गढ़वा में अवैध बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई: 11 लोग निशाने पर

गढ़वा में अवैध बालू खनन और परिवहन को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। अनुमंडल दंडाधिकारी संजय कुमार ने 11 लोगों के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 126 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई शुरू की है। यह कदम क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे अवैध बालू के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है।

क्या है पूरा मामला?

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के आदेश के अनुसार, वर्तमान में नदी घाटों से बालू निकालने पर पूरी तरह से रोक है। इसके बावजूद, प्रशासन को लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि कुछ लोग संगठित होकर अवैध तरीके से बालू निकाल रहे हैं।

उप-मंडल दंडाधिकारी संजय कुमार ने खुद गढ़वा बाईपास टोल गेट के वीडियो फुटेज की जाँच की, जिसमें पाया गया कि अभी भी ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करके अवैध बालू का परिवहन किया जा रहा है। इस तरह की गतिविधियाँ न केवल कानून का उल्लंघन करती हैं, बल्कि इनसे इलाके में शांति भंग होने का भी खतरा है।

किन लोगों पर हुई कार्रवाई?

जिन 11 लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है, उनके नाम हैं:

राधे मेहता छोटू सिंह तारेश सिंह जितेंद्र सिंह शाहबाज खान प्रवीण सिंह फिरोज अंसारी राकेश तिवारी शाहरुख खान रोहित कुमार मनोज तिवारीइन सभी लोगों को फिलहाल कारण बताने के लिए कहा गया है। यह कार्रवाई अवैध बालू कारोबार में शामिल अन्य लोगों के लिए एक चेतावनी के रूप में भी देखी जा रही है।

सरायकेला में दो मालगाड़ियों की टक्कर: राहत और बचाव का काम जारी

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में चांडिल स्टेशन के पास शनिवार तड़के एक बड़ा रेल हादसा हुआ, जब दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं। इस दुर्घटना में किसी के गंभीर रूप से हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन ट्रेनों के कई डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

दुर्घटना की वजह

यह घटना चांडिल और निमडीह स्टेशनों के बीच हुई, जहाँ एक मालगाड़ी के कुछ डिब्बे पटरी से उतरकर दूसरी दिशा से आ रही मालगाड़ी से जा टकराए। इस टक्कर के कारण दोनों ट्रेनों के 20 से अधिक डिब्बे अस्त-व्यस्त होकर पटरियों पर बिखर गए।

प्रभावित ट्रेन सेवाएं और रूट

इस हादसे के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे के चांडिल-टाटानगर सेक्शन पर दोनों “अप” और “डाउन” ट्रैक पूरी तरह से बाधित हो गए हैं। रेलवे ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।कई महत्वपूर्ण ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जबकि कुछ के रूट बदल दिए गए हैं। इनमें हावड़ा-रांची-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस और पटना-टाटानगर वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल हैं। इसके अलावा, कई मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को भी डायवर्ट किया गया है, ताकि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।

राहत और बचाव कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारी और टेक्निकल टीम मौके पर पहुँच गई। पटरी से उतरे डिब्बों को हटाने और क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि परिचालन को जल्द से जल्द सामान्य करने की पूरी कोशिश की जा रही है। रेलवे ने यात्रियों के लिए हेल्पडेस्क भी बनाए हैं, ताकि उन्हें ट्रेनों के बारे में सही जानकारी मिल सके।

कोडरमा में बंद मकान से लाखों की चोरी: एक महीने से बंद था मकान, जेवरात और नकदी गायब, पुलिस जांच में जुटी

कोडरमा: कोडरमा थाना क्षेत्र के पुरनानगर रोड स्थित एक बंद मकान में चोरों ने लाखों की चोरी की घटना को अंजाम दिया है। गृहस्वामी दीपक सिंह के एक महीने से अपने पैतृक गांव बिहार में रहने का फायदा उठाकर चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। जब शुक्रवार को दीपक सिंह की मां घर पहुंचीं, तो उन्होंने देखा कि घर के सभी कमरों के दरवाजे कटर से काटे गए हैं।

चोरी का विवरण

स्थान: कोडरमा शहर का पॉश इलाका। समय: अनुमानित तौर पर पिछले एक महीने के भीतर, जब मकान मालिक बाहर थे। नुकसान: घर से लाखों रुपये के सोने-चांदी के गहने और नकदी गायब हो गई है। चोरों ने पूरे घर को खंगाला और अलमारियों को तोड़ दिया। पता चला: मकान मालिक के लौटने पर जब उन्होंने घर का ताला टूटा हुआ देखा, तो उन्हें चोरी का पता चला। पुलिस की कार्रवाई: सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया और फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों की मदद ली। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की है और इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।

पुलिस की अपील:

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर वे लंबे समय के लिए बाहर जा रहे हैं, तो अपने पड़ोसियों या रिश्तेदारों को सूचित करें। इसके अलावा, घर में कीमती सामान और नकदी न छोड़ें और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाएं।आगे की जांच:पुलिस को उम्मीद है कि सीसीटीवी फुटेज और फिंगरप्रिंट्स की मदद से जल्द ही चोरों तक पहुंचा जा सकेगा। यह घटना एक बार फिर शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है।

कांडी में अंचलाधिकारी ने विजया स्वीट्स पर की छापेमारी, गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल जब्त

कांडी, झारखंड: कांडी में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई है। अंचलाधिकारी राकेश सहाय ने अपनी टीम के साथ सोमवार को शहर की एक जानी-मानी मिठाई की दुकान, विजया स्वीट्स, पर अचानक छापेमारी की। यह छापेमारी ग्राहकों की तरफ से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद की गई है, जिसमें मिठाइयों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे।

छापेमारी की मुख्य वजह

अंचलाधिकारी को पिछले कुछ दिनों से विजया स्वीट्स के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही थीं। लोगों का आरोप था कि दुकान में बासी और निम्न स्तर की मिठाइयां बेची जा रही हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, उन्होंने तुरंत कार्रवाई का फैसला लिया।

छापेमारी के दौरान की गई कार्रवाई

छापेमारी के दौरान, टीम ने दुकान में रखी सभी मिठाइयों का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने खास तौर पर उन मिठाइयों पर ध्यान दिया जिनकी गुणवत्ता पर संदेह था। * सैंपल जब्त किए गए: दुकान में बिक रही रसगुल्ला, चमचम, बर्फी और लड्डू जैसी लोकप्रिय मिठाइयों के नमूने लिए गए। इन नमूनों को विशेष रूप से सील बंद करके रखा गया। * खाद्य इंस्पेक्टर को भेजा गया: जब्त किए गए इन सभी सैंपलों को आगे की विस्तृत रासायनिक जांच के लिए खाद्य इंस्पेक्टर कार्यालय भेजा गया है।क्या होगा आगे?

देवघर में सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ मामला दर्ज

झारखंड के देवघर में स्थित प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मंदिर के ‘निकासी गेट’ से जबरन प्रवेश किया, जबकि यह रास्ता केवल बाहर निकलने के लिए है। यह घटना 23 अप्रैल, 2024 को घटी।

क्या है पूरा मामला

देवघर जिला प्रशासन ने आरोप लगाया है कि सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी ने बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। मंदिर के निकासी गेट का उपयोग केवल बाहर निकलने के लिए होता है, लेकिन दोनों सांसद उसी गेट से अंदर चले गए। जिला प्रशासन का कहना है कि उन्होंने मंदिर की सुरक्षा और व्यवस्था को बाधित किया, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को असुविधा हुई। प्रशासन ने इस घटना को एक गंभीर उल्लंघन मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई है।

मनोज तिवारी की प्रतिक्रिया

इस मामले पर मनोज तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है। मनोज तिवारी ने यह भी घोषणा की कि वह अगले दिन स्वयं गिरफ्तारी देंगे, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि वह बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने गए थे और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है।

निशिकांत दुबे का पक्ष

सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस आरोप को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि वे एक जनप्रतिनिधि हैं और उनका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सेवा करना है। उन्होंने दावा किया कि वे कोई प्रोटोकॉल नहीं तोड़ रहे थे और वे अपनी सामान्य प्रक्रियाओं का पालन कर रहे थे। उन्होंने भी इस कार्रवाई को झारखंड की सत्तारूढ़ सरकार की बदले की भावना बताया।

आगे क्या होगा

इस मामले में अब आगे की जांच शुरू होगी। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की छानबीन करेगी और आरोपों की सत्यता की पुष्टि करेगी। वहीं, मनोज तिवारी के गिरफ्तारी देने के बयान के बाद यह देखना होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है। यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है, जिसमें बीजेपी और सत्ताधारी दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस घटना ने देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

गढ़वा में सड़क दुर्घटना और नकली मिठाइयों पर छापेमारी

गढ़वा और रमना में सड़क दुर्घटना, नकली मिठाइयों पर छापेमारी और रक्षाबंधन की रौनक

गढ़वा में सड़क दुर्घटना

गढ़वा थाना क्षेत्र के तेनार रोड में एक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें 45 वर्षीय महिला किरण देवी घायल हो गईं। वह अपने गांव तेनार से गढ़वा जा रही थीं, जब उनकी बाइक फिसल गई। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। यह ध्यान देने योग्य है कि यह सड़क पहले भी कई दुर्घटनाओं का गवाह रही है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।

नकली मिठाइयों पर कार्रवाई

गढ़वा में एसडीएम संजय कुमार के नेतृत्व में मनीष प्लास्टिक के गोदाम पर छापेमारी की गई, जहाँ से भारी मात्रा में नकली मिठाई जब्त की गई। इस छापेमारी में 1 क्विंटल 80 किलो नकली मिठाई बरामद हुई, जिसे विस्तृत जांच के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सौंप दिया गया है। एसडीएम ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे सस्ती और नकली मिठाइयों से दूर रहें क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकती हैं।रमना में रक्षाबंधन की तैयारी और प्रशासन की सख्तीरमना में भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक होने के कारण बाजारों में खूब रौनक है। रमना प्रखंड मुख्यालय और आसपास के गांवों में राखियों और मिठाइयों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है। बुधवार को लगे साप्ताहिक हाट में महिलाओं और बच्चों की विशेष भीड़ देखी गई।इसी बीच, गढ़वा में हुई छापेमारी के बाद रमना प्रशासन भी सतर्क हो गया है। सीओ विकास पांडेय और थाना प्रभारी आकाश कुमार ने मिठाई दुकानदारों को चेतावनी दी है कि नकली या रासायनिक मिठाइयां बेचते पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस चेतावनी के बाद मिठाई विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है और कई दुकानों से संदिग्ध मिठाइयों के नमूने लिए गए हैं। प्रशासन का यह कदम लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

सारंडा जंगल में आईईडी ब्लास्ट: दो जवान घायल, रांची एयरलिफ्ट

पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हुआ। नक्सलियों द्वारा लगाए गए इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में हुए विस्फोट से दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना उस वक्त हुई जब सुरक्षा बल सघन सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। घायल जवानों को तुरंत हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज जारी है। दोनों जवानों की स्थिति अभी स्थिर बताई जा रही है।

ऑपरेशन का विवरण

यह घटना चाईबासा के टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका और रेंगड़ाहातु गांव के बीच में हुई। झारखंड पुलिस की 197 कोबरा बटालियन, सीआरपीएफ (CRPF), और झारखंड जगुआर (STF) के जवान संयुक्त रूप से इस इलाके में एंटी-नक्सल ऑपरेशन चला रहे थे। पिछले कई दिनों से इस क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी। इसी सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने जंगल के चप्पे-चप्पे को खंगालना शुरू किया। यह इलाका घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो नक्सलियों के लिए छिपने का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है।

विस्फोट और घटना की कहानी

गुरुवार की सुबह सुरक्षा बल जंगल के अंदरूनी हिस्सों में आगे बढ़ रहे थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान एक जवान का पैर गलती से नक्सलियों द्वारा छिपाए गए आईईडी पर पड़ गया। जोरदार धमाके की आवाज से पूरा इलाका गूंज उठा। धमाके की चपेट में आने से दो जवान घायल हो गए। एक जवान के पैर में और दूसरे के पेट में गंभीर चोटें आईं। धमाके की आवाज सुनते ही आसपास के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद, उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।घायल जवानों की पहचान संदीप कुमार और विकास यादव के रूप में हुई है। संदीप को पैर में गंभीर चोट लगी है, जबकि विकास को पेट के निचले हिस्से में चोट आई है। घटना के बाद, पूरे इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं और सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है।

एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया

घायल जवानों की गंभीर स्थिति को देखते हुए, उन्हें तुरंत एयरलिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। जिला मुख्यालय चाईबासा से एक हेलीकॉप्टर को मौके पर भेजा गया। घायलों को हेलीपैड तक पहुंचाया गया और वहां से उन्हें रांची के मेडिका अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम पहले से ही तैयार थी। घायलों को तुरंत आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया।मेडिका अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि दोनों जवानों की सर्जरी की गई है और उनकी स्थिति अब खतरे से बाहर है। हालांकि, उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा। सुरक्षाबलों के उच्च अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर जवानों का हालचाल जाना और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

नक्सली गतिविधियों का गढ़: सारंडा

सारंडा जंगल झारखंड और ओडिशा की सीमा पर स्थित है और इसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यह इलाका 820 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और घने साल के पेड़ों से आच्छादित है। नक्सलियों ने इस जंगल का उपयोग कई दशकों से अपने ठिकाने के रूप में किया है। वे यहाँ पर अपने कैंप लगाते हैं, प्रशिक्षण देते हैं, और सरकारी संस्थानों पर हमलों की योजना बनाते हैं।सुरक्षाबलों ने पिछले कुछ वर्षों में सारंडा में नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े अभियान चलाए हैं। इन अभियानों में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलताएं भी मिली हैं। कई बड़े नक्सली कमांडरों को या तो मार गिराया गया है या गिरफ्तार किया गया है। लेकिन, नक्सली अब भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए इस तरह के गुरिल्ला युद्ध की रणनीति अपनाते रहते हैं, जिसमें आईईडी का इस्तेमाल सबसे आम है।आईईडी का इस्तेमाल नक्सलियों की एक पुरानी रणनीति है, जिसमें वे सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए सड़कों, पगडंडियों और जंगलों में बम छिपाते हैं। ये बम अक्सर प्रेशर प्लेट से जुड़े होते हैं, और जैसे ही कोई उन पर कदम रखता है, धमाका हो जाता है। इस तरह के हमलों से सुरक्षाबलों को हमेशा चौकन्ना रहना पड़ता है।

उच्च स्तरीय बैठक और आगे की रणनीति

इस घटना के बाद, राज्य के डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने एक आपातकालीन बैठक की है। बैठक में सारंडा और आसपास के इलाकों में नक्सल विरोधी अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई। यह भी तय किया गया कि सुरक्षाबलों को आईईडी का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए और अधिक आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस तरह के हमलों से उनका मनोबल टूटेगा नहीं। सरकार ने घायल जवानों को हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है।

क्षेत्र में तनाव और जन-जीवन

इस घटना के बाद, आसपास के गांवों में भी तनाव का माहौल है। ग्रामीण डर के साए में जी रहे हैं। इस तरह के हमलों के कारण गांव के लोग अपने खेतों और जंगलों में जाने से डरते हैं, क्योंकि उन्हें हमेशा किसी अनहोनी का डर लगा रहता है। सुरक्षाबलों की मौजूदगी से कुछ हद तक ग्रामीणों को राहत मिलती है, लेकिन जब भी इस तरह की घटना होती है, तो उनका डर वापस लौट आता है।यह घटना एक बार फिर से यह दर्शाती है कि सारंडा और उसके आसपास के इलाकों में नक्सलवाद अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सुरक्षाबल अपनी जान जोखिम में डालकर इस चुनौती का सामना कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर से इस बात पर जोर दिया है कि नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सरकार और सुरक्षाबलों को एक साथ मिलकर और भी मजबूत रणनीति बनाने की जरूरत है।

श्री बंशीधर नगर में नकली मिठाइयों का साम्राज्य ध्वस्त, 55 क्विंटल मिठाई जब्त

झारखंड के श्री बंशीधर नगर में पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलकर एक बड़ी सफलता हासिल की है। आगामी त्यौहारों से ठीक पहले, उन्होंने एक थोक व्यापारी के घर पर छापेमारी कर 55 क्विंटल (लगभग 5,500 किलोग्राम) नकली और मिलावटी मिठाइयां जब्त की हैं। यह कार्रवाई सिर्फ एक छापा नहीं है, बल्कि यह उन मिलावटखोरों के खिलाफ एक मजबूत संदेश है जो लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

लापरवाही की इंतहा: स्वास्थ्य से खिलवाड़

जब्त की गई मिठाइयों में मुख्य रूप से छेना रसगुल्ला और कलाकंद शामिल थे। जांच में पाया गया कि ये मिठाइयां न केवल अस्वच्छ परिस्थितियों में बनाई जा रही थीं, बल्कि इनमें ब्रांडिंग, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जैसी बुनियादी जानकारियों का भी अभाव था। यह दिखाता है कि इन मिठाइयों को बनाने वाले लोग न सिर्फ कानून तोड़ रहे थे, बल्कि उन्हें लोगों के स्वास्थ्य की भी जरा परवाह नहीं थी। ऐसी मिठाइयां खाने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें फूड पॉइजनिंग और एलर्जी शामिल हैं।त्यौहारों की आड़ में चलता था गोरखधंधायह साफ है कि यह धंधा त्यौहारों के मौके पर चलता था। रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, और दुर्गा पूजा जैसे त्यौहारों पर मिठाइयों की भारी मांग होती है, जिसका फायदा उठाकर ये व्यापारी कम दाम में घटिया क्वालिटी की मिठाइयां बनाकर बेचते थे। वे खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के बाजारों को निशाना बनाते थे, जहां लोग अक्सर कम दाम को प्राथमिकता देते हैं और जागरूकता की कमी होती है।

आगे की कार्रवाई और सख्त संदेश

पुलिस ने व्यापारी के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। जब्त की गई मिठाइयों के नमूने लैब में भेज दिए गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनमें कौन-कौन से हानिकारक रसायन और तत्व मौजूद हैं। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि मिलावटखोरों को बख्शा नहीं जाएगा और प्रशासन लोगों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है।यह घटना हम सभी के लिए एक सबक है कि त्यौहारों पर मिठाई खरीदते समय हमें सतर्क रहना चाहिए। हमेशा भरोसेमंद दुकानों से ही मिठाई खरीदें और पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जैसी जानकारियां जरूर जांचें।

800 करोड़ के GST घोटाले में ED ने रेड में रांची, जमशेदपुर और कोलकाता में छापेमारी की

झारखंड में 800 करोड़ रुपये के बड़े जीएसटी घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार सुबह से ही अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। ईडी की टीमों ने रांची, जमशेदपुर और कोलकाता सहित आठ अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह घोटाला फर्जी कंपनियों के एक बड़े नेटवर्क और हवाला लेनदेन से जुड़ा है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।

छापेमारी का विवरण

ईडी की टीम ने रांची के पीपी कंपाउंड स्थित कृष्ण अपार्टमेंट के चौथे फ्लोर पर छापेमारी की। इसी दौरान, जमशेदपुर में स्क्रैप कारोबारी ज्ञानचंद जायसवाल उर्फ बबलू जायसवाल के ठिकानों पर भी टीम पहुंची। बबलू जायसवाल को ईडी इस मामले में पहले भी जेल भेज चुकी है। जमशेदपुर में सर्किट हाउस एरिया, बिष्टुपुर, जुगसलाई और आदित्यपुर समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी चल रही है।इसके अलावा, ईडी ने झरिया और धनबाद में भी दबिश दी। यह कार्रवाई व्यवसायी अमित अग्रवाल उर्फ चीनू अग्रवाल के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है। उन पर लगभग 200 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप है।

क्या मिला ईडी को?

छापेमारी के दौरान, ईडी के अधिकारियों ने कई अहम दस्तावेज़ जब्त किए हैं। इनमें हवाला और फर्जी कंपनियों के माध्यम से किए गए लेन-देन के रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजेक्शन से जुड़े कागजात, संपत्ति के दस्तावेज़ और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस शामिल हैं।

ईडी का मानना है कि फर्जी कंपनियों का जाल बिछाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत फायदा उठाया गया, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ।

पहले की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

यह दूसरी बार है जब ईडी इस मामले में छापेमारी कर रही है। इससे पहले, ईडी ने इस घोटाले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था: * कोलकाता के कारोबारी शिवकुमार देवड़ा * अमित गुप्ता * मोहित देवड़ा * जमशेदपुर के विक्की भालोटियाइन सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की गई थी। जांच के दौरान, इनकी कागजी कंपनियों से जुड़े 10 बैंक खातों से 60 लाख रुपये भी जब्त किए गए थे। फिलहाल, चारों आरोपी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

ईडी का कहना है कि यह छापेमारी पिछली पूछताछ से मिले इनपुट के आधार पर की गई है। एजेंसी इस हवाला नेटवर्क और फर्जी बिलिंग के पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने में जुटी है, जिसकी परतें रांची, जमशेदपुर, कोलकाता और मुंबई तक फैली हुई हैं।

गैंगस्टर आशीष रंजन उर्फ छोटू धनबादिया यूपी में ढेर

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार की रात यूपी एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में बिहार-झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर आशीष रंजन, जिसे छोटू धनबादिया के नाम से भी जाना जाता था, को मार गिराया।

मुठभेड़ का विवरण

यह मुठभेड़ प्रयागराज के शंकरगढ़ क्षेत्र में हुई। एसटीएफ की टीम ने जब छोटू धनबादिया को घेरने की कोशिश की, तो उसने एके-47 से गोलियां चलाना शुरू कर दिया। एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी और वह मारा गया। घटनास्थल से पुलिस को एक एके-47, एक पिस्तौल और भारी मात्रा में 9 एमएम के कारतूस मिले हैं।

आशीष रंजन का आपराधिक इतिहास

आशीष रंजन कई गंभीर अपराधों में वांछित था, जिनमें से प्रमुख हैं: * धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या: 2017 में नीरज सिंह को गोलियों से छलनी करने का आरोप उस पर था। * अन्य हत्याएं: गैंगस्टर अमन सिंह और जमीन कारोबारी समीर मंडल की हत्या के मामलों में भी वह आरोपी था। * अमन सिंह हत्याकांड: 3 दिसंबर 2023 को धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आशीष रंजन ने एक ऑडियो जारी कर इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी और खुद को अमन विरोधी घोषित कर दिया था।आशीष रंजन पहले अमन सिंह गैंग का शूटर था और उसके इशारे पर रंगदारी और हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देता था। अमन सिंह के जेल जाने के बाद उसने अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहा। वह बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था और यूपी एसटीएफ को लंबे समय से उसकी तलाश थी।

प्रयागराज में आने का कारण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आशीष रंजन प्रयागराज में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। इसी सूचना पर एसटीएफ ने उसे घेर लिया, जिसके बाद यह मुठभेड़ हुई।