मिठाइयों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे।
छापेमारी की मुख्य वजह
अंचलाधिकारी को पिछले कुछ दिनों से विजया स्वीट्स के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही थीं। लोगों का आरोप था कि दुकान में बासी और निम्न स्तर की मिठाइयां बेची जा रही हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, उन्होंने तुरंत कार्रवाई का फैसला लिया।
छापेमारी के दौरान की गई कार्रवाई
छापेमारी के दौरान, टीम ने दुकान में रखी सभी मिठाइयों का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने खास तौर पर उन मिठाइयों पर ध्यान दिया जिनकी गुणवत्ता पर संदेह था। * सैंपल जब्त किए गए: दुकान में बिक रही रसगुल्ला, चमचम, बर्फी और लड्डू जैसी लोकप्रिय मिठाइयों के नमूने लिए गए। इन नमूनों को विशेष रूप से सील बंद करके रखा गया। * खाद्य इंस्पेक्टर को भेजा गया: जब्त किए गए इन सभी सैंपलों को आगे की विस्तृत रासायनिक जांच के लिए खाद्य इंस्पेक्टर कार्यालय भेजा गया है।क्या होगा आगे?