स्वतंत्रता दिवस 2025 पर: प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी घोषणाएं, युवाओं और MSMEs को मिलेगा फायदा

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2025 के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के साथ रोजगार, जीएसटी में भी सुधार होगा, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने की ये बड़ी घोषणाएं

भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक शुभ अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली के लाल किले से कई महत्वपूर्ण और प्राचीर देश को संबोधित करते हुए भारत देश को एक नई दिशा और उम्मीद की नई किरण दिखाई। उनका यह संबोधन में केवल एक पारंपरिक भाषण ही नहीं था, बल्कि यह भारत के भविष्य की नींव रखने में वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था। इस साल के स्वतंत्रता दिवस का मुख्य फोकस यह था कि सभी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और जीएसटी प्रणाली को सरल और सहज एम् प्रभावी बनाना था। प्रधानमंत्री के द्वारा अपने दिए भाषण में इन दो प्रमुख क्षेत्रों के कई महत्वपूर्ण और दूरगामी परिणामों के और कई घोषणाएं कीं, जिनका उद्देश्य भारत के युवाओं को एक नई किरण की विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना था।

युवाओं के रोजगार के नए अवसर प्रदान करना

प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिए अपने संबोधन में यह बात भी कहा कि भारत की युवा शक्ति ही इस देश की सबसे बड़ी पूंजी का कार्य करता है। आज के समय में इस युवा ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध रूप से कार्य कर रहा है। इसी दिशा में, उन्होंने एक महत्वाकांक्षी योजना, के रूप में ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (PM-VBRY) की शुरुआत की घोषणा करना है । यह योजना सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि यह देश के करोड़ों युवाओं के लिए सपनों को साकार करने का एक जरिया है।

इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक नई पहल के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का कार्य एक बड़ा बजट आवंटित करने के लिए है। इस फंड का मुख्य लक्ष्य और पहल पर अगले दो वर्षों से 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना था । यह राशि न केवल सरकारी योजना तहत क्षेत्रों में बल्कि निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के सृजन को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से यह बात का उल्लेख किया है कि इस योजना में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, सेवा क्षेत्र और स्टार्टअप्स का प्राथमिकता दी जाएगी।

सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक बात यह थी कि इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी पाने वाले लोगों को युवाओं को सरकार की ओर से 15,000 रुपये का विशेष प्रोत्साहन का राशि दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन राशि दो अलग अलग किस्तों में दी जाएगी – पहली किस्त में छह महीने की नौकरी पूरी होने पर इस मामले में और दूसरी किस्त एक साल की नौकरी पूरी होने पर। यह कदम का उद्देश्य युवाओं को शुरुआती चरण में ही वित्तीय सहायता राशि प्रदान करना है ताकि वे बिना किसी दबाव के ही अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

इसके अलावा, भी सरकार ने उन सभी कंपनियों को भी प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा जो अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके लिए उन्हें विशेष सब्सिडी दी गई और टैक्स में भी छूट दी जाएगी। यह कदम निजी स्थानों में भी क्षेत्र को भी रोजगार सृजन में भागीदार बनाया गया है , जिससे एक समावेशी विकास का कार्य कर सके और माहौल बनेगा।प्रधानमंत्री ने यह बात भी कहा कि ‘स्किल इंडिया’ मिशन के तहत भी ‘रोजगार इंडिया’ मिशन के तहत भी साथ जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि युवाओं को ऐसे कौशल और प्रशिक्षण दिए गए जिनकी बाजार में वास्तव में भी मांग है। नई प्रशिक्षण के दौरान शिक्षा नीति के साथ मिलकर यह पहल महत्वपूर्ण बात युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगी।

जीएसटी को ऐतिहासिक सुधार करना है

युवाओं के लिए रोजगार की नए मामले आ गया घोषणाओं के साथ-साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी (GST) प्रणाली में बड़े सुधारों की भी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि जीएसटी का उद्देश्य ‘एक राष्ट्र को सभी लोग को एक करना है और इसे और अधिक प्रभावी तरीके से बनाने के लिए ‘नेक्स्ट-जेनरेशन’ सुधारों को भी लागू किया जाना था।जीएसटी में सुधार का मुख्य लक्ष्य रखा गया है आम आदमी पर टैक्स पर बोझ को कम करना है और छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)में सीमांत लाभ पहुंचाना है। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की ये सुधार इस साल की योजना पर दिवाली तक लागू कर दिया जाएगा ।

इन सुधारों के तहत, सभी लोग को रोजमर्रा के दौरान इस्तेमाल की गई वस्तुओं पर टैक्स पर भी की गए दरों को भी कम कर दिया जाएगा। इससे दाल, चावल, तेल, मसाले, साबुन जैसी सभी लोग मौजूद आवश्यकता की भी सभी वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे आम लोगों के जीवन पर सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम महंगाई को भी नियंत्रित करने में भी मदद गार साबित हो सकता है।

इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने भी जीएसटी को सरल और सहज बनाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव में जीएसटी के वर्तमान टैक्स स्लैब को सरल और सहज रूप से कम और प्रभावी रूप से बनाने की बात कही गई है। वर्तमान में जीएसटी में कई टैक्स स्लैब बताया गया हैं, जिनसे सभी लोगों पर व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए भ्रम की स्थिति को पैदा करती है। नए सुधारों में दो-टियर टैक्स स्लैब (standard and merit) लागू करने का सुझाव कर दिया गया है। इसमें कुछ चुनिंदा वस्तुओं को भी लिए ही विशेष रूप से दरें होंगी। यह कदम न केवल व्यापार को आसान बनाएगा, न आम आदमी को बल्कि पारदर्शिता भी लाएगा।छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)के लोगों को राहत देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। उनके लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर फाइलिंग की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सहज बनाया जाएगा। साथ ही, उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का भी आसानी से लाभ मिल सके, इस प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जाएगा।

गढ़वा में सेफ्टी टैंक में दम घुटने से चार लोगों की हुई मौत

गढ़वा में शुक्रवार को सेप्टिक टैंक के शटरिंग खोलने के दौरान दम घुटने से चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना जिला मुख्यालय के सटे नवादा बाजार से सटे गांव से आ रही है । मृतकों में तीन सगे भाई एक ही घर से शामिल है। चारों भाई एक-एक कर टैंक के अंदर घुसे ही थे इसी के दौरान उनलोगों का मौके पर ही जान चली गई।

मृतकों की पहचान नवादा गांव के अंतर्गत निवासी मोती चौधरी के तीन पुत्र अजय चौधरी (50), चंद्रशेखर चौधरी (42), एवं राजू शेखर चौधरी (55) के रूप में एक ही गांव के मल्टू राम के रूप में है। तीनों भाई अपने नए घर का निर्माण करा रहे थे और उसमें नया सेप्टिक टैंक बनाया जा रहा था। उसके शटरिंग को खोलने के दौरान यह घटना हो गया ।

एक-एक करके चारों टैंक के अंदर फंस गए

अजय चौधरी और फिर चंद्रशेखर चौधरी भी एक-एक कर टैंक में अंदर गए थे , लेकिन चारों ही अंदर ही फंस गए। पास खड़े ग्रामीणों को जब यह बात की जानकारी मिली तो यह समझ आया कि चारों अंदर से नहीं लौट रहे हैं, तो उन्होंने शोर मचाकर गांव के आसपास के लोगों को तुरन्त बुलाया। इसके बाद ग्रामीणों ने कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला और गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

टैंक के अंदर जहरीली गैस के कारण दम घुटने की आशंका

अस्पताल के डॉक्टर ने चारों लोगों को मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) संजय कुमार, एसडीपीओ नीरज कुमार और गढ़वा थाना प्रभारी बृज कुमार पुलिस बल के साथ अस्पताल में पहुंचे और घटना की तुरंत जानकारी ली। इसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए आगे भेज दिया।

रमना के सीओ ने किया कई दुकानों का निरीक्षण

रमना प्रखंड के मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में डीएपी और यूरिया खाद की कालाबजारी को कम करने के लिए और महंगे दाम पर बिक्री का लगातार मिल रहा शिकायतों पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया। सीओ विकास पांडेय और थाना प्रभारी आकाश कुमार ने अपने दल-बल के साथ कई खाद दुकानों का निरीक्षण कर व्यवस्था का पूरी तरह से जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने दुकानदारों को चेतावनी भी दी कि निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर खाद बेचने या किसानों से जबरन अधिक दाम लेने की शर्त थोपने वालों दुकानदारों को पकड़े जाने पर बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे में दोषी पाए गए दुकानदारों का लाइसेंस को भी रद्द कर दिया जाएगा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। अधिकारियों ने मौके पर कई किसानों से भी अपील किया है कि यदि कहीं भी खाद की कालाबजारी, और दम से अधिक मूल्य पर बिक्री या अनियमित आपूर्ति हो रही है, तो इसकी सूचना तुरंत ही तत्काल प्रखंड प्रशासन या थाना प्रभारी को दें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि शिकायत मिलने पर उन्हें खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जामताड़ा में साइबर ठगी का हुआ भंडाफोड़

जामताड़ा में साइबर पुलिस ने कर्माटांड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत जसायडीह स्थित पलास जंगल में दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रद्युम कापड़ी और मिथुन कापड़ी नाम के इन दोनो अपराधियों के पास से 1 लाख 37 हजार 500 रुपए नगद बरामद किया गया हैं।

मुख्यालय डीएसपी संजय कुमार सिंह ने बताया कि जामताड़ा साइबर थाना क्षेत्र में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई। पुलिस ने दोनों अपराधियों से 6 मोबाइल फोन, और 6 सिम कार्ड और 2 मोटरसाइकिलें भी बरामद किया हैं।

मोबाइल फोन को हैक कर लेते थे

डीएसपी के बताए अनुसार, ये सभी अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन किया करते थे। वे क्रेडिट या डेबिट कार्ड बंद होने का भी झांसा देकर लोगों के मोबाइल फोन को हैक कर लिया करते थे। इसके बाद उनके खातों से पैसे भी निकाल लेते थे।

दोनों अपराधी मुख्य रूप से बिहार के रहने वाले है , पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोगों को अपना निशाना अक्सर बनाया करते थे। पूछताछ में पता चला कि यह उन्होंने अन्य साइबर अपराधियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। पुलिस इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई जारी रखा है।

दिसोम गुरु शिबू सोरेन जी का सड़कों का दर्द

नेमरा गांव में दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन के बाद तुरंत बाद ही उनकी याद में जो बन रही सड़कों को लेकर भावनाएं व्यक्त की गई हैं, वह झारखंड के विकास की के बहुत ही कड़वी और निन्दिये सच्चाई को दर्शाती हैं। यह एक ऐसी घटना का सबूत है, कि जो दिखाती है कि कैसे हमारे नेताओं के जीवन से लेकर और मृत्यु तक दोनों ही हमारे समाज में बदलाव लाने का जरिया बनता जा रहा हैं। यह बेहद दुखद ही बात है कि नेमरा के लोग यह सोच रहे हैं कि अगर शिबू सोरेन जी जब तक जीवित होते, तब तक शायद यह सड़क कभी नहीं बन पाती । यह भावना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं दर्शाता है , बल्कि उन लाखों लोगों की प्रेरणा है, जो सालों से बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं।

यह सच बात है कि जब कोई बड़ा नेता हमारे बीच से चला जाता है, तो उसके सम्मान में ब कुछ बड़ा किया जाता है। सड़कों का निर्माण, स्मारकों का निर्माण, और विभिन्न योजनाओं का नामकरण—यह सब स्वाभाविक है। लेकिन क्या यह सही है कि यह सब कुछ उनके जाने के बाद ही हो सकता हैं? क्या उनके जीवित रहते हुए, उनके सम्मान में, और उनके लोगों के लिए यह सब नहीं किया जा सकता था? नेमरा में बिना टेंडर और बिना ही किसी अनुशंसा के सड़क का निर्माण का कार्य शुरू हो गया , यह दर्शाता है कि अगर सरकार चाहे, तो कोई भी कार्य को बहुत तेजी से हो सकता है।

झारखंड के विकास का सच

झारखंड, जिसे हम “सोना झारखंड” कहते हैं, उसकी एक और कड़वी सच्चाई यह भी है। यहां विकास की गति सीमा धीमी है, और इसका सबसे बड़ा कारण है यह भी है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की अभी भी कही न कहीं कमी है। नेमरा में जो हुआ, वह दिखाता है कि अगर सरकार की नीयत साफ और सरल हो, तो नियमों को ताक पर रखकर भी कोई भी काम को कराया जा सकता है। लेकिन यह क्यों सिर्फ एक विशेष परिस्थिति में ही हो सकता है? क्यों पूरे झारखंड में ऐसी ही तत्परता नहीं दिखाई जाती?

झारखंड के लाखों गांव आज भी कच्ची सड़कों, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह गए हैं। ऐसे में जब नेमरा में भोज कर्म के लिए अतिथियों के आने के कारण बना दस दिन के अंदर ही सड़क का कार्य शुरू कर दिया गया , तो यह सवाल उठना लाजिमी ही बनता है कि क्या हमारे नेताओं के जीवन से ज्यादा उनकी मृत्यु ही महत्वपूर्ण होती जा रही है? क्या यह सच है कि किसी भी बड़े काम के लिए किसी नेता के जाने का इंतजार करना पड़ता है ?

नेमरा में सड़क का बनना अच्छा है, लेकिन यह जिस तरह से यह हुआ, वह कई सवाल को भी खड़े करता है। गांव में जहां सड़क बन रही है, वहीं दूसरी तरफ गोतिया के घर के अंदर पानी से भरे हुए हैं। यह विसंगति विकास के मॉडल पर सवाल को उठाती है। क्या यह सही है कि एक तरफ तो सड़क बन जाए, और दूसरी तरफ एक ही गांव के लोग पानी में डूब रहे हों? यह दिखाता है कि विकास का मतलब सिर्फ सड़क ही बना देना नहीं होता है, बल्कि यह देखना भी होता हैं कि यह विकास सभी तक पहुंच रहा है कि नहीं ।

बिजली के तार के संपर्क में आने से दो लोग घायल

गढ़वा जिला के  थाना क्षेत्र के अंतर्गत बगही गांव में बुधवार को करंट लगने से  65 वर्षीय विपती देवी, व पति भजन राम गंभीर रूप से घायल हो गई। उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस संबंध में बताया गया कि विपती देवी के दरवाजे के समीप खूंटे में बंधे तार के साथ संपर्क हो गया। उस तार में किसी तरह विद्युत प्रवाहित तार स्पर्श में आने से करंट आ गया था। इससे अनजान विपती देवी ने तार पर कपड़ा पसारने लगी। तभी  इस दौरान उसे करंट लग गया और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। इसके बाद स्वजनों ने उसे आनन फानन में नजदीक  सदर अस्पताल में लाकर भर्ती कराया। चिकित्सक के अनुसार उनकी  इलाज के बाद उनकी  स्थिति में सुधार हो रहा है।

कांडी | प्रखंड मुख्यालय के अंतर्गत स्थित एफसीआइ चावल गोदाम के पास ही सरकारी भूमि पर माफियाओं ने अतिक्रमण किया है। जो जिसको लेकर अंचल पदाधिकारी राकेश सहाय ने बुधवार को राजस्व कर्मचारी और अंचल अमीन के साथ ही स्थल निरीक्षण कर उन्हें सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी भूमि का सीमांकन करते हुए की अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नोटिस जारी किया जाएगा । साथ ही 24 घंटे के अंदर अतिक्रमण खाली करने का आदेश भी दिया । अगर आरोपी अपने से अतिक्रमण को साफ नहीं करता है, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

चाईबासा में हुई हमले में सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर एक नक्सली ढेर

चाईबासा के पश्चिमी सिंहभूम जिले में गोइलकेरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच आज सुबह हुई मुठभेड़ में । डेरवा एवं पोसैता के बीच के इलाके में हुई मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया। सुरक्षाबलों ने मौके पर ही और एक एसएलआर राइफल बरामद की है। जो संभावना जताई जा रही थी कि राइफल नक्सली का हो सकता है।

आईजी अभियान में डॉ. माइकल राज के अनुसार, मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा गया है। पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने जब इलाके में पैदल सर्च अभियान चला ही रही थी, तभी नक्सलियों के तरफ से फायरिंग शुरू कर दिया । जवानों ने तुरंत भी मोर्चा संभाला और जवाब में करारा जवाबी कार्रवाई किए ।लगातार सर्च ऑपरेशन को जारी रखा गया

यह स्थान नक्सली गतिविधि के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ दिनों से ही जिले में नक्सल प्रभावित इलाकों में ही लगातार सर्च ऑपरेशन ही चल रहा है। मारे गए नक्सली की पहचान अभी तक नहीं हो पाई रही है। पिछले साल से ही चल रहे अभियान में भाकपा माओवादी के कई संगठन कमजोर हुआ है।

इसलिए तलाशी अभियान को जारी रखा गया है। एसडीपीओ शुभम प्रकाश घटना स्थल पर पहुंच घटना का जायजा लिए हैं। बरामद हथियारों को जब्त कर आगे की कार्रवाई को भी जाती रखा है। माना जा रहा है कि सर्च में मारा गया नक्सली पुलिस के इनामी सूची का हो सकता है।

कैबिनेट में हुए मीटिंग में 4 नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में आयोजित हुई मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में। इसमें कुल 18,541 करोड़ रुपए की परियोजना की मंजूरी मिली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना में बताया कि बैठक में कुल 4 नए अहम फैसले लिए गए जिसमें सेमीकंडक्टर एवं प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दिया गया ।

उन्होंने कैबिनेट में कहा कि इसके 6 प्रोजेक्ट्स पहले से ही स्वीकृत किया जा चुका हैं और आज और 4 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली दी गई है। इसके तहत ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में भी प्लांट्स लगाए जाएंगे, जिसके लिए 4,594 करोड़ रुपए का निवेश रखा जाएगा। इसमें घरेलू चिप उत्पादन, पैकेजिंग और एडवांस्ड मटेरियल को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे दो हजार लोगों को नौकरी प्राप्त होगी ।

वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में 11.165 किलोमीटर लंबाई वाली लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना को भी फेज-1 बी को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 12 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे एवं जिसके लिए 5,801 करोड़ रुपए की मंजूरीको स्वीकृति प्रदान कर दी है। लखनऊ में भी मेट्रो की बहुत जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत को स्वच्छ विकास एवं स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध और जागरूक करना है। इसलिए अरुणाचल प्रदेश में सियोमी जिले में 8,146 करोड़ रुपए के निवेश के साथही 700 मेगावाट की टाटो I हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को मंजूरी को स्वीकृति दी गई है। इसे पूरा होने में करीब 72 महीने का समय लगेगा।

कांडी में अंचलाधिकारी ने विजया स्वीट्स पर की छापेमारी, गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल जब्त

कांडी, झारखंड: कांडी में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई है। अंचलाधिकारी राकेश सहाय ने अपनी टीम के साथ सोमवार को शहर की एक जानी-मानी मिठाई की दुकान, विजया स्वीट्स, पर अचानक छापेमारी की। यह छापेमारी ग्राहकों की तरफ से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद की गई है, जिसमें मिठाइयों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे।

छापेमारी की मुख्य वजह

अंचलाधिकारी को पिछले कुछ दिनों से विजया स्वीट्स के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही थीं। लोगों का आरोप था कि दुकान में बासी और निम्न स्तर की मिठाइयां बेची जा रही हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, उन्होंने तुरंत कार्रवाई का फैसला लिया।

छापेमारी के दौरान की गई कार्रवाई

छापेमारी के दौरान, टीम ने दुकान में रखी सभी मिठाइयों का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने खास तौर पर उन मिठाइयों पर ध्यान दिया जिनकी गुणवत्ता पर संदेह था। * सैंपल जब्त किए गए: दुकान में बिक रही रसगुल्ला, चमचम, बर्फी और लड्डू जैसी लोकप्रिय मिठाइयों के नमूने लिए गए। इन नमूनों को विशेष रूप से सील बंद करके रखा गया। * खाद्य इंस्पेक्टर को भेजा गया: जब्त किए गए इन सभी सैंपलों को आगे की विस्तृत रासायनिक जांच के लिए खाद्य इंस्पेक्टर कार्यालय भेजा गया है।क्या होगा आगे?

देवघर में सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ मामला दर्ज

झारखंड के देवघर में स्थित प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मंदिर के ‘निकासी गेट’ से जबरन प्रवेश किया, जबकि यह रास्ता केवल बाहर निकलने के लिए है। यह घटना 23 अप्रैल, 2024 को घटी।

क्या है पूरा मामला

देवघर जिला प्रशासन ने आरोप लगाया है कि सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी ने बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। मंदिर के निकासी गेट का उपयोग केवल बाहर निकलने के लिए होता है, लेकिन दोनों सांसद उसी गेट से अंदर चले गए। जिला प्रशासन का कहना है कि उन्होंने मंदिर की सुरक्षा और व्यवस्था को बाधित किया, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को असुविधा हुई। प्रशासन ने इस घटना को एक गंभीर उल्लंघन मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई है।

मनोज तिवारी की प्रतिक्रिया

इस मामले पर मनोज तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है। मनोज तिवारी ने यह भी घोषणा की कि वह अगले दिन स्वयं गिरफ्तारी देंगे, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि वह बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने गए थे और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है।

निशिकांत दुबे का पक्ष

सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस आरोप को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि वे एक जनप्रतिनिधि हैं और उनका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सेवा करना है। उन्होंने दावा किया कि वे कोई प्रोटोकॉल नहीं तोड़ रहे थे और वे अपनी सामान्य प्रक्रियाओं का पालन कर रहे थे। उन्होंने भी इस कार्रवाई को झारखंड की सत्तारूढ़ सरकार की बदले की भावना बताया।

आगे क्या होगा

इस मामले में अब आगे की जांच शुरू होगी। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की छानबीन करेगी और आरोपों की सत्यता की पुष्टि करेगी। वहीं, मनोज तिवारी के गिरफ्तारी देने के बयान के बाद यह देखना होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है। यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है, जिसमें बीजेपी और सत्ताधारी दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस घटना ने देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।