देश के विभिन्न हिस्सों में आए दिनों लगातार किसी न किसी व्यक्ति को कुत्ते के काटने की मामला आ रहा था इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है हर दिन किसी न किसी व्यक्ति को रेबीज का टीका लगाया जा रहा है और अक्सर यह मामला साम के समय आता है क्योंकि शाम के समय अंधेरा होता है और कुत्ते गली में घुमा करते है और और किसी एक ही भी व्यक्ति को काट देते है और यह बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है कोई कुत्ते को हटाने का बात कर रहा है तो कोई कुत्ते को संरक्षण में रखने को कह रहा है ।
क्या है मामला
माना जा रहा है कि कुत्ते के लगातार किसी न किसी व्यक्ति को काटने से सभी शहर परेशान है आंकड़ों के मुताबिक पता चला है कि 2010 तक कुत्तों की जनसंख्या 1.30 लाख था लेकिन इनकी संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है बताया जा रहा है कि पिछले 15 के दौरान कुत्ते की जनसंख्या में कमी आई है जो इनकी संख्या करीबन 41 हजार ही रह गई है तो इस बात से पता चला रहा है कि उनकी संख्या में करीबन 89 हजार की कमी आए हैं जो कुत्ते मर गए या तो बुढ़े हो गए हैं नहीं तो कही न कही किसी बीमारी से मर गए ।
अब कुत्ते को लगेगा टैग
बताया जा रहा है कि अब एक मुहिम चलाया जा रहा है कि जो शहर या ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्ते घूम रहे हैं उनको पकड़ कर नसबंदी कर दिया जाएगा और उनके ऊपर टैग को लगा दिया जाएगा
झारखंड के अंतर्गत स्थित लातेहार के नवागढ़ में स्थित जंगल में कुछ उग्रवादियों को देखा गया पता चला कि जेजेएमपी के कुछ उग्रवादी जंगल में छुपे हुए हैं तो पुलिस के टीम ने तुरन्त जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया और सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस की टीम में दो अपराधियों को धर दबोचे
क्या है मामला
बताया जा रहा है की जैसे ही पुलिस को यह बात सूचना मिली कि लातेहार के पास नवागढ़ के इलाके में तो उग्रवादी घूम रहे है तो पुलिस की टीम तुंरत एक्शन ली पास के सभी इलाके में पुलिस के टीम लगा दिया गया पता चला कि जो दो उग्रवादी पकड़े गए है उनमें से एक का नाम कृष्णा साहू और दूसरे का नाम अमीन अंसारी के रूप में किया गया है वे दोनों ही अपराधी नवागढ़ के ही रहने वाले थे दोनों के खिलाफ कई मुकदमा भी दर्ज था इससे लातेहार पुलिस का मनोबल और भी बढ़ेगा और कही न कही उग्रवादियों के अंदर खौफ का माहौल रहेगा यह लातेहार पुलिस के लिए बहुत बड़ी सफलता है
झारखंड के साहिबगंज के अंतर्गत एक कबाड़ी के घर में ED के टीम ने छापा मारा मंगलवार के सुबह से ही ED की जांच में लगी हुई है ED के टीम ने करीबन 8 घंटे के करीबन तक जांच और कढ़ी मस्कत किया सुरक्षा के मध्यनजर रखते हुए उन्होंने ED के टीम ने सुरक्षा के लिए CiSF की टीम को अपने साथ लेकर आए थी ।
क्या था मामला
सूत्रों के मुताबिक पता चला कि संतोष कुमार गुप्ता इन लोग दो भाई हैं दोनों ही भाई कबाड़ी का काम किया करते हैं तो ही भाई अपने ही कबाड़ी खरीदा करते थे और बेचा करते थे उनके घर के बाहर भी कई बोरिया मिला जिसमें बहुत सारे कबाड़ा था ED के टीम एक एकबैग संतोष के घर एक कार से आए और घर के अंदर इंटर कर गए और जांच करते लगी इस बात के पता चलते ही वहां पर बहुत सारे ग्रामीण एकत्रित होने लगे और वह देखते ही देखते घर के बाहर बहुत सारा भीड़ लग गया
जांच में क्या मिला
जांच के दौरान पता चला कि ED की टीम झारखंड में हुए 750 करोड़ की GST घोटाले के जांच के लिए आए थी लेकिन संतोष के घर में जांच के बाद ED के टीम को कोई जांच में कोई भी वैसी कोई भी चीज हाथ नहीं लगी
झारखंड राज्य के शिक्षा मंत्री के निधन के बाद शिक्षा का कार्यभार खुद ही राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ही अब संभालेंगे बताया जा रहा है लगातार हो रहा इस तरह के घटना से कोई भी विधायक इस को लेने हिचकिचा रहे है।
अब मामला विस्तार से
गौर तलब अब बताया जा रहा है झारखंड राज्य के शिक्षा का कार्यभार अब खुद ही हेमंत सोरेन संभालेंगे और उनकी निगरानी में ही चलेगा बताया जा रहा है कि जो भी नेता ने शिक्षा के इस पद को अभी तक संभाला वह व्यक्ति को कोई गंभीर बीमारी हो गया या तो उसका निधन हो गया इसी को लेकर कोई भी इस पद को लेने के तैयार नहीं है।
बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार में ही जगरनाथ महतो का पहले निधन हो गया जो उनका फेफड़े में संक्रमण हो गया था लेकिन इलाज के दौरान ही उनका मौत हो गई।
अब हेमन्त सोरेन का दुबारा सरकार आए तो शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को बनाया गया लेकिन वह भी बाथरूम में गिर जाने के कारण उनके सिर पर गंभीर चोट आ गई और उनका इलाज के दौरान ही दिल्ली के हॉस्पिटल में दम तोड़ दिए
पहले ही हेमंत सोरेन पर आए दिनों कोई न कोई सवाल उठते रहते हैं कही स्कूल में टीचर की कमी तो कही स्कूल में भोजन में गड़बड़ी तो कही स्वास्थ्य में खराबी के कारण उनपर सवाल उठाएं जा रहे है अब उन्हें इस विकट परिस्थिति में उन्हें खुद की संयम से कम लेना होगा देखते की वह कितने धैर्य के साथ अपने मंत्रिमंडल को आगे चलाते हैं।
गढ़वा के अंतर्गत बंशीधर नगर में अनुमंडल के पास रात के अंधेरे में बाघ के होने की आशंका जताई गई बताया जा रहा है कि बीते रविवार के रात को फोर लेन के पास धान के खेत में बाघ के होने की आशंका जताए गई बताया जा रहा है कि वह जसा से नरही की ओर जा रहा था तभी फोर लेन के पास के खेत में कुछ लोगों ने देखा तो गांव में हाला हो गया तो कुछ ग्रामीणों ने लाठी और डंडे लेकर पीछा भी किए ।
क्या है मामला
ग्रामीणों का मानना है बीते दिनों रात को धान के खेत में बाघ था लेकिन अभी तक लेकिन इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई है कि वह बाघ ही था लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि वह बाघ ही था ।
झारखंड के लातेहार जिले में स्थित एक आवासीय विद्यालय के हॉस्टल में अचानक आग लग गई जिसमें करीबन 25 करीब लड़कियों को आग के चपेट में आने से बच्चा लिया गया है यह घटना करीबन 6 बजे सुबह की है जिसमें बरियातू में स्थित कस्तूरबा विद्यालय में आग लग गई इसमें किसी को हताहत होने की कोई घटना नहीं आई है जिसमें केवल खाने पीने के अंतर्गत वस्तुएं और पढ़ाई लिखाए के अंतर्गत आने वाली किताबें जल गए और कोई भी बड़ा नुकसान नहीं हुआ है ।
पुलिस की टीम तुंरत की करवाई
इसकी सूचना तुरंत बरियातू थाने को मिली तो उन्होंने तुंरत वहां फायरब्रिगेड यानी कि दमकल की टीम को तुरन्त भेजा और आग को काबू में कर लिया गया जिस समय आग लगी थी उस समय सभी लड़कियां पिटी के लिए पिटी ग्राउंड में थी जिससे उनको कोई नुकसना नहीं हुआ ।
कैसे लगी आग
जांच में पाया गया कि कमरे में आग लगने की वजह शार्टसर्किट की वजह से आग लगी थी जिसमें बरियातू के अंतर्गत स्थित कस्तूरबा विद्यालय में आग को काबू करने के फायरब्रिगेड के टीम ने घंटों के मसकत के बाद आग पर काबू पाया उस विद्यालय में कुल 221 छात्राएं बढ़ती हैं
झारखंड के गढ़वा जिला के अंतर्गत गर्दी गांव में एक परिवारिक विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया जिसमें 6 पुलिस समेत और 10 लोग भी घायल हो गए अभी घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है तभी मौके को देखते हुए वहां पर और भी पुलिस की टीम को तुरन्त भेजा गया पुलिस अभी जांच पड़ताल में जुटी हुई है दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
ग्रामीणों ने किया पुलिस पर हमला
यह मामला तब हिंसा का रूप ले लिया जब गर्दी गांव के निवासी तकशीर खान ने अपनी पत्नी रकीबा खातून के साथ मारपीट किए वहां पर मामला को सलटाने के रकीबा के पिता पहुंचे हुए थे तभी और भी वहां मामला बिगड़ गया और ग्रामीणों ने रकीबा के पिता के ऊपर हमला कर दिया इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई तो वहां पर पुलिस पहुंची तो गुसाई ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया ।
पुलिस जांच मेंजुटी हुई है
इसकी सूचना गढ़वा के थाना प्रभारी वृज कुमार को मिली तो वह उन्होंने तुंरत और भी पुलिस की टीम को तुरन्त भेजा अभी घायलों इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है और पुलिस मामले की जांच कर रही है
गढ़वा जिले के अंतर्गत धुरकी थाना के थाना प्रभारी जनार्दन राउत ने सगमा प्रखण्ड में अंतर्गत स्थित सभी गांव के लोगों को रोड के किनारे पर जानवरों को न बांधने की हिदायत दे दी है। उनका यह निर्देश है कि यह सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से बनाया गया है।
सड़क के किनारे पर जानवरों को बांधने से कई प्रकार की भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जिससे सबसे पहले, इससे सड़क पर चलने वाले लोगों और वाहनों के आवाजाही प्रभावित होगी और खतरा बढ़ जाता है, खासकर यह रात के समय या जब वाहन उच्च गति से चल रहे होते हैं। तो यह अचानक से सड़क पर आने वाले जानवरों से टकराव के कारण होने का खतरा रहता है, जिससे दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं।
इसके अलावा, भी सड़क के किनारे पर जानवरों को बांधने से सड़क की चौड़ाई और कम हो जाती है, जिससे यातायात की गति और भी धीमी हो जाती है और जाम की स्थिति और भी उत्पन्न हो सकती है। इससे न केवल हमे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि यह आपातकालीन स्थिति और सेवाओं जैसे कि एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि विभिन्न प्रकार के सेवाएं में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
थाना प्रभारी जनार्दन राउत का निर्देश है कि न केवल सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे जानवरों की सुरक्षा भी को भी सुनिश्चित किया जा सकता है। सड़क के किनारे पर बंधे जानवरों को वाहन से टकराव से होने वाला खतरा की भी रोका जा सकता है, जिससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है नहीं तो वे घायल भी हो सकते हैं।
इस निर्देश के अनुपालन में सगमा प्रखण्ड के सभी लोगों से यह अपील की गई है कि वे अपने जानवरों को सड़क के किनारे बांधने के बजाय सुरक्षित स्थानों पर बांधें, जहां से वे सड़क पर न आ सकें। और आवाजाही पर पर कोई असर न पड़ें इसके लिए वे अपने खेतों या घरों के आसपास भी सुरक्षित स्थानों पर जानवरों को बांध सकते हैं।
सड़क सुरक्षा और यातायात के अंतर्गत नियमों के ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के द्वारा निरंतर प्रयासरत है। किया जा रहा है कि थाना प्रभारी जनार्दन राउत का यह निर्देश इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इससे न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी को ला सकता जा सकता है, बल्कि यह आम जनता की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सकता है।
सगमा प्रखण्ड के अंतर्गत सभी लोगों से अपील की गई है कि वे थाना प्रभारी के निर्देश का पालन करें और अपने जानवरों को सड़क के किनारे पर न बांधें। इससे न केवल सड़क सुरक्षा में सुधार लाया जा सकता है, बल्कि जानवरों को होने वाला हानि को भी सुनिश्चित किया जा सकता है ।
हाईवे पर कई ऐसे कैशलेस टोल कलेक्शन की भी सुविधा देने वाला FASTag अब आम जीवन में हमसफ़र करने में भी सफर का अहम हिस्सा बन चुका है। गाड़ी रोके बिना ही टोल देने की यह सुविधा जितनी सुविधाजनक है, उतनी ही यह दिन प्रतिदिन खतरनाक भी साबित होता जा रहा है। साइबर ठगों ने अब ठगी का इसे नया हथियार बना लिया है। फिशिंग लिंक, से फर्जी कस्टमर केयर और RFID क्लोनिंग जैसे कई ऐसे तरीकों से लोग बिना जाने-पहचाने ही जाल में फंस रहे हैं। इससे कई वाहन मालिक हैं जो बिना गलती किए भी अपना पैसा गंवा दे रहे हैं।
इसलिए हमें ‘साइबर लिटरेसी’ के कॉलम में हम बात करेंगे कि फास्टैग स्कैम क्या है?इनसे बचने के आसान उपाय क्या हो सकते हैं?एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, ने साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा
फास्टैग स्कैम क्या होता है?
इस स्कैम में आपसे फास्टैग से जुड़ी कई जानकारी या पैसे हड़प लेते हैं। इसके लिए वे फर्जी कॉल, या SMS, वेबसाइट या QR कोड का भी इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी इनके झांसे में आकर अपनी डिटेल शेयर कर देते हैं तो आप ठगी का शिकार हो जाते हैं आपका बैलेंस खाली कर सकते हैं या इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
फास्टैग से जुड़े कई साइबर फ्रॉड है जो कई तरह के होते हैं। ठग हमेशा नए नए तरीके अपनाते रहते हैं, लेकिन कुछ धोखाधड़ियां भी सबसे ज्यादा देखने को मिलती हैं। इन्हें समझ लेना ही जरूरी है, ताकि आप खुद को सुरक्षित अपने आप को सुरक्षित रख सकें।
फिशिंग SMS या ईमेल का उपयोग करके
यूजर के पास एक आम SMS आता है, जिसमें लिखा होता है कि आपका फास्टैग को ब्लॉक कर दिया गया है या एक्सपायर हो गया है। मैसेज में एक लिंक भी अटैच होता है, जिस पर आप क्लिक करते ही आप फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं, जहां से आपकी पर्सनल और बैंकिंग जानकारी भी चोरी हो सकती है।
फेक कस्टमर सपोर्ट करना
गूगल या फेसबुक पर कई नकली हेल्पलाइन नंबर से सर्च रिजल्ट में भी दिखते हैं। आपको इनपर पर कॉल करते हैं और सामने वाला आदमी आपको QR कोड स्कैन करवाकर पैसा ठग लेता है।
फर्जी फास्टैग बिक्री से
वॉट्सएप पर आपको कई कम रेट में फास्टैग देने का भी वादा किया करते है, लेकिन जब आप खरीदते हैं तो वह काम ही नहीं करता है या पहले से एक्टिवेटेड होता है।
फास्टैग स्कैम की पहचान आप कैसे कर सकते हैं?
आमतौर पर फास्टैग स्कैमर्स जल्दबाजी में ही आपको निर्णय लेने पर मजबूर करते रहते हैं। जैसे ‘आपका फास्टैग एक्सपायर हो चुका है’ या ‘आज ही अपडेट करें वरना आपका फास्ट्रैक ब्लॉक हो जाएगा।’ ऐसे मामलों से आपको सतर्क रहना बहुत ही जरूरी है।अगर कोई भी आपको SMS, कॉल या लिंक आपको UPI पिन, QR कोड स्कैन करने या फेक वेबसाइट पर जाने को कहे तो आपके साथ स्कैम हो सकता है। जो कुछ जरूरी संकेतों को पहचानकर आप खुद को भी बचा सकते हैं।
फास्टैग स्कैम से बचने के लिए आपको किन किन बातों का ध्यान रखें?
फास्टैग स्कैम से बचने के सबसे बड़ा तरीका यह है सतर्क रहना। थोड़ी-सी सावधानी आपके पैसे और आपकी जानकारी को भी सुरक्षित रख सकती है। अगर आप कुछ भी आसान नियमों का पालन करेंगे तो साइबर ठगों के जाल में फंसने से भी बच सकते हैं।
फास्टैग से जुड़ी जानकारी लीक होना भी खतरा है?
अगर किसी के पास भी आपके फास्टैग की ID, या गाड़ी का नंबर या उससे जुड़ा मोबाइल नंबर की जानकारी और गाड़ी का RC नंबर है तो वो उसका दुरुपयोग कर सकता है। इससे फर्जी रिचार्ज, या क्लोनिंग या डुप्लीकेट फास्टैग एक्टिवेशन जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ सकता हैं। इसलिए आपको अपनी फास्टैग से जुड़ी सभी जानकारी किसी से शेयर न करें और न ही SMS अलर्ट ऑन रखें।
अगर आप फास्टैग स्कैम का शिकार होने पर सबसे पहले आपको अपने बैंक या पेमेंट ऐप को कॉल करके ट्रांजैक्शन ब्लॉक करवा दें और पासवर्ड या UPI पिन को भी बदल दें। इसके अलावा भी साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करें। ये भारत सरकार की आधिकारिक साइबर रिपोर्टिंग साइट है। जो यहां से आपकी शिकायत सही सिस्टम तक पहुंचेगी। अगर स्कैम किसी भी फर्जी SMS, कॉल या वेबसाइट के जरिए हुआ है तो उसकी तुंरत डिटेल sancharsaathi.gov.in पर भी रिपोर्ट करें। यहां आप फर्जी नंबर, मैसेज और लिंक का सबूत भी दे सकते हैं। जितनी जल्दी हो आप रिपोर्ट करेंगे, पैसा रिकवर होने और स्कैमर तक पहुंचने की संभावना भी उतनी ही अधिक बढ़ जाएगी।क बैंक या कंपनी का फास्टैग सुरक्षित होता है?अगर आप बैंक और कंपनी की सुरक्षा अलग-अलग तरह से होती है। आमतौर पर सरकारी बैंक में और ऑथराइज्ड एप से ही लिया गया फास्टैग ज्यादा सुरक्षित और सही होता है, क्योंकि उनका कस्टमर केयर भरोसेमंद और सही डेटा सुरक्षा बेहतर बना होती है। इसलिए किसी अनजान वेबसाइट या एप से फास्टैग हमे नहीं खरीदना चाहिए।
Agniveer Recruitment 2025 में रांची के खेलगांव स्टेडियम में 22 अगस्त से ही शुरू हो रही अग्निवीर भर्ती रैली में झारखंड के अभी सभी युवाओं को सेना में शामिल होने का एक सुनहरा मौका है. यह रैली 4 सितंबर तक चलेगा और इसमें विभिन्न पदों पर बहाली की जायेगी. पूरी प्रक्रिया में पारदर्शी तरीके से रहेगी । यह झारखंड के सभी युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने का एक सुनहरा मौका है एक बार फिर सामने आए है. यह भर्ती सेना भर्ती कार्यालय, रांची की ओर से आयोजित किया गया है यह अग्निवीर भर्ती रैली 22 अगस्त से शुरू होकर 4 सितंबर 2025 तक चलेग यह भर्ती रांची के खेलगांव स्टेडियम में आयोजित की जायेगी. यह रैली झारखंड राज्य के मूल निवासियों के लिए है, जो सेना में सेवा करने का अपने में जज़्बा रखते हैं।
इस भर्ती रैली में अग्निवीर (सामान्य ड्यूटी), अग्निवीर (तकनीकी), अग्निवीर (क्लर्क/स्टोर कीपर तकनीकी), अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं पास) के लिए और अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं पास) के पदों पर चयन किया जायेगा. जो इसमें न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास रखी गई है.
होने वाले रैली में सुविधाएं और सावधानियां
आपको भर्ती स्थल पर सुबह 4 बजे से ही सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेंगी. जिसमें सभी अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल कवर, और एंबुलेंस सुविधा, ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंधन के साथ-साथ ही विश्राम क्षेत्र और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी रखी गई है। इसमें एडमिट कार्ड के बिना किसी भी अभ्यर्थी को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जायेगी ।
जो अभ्यर्थी ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (CEE) पास कर चुके हैं, उन्हें एडमिट कार्ड उनको उनके ईमेल पर भेजा जा चुका है. इसके अलावा भी अभ्यर्थी www.joinindianarmy.nic.in वेबसाइट पर जाकर भी अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.
समस्या होने पर कहां करें संपर्क?
अगर किसी भी अभ्यर्थी को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में कोई कठिनाई हो रही है, तो वे सेना भर्ती कार्यालय, रांची में (मेन रोड, ओवरब्रिज के पास) में ही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक संपर्क कर सकते हैं.
भर्ती में होगी पारदर्शी, दलालों से रहें दूर
सेना भर्ती निदेशक ने कर्नल विकास भोला ने भी कहा कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शी होगी. किसी भी फर्जी व्यक्ति या दलाल के झांसे में आप न आयें. चयन केवल यह चयन योग्यता और शारीरिक क्षमता के आधार पर होगा. सभी अभ्यर्थी अपने साथ ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र, निवास, जाति प्रमाण पत्र और अन्य भी जरूरी दस्तावेज साथ लेकर आयें.