राँची के मंदिरों में सुरक्षा पर सवाल महादेव टंगरा धाम में चोरी की घटना

राँची के मंदिरों में चोरी की घटनाएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला राँची के रातू थाना क्षेत्र के बिजुलिया स्थित महादेव टंगरा धाम मंदिर का है, जहाँ चोरों ने मंदिर में रखी दानपेटी ही चुरा ली। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिसमें दो चोर आधी रात के अंधेरे में चेहरे पर कपड़ा लपेटे हुए मंदिर में दाखिल होते और दानपेटी ले जाते साफ दिखाई दे रहे हैं।

इस घटना ने एक बार फिर मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंदिर प्रबंधन ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी है और मामले की जाँच शुरू हो चुकी है, लेकिन यह घटना राँची में हो रही ऐसी कई वारदातों की कड़ी का हिस्सा मात्र है।

पिछले छह महीनों में मंदिरों में हुई चोरियाँ

पिछले कुछ महीनों में राँची और आसपास के इलाकों में कई मंदिरों को निशाना बनाया गया है। * जनवरी 2025 में, एटीआई मोड़ के हनुमान मंदिर में ताले तोड़कर दानपेटी और पूजा सामग्री की चोरी हुई थी। * इसी महीने, देवघर के जसीडीह स्थित पागल बाबा आश्रम में भी बड़ी चोरी हुई, जहाँ चोरों ने चाँदी की मूर्तियाँ, मुकुट और लगभग ₹1 लाख नकद चुरा लिए। * मार्च 2025 में, सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के त्रिशक्ति मंदिर से दानपेटी में रखे ₹15,000 और पीतल-तांबे के पूजा पात्र भी चोरी हो गए।

हाल ही में चुटिया क्षेत्र के त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में भी दानपेटी चोरी होने की घटना सामने आई थी।इन लगातार हो रही घटनाओं से यह साफ है कि मंदिरों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। ये चोर सुनसान रातों में इन मंदिरों को अपना आसान शिकार बना रहे हैं।

प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की माँग

लगातार हो रही इन चोरियों के बावजूद मंदिरों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। मंदिर समितियाँ और स्थानीय लोग पुलिस गश्त बढ़ाने की माँग कर रहे हैं। उनका मानना है कि पुलिस को ऐसे संवेदनशील धार्मिक स्थलों के आसपास अपनी निगरानी बढ़ानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। फिलहाल, इन घटनाओं से भक्तों और मंदिर प्रबंधन में चिंता का माहौल है।

पीएलएफआई कमांडर मार्टिन केरकेट्टा मुठभेड़ में ढेर

पीएलएफआई कमांडर मार्टिन केरकेट्टा मुठभेड़ में ढेर

झारखंड पुलिस को उग्रवाद विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र के चंगाबाड़ी ऊपरटोली जंगल में हुई मुठभेड़ में ₹15 लाख का इनामी और पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) का शीर्ष कमांडर मार्टिन केरकेट्टा मारा गया। इस कार्रवाई को संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद मार्टिन ही संगठन की कमान संभाल रहा था।

मुठभेड़ का विवरण

गुमला के एसपी हारिस बिन जमा को गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआई के उग्रवादी इलाके में छिपे हुए हैं। सूचना के आधार पर, पुलिस की एक विशेष टीम ने फौरन इलाके की घेराबंदी शुरू कर दी। जैसे ही पुलिस टीम उग्रवादियों के करीब पहुंची, उन्होंने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें मार्टिन केरकेट्टा ढेर हो गया। पुलिस ने घटनास्थल से कई हथियार भी बरामद किए हैं। मुठभेड़ के दौरान, दो अन्य उग्रवादियों के घायल होने की खबर है, जबकि आधे से ज़्यादा उग्रवादी जंगल का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे।

कौन था मार्टिन केरकेट्टा?

मार्टिन केरकेट्टा मूल रूप से कामडारा के रेड़मा गांव का रहने वाला था। वह पीएलएफआई की केंद्रीय समिति का एक सक्रिय और महत्वपूर्ण सदस्य था। संगठन के लिए लेवी वसूली, लोगों को धमकाना, और फायरिंग जैसी आपराधिक गतिविधियों की रणनीति वही बनाता था। मार्टिन और पीएलएफआई सरगना दिनेश गोप बचपन के दोस्त थे। दोनों ने लापुंग के महुगांव में एक ही स्कूल में साथ पढ़ाई की थी, और बाद में दोनों ने मिलकर पीएलएफआई संगठन का विस्तार किया। इसी वजह से संगठन के भीतर उसका कद काफी ऊंचा था। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी।क्या आप इस घटना से संबंधित और कोई जानकारी चाहते हैं?

साइबर ठगी के तीन अलग-अलग मामले

साइबर ठगों ने झारखंड के रांची शहर में लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाए हैं। इन मामलों में कुल मिलाकर लाखों रुपये की ठगी हुई है।

पार्ट-टाइम नौकरी का झांसा

गूगल मैप रिव्यू: मुरहू के करण महतो से गूगल मैप पर होटलों की समीक्षा (रिव्यू) करने के नाम पर करीब 2.91 लाख रुपये ठगे गए। उन्हें पहले कुछ पैसे देकर लालच दिया गया और फिर “प्रीपेड रिव्यू” के बहाने उनसे बार-बार पैसे मांगे गए, जो उन्होंने नहीं निकाले।

टेलीग्राम पर नौकरी: साइबर अपराधियों ने टेलीग्राम ऐप का इस्तेमाल करके दो लोगों से नौकरी के बहाने करीब 3 लाख रुपये ठगे। एक मामले में पुंदाग निवासी सीमांत प्रसाद से 2.42 लाख रुपये की ठगी हुई, वहीं हेहल की रहने वाली मेघा बंसल के साथ भी ऐसा ही हुआ।

पानी का बिल चुकाने के नाम पर ठगी

नउवा टोली के आशीष कुमार जैन को एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने पानी का बिल बकाया होने की बात कहकर उन्हें एक ऐप डाउनलोड करवाया। ऐप डाउनलोड करते ही उनके बैंक खाते से 3.61 लाख रुपये निकाल लिए गए।

सरकारी योजना में पार्टनरशिप का लालच

अदिति सिन्हा को नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NSDC) में अपनी सोसाइटी को पार्टनर बनाने के नाम पर एक मेल आया। उन्हें 30 लाख रुपये प्रति माह के प्रोजेक्ट का झांसा दिया गया और शुरुआती 10 सीटें मुफ्त देने की बात कही गई। इस तरह उनसे 1 लाख 83 हजार 200 रुपये की ठगी की गई।

सभी मामलों की प्राथमिकी साइबर थाने, रांची में दर्ज कराई गई है। इन घटनाओं से पता चलता है कि साइबर ठग पार्ट-टाइम नौकरी, सरकारी योजनाओं और जरूरी बिलों का बहाना बनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।

बारिश से कच्चा मकान ध्वस्त, बालबाल बच्चे लोग

बुका के तितही टोला निवासी सरीखा भुइयां का खपरैल का घर मंगलवार को भारी बारिश के कारण गिर गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त परिवार का कोई भी सदस्य घर के अंदर नहीं था, जिसकी वजह से कोई हताहत नहीं हुआ।मकान गिरने से घर में रखा सारा सामान, जिसमें कपड़े, अनाज और अन्य घरेलू सामान शामिल थे, मलबे में दब गया। इस घटना से परिवार को भारी नुकसान हुआ है।

मकान गिरने से घर में रखा सारा सामान, जिसमें कपड़े, अनाज और अन्य घरेलू सामान शामिल थे, मलबे में दब गया। इस घटना से परिवार को भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित परिवार ने बताया कि अचानक से तेज बारिश शुरू हुई और कुछ ही देर में उनका मकान भरभराकर गिर गया। उस वक्त सभी लोग घर के बाहर एक पेड़ के नीचे बैठे थे, जिससे उनकी जान बच गई।

हादसे की जानकारी

हादसे की जानकारी मिलते ही पंचायत की मुखिया बेबी देवी मौके पर पहुंचीं और नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और आश्वासन दिया कि सरकारी प्रावधानों के तहत उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की कोशिश की जाएगी। मुखिया ने कहा कि वह जल्द ही इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपेंगी ताकि परिवार को जल्द से जल्द मदद मिल सके। स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासन से अपील की है कि पीड़ित परिवार को तुरंत सहायता दी जाए, ताकि वे इस मुश्किल घड़ी से उबर सकें।

कोडरमा में 16 साल के छात्र ने लगाई फांसी

कोडरमा के तिलैया थाना क्षेत्र में 16 वर्षीय छात्र जितेंद्र वर्मा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। 11वीं कक्षा के छात्र जितेंद्र की मौत ने न सिर्फ उसके परिवार को सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर है।

क्या है मामला?

जितेंद्र के पिता कुंदन वर्मा एक प्लम्बर हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 7 बजे जब वे काम पर जा रहे थे, तब जितेंद्र अपने कमरे में सो रहा था। घर की छत पर उसकी मां खाना बना रही थी और दो छोटे भाई बाहर खेल रहे थे। सुबह 8 बजे जब मां उसे जगाने कमरे में गईं, तो उन्होंने देखा कि जितेंद्र पंखे से फंदे पर लटका हुआ है। यह देखकर उन्होंने शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हुए। जितेंद्र को तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिवार सदमे में

जितेंद्र सीएच प्लस टू स्कूल में कॉमर्स का छात्र था। उसके पिता के अनुसार, वह एक शांत और समझदार लड़का था। वह न तो ज्यादा मोबाइल चलाता था और न ही किसी से उसकी कोई अनबन थी। इस तरह के अप्रत्याशित कदम से पूरा परिवार सदमे में है और किसी को भी यकीन नहीं हो रहा कि ऐसा क्यों हुआ। घटना की सूचना मिलते ही तिलैया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है और परिवार तथा स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है।

कोडरमा में बढ़ती आत्महत्याएं

यह घटना कोडरमा जिले में आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या की ओर इशारा करती है, खासकर युवाओं में। पिछले कुछ महीनों में 20 साल से कम उम्र के किशोरों द्वारा आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं। पिछले 10 दिनों में अकेले तिलैया थाना क्षेत्र में तीन युवाओं ने फांसी लगाकर अपनी जान ली है। एक हफ्ते पहले ही, वार्ड संख्या-2 में एक 12 वर्षीय छात्र ने भी आत्महत्या कर ली थी। ये घटनाएं समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं, जिस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

पलामू में युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

मेदिनीनगर: पलामू में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह पिछले एक साल से अपने पिता की मृत्यु के कारण डिप्रेशन में था।

घटना का विवरण

यह घटना मेदिनीनगर शहर थाना क्षेत्र के टीओपी टू के कांदू मुहल्ला वर्मा चौक के पास हुई। मृतक की पहचान 29 वर्षीय सतीश कुमार के रूप में हुई है। रात को सतीश ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस की जाँच

शुरुआत में, परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि सतीश की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है और वे पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। हालांकि, टीओपी टू के प्रभारी राकेश कुमार ने कमरे की जाँच की और पाया कि दरवाजा बाहर से टूटा हुआ था और कमरे के अंदर एक काला गमछा मिला, जिससे प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का लगा। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

डिप्रेशन में था युवक

स्थानीय लोगों के अनुसार, सतीश के पिता संजय सिंह का निधन एक साल पहले हो गया था, जिसके बाद से सतीश काफी उदास और डिप्रेशन में रहने लगा था। वह हाल ही में दिल्ली से मेदिनीनगर आया था और घर से ही काम कर रहा था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

जमशेदपुर में महिला से 14 ग्राम सोने की चेन लूटी, बाजार से लौटते वक्त हुई वारदात

जमशेदपुर के सोनारी थाना क्षेत्र में हाल ही में एक चेन स्नैचिंग की घटना सामने आई है, जिसने एक बार फिर इलाके में सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना वृंदावन गार्डन अपार्टमेंट के पास हुई, जहां बाइक सवार दो बदमाशों ने एक महिला से उसकी सोने की चेन छीन ली।

घटना का विवरण

पीड़िता मीरा नारायण, जो वृंदावन गार्डन अपार्टमेंट की निवासी हैं, बाजार से सब्जी खरीदकर घर लौट रही थीं। तभी एक बाइक पर सवार दो हेलमेट पहने हुए बदमाशों ने उनके गले से 14 ग्राम की सोने की चेन झपट ली। यह पूरी घटना अपार्टमेंट के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि आरोपी पहले इलाके की रेकी करते हैं और फिर मौका पाकर इस वारदात को अंजाम देते हैं।

पुलिस की कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद महिला ने शोर मचाया और बदमाशों का पीछा करने की कोशिश की, लेकिन वे फरार होने में कामयाब रहे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी है, लेकिन हेलमेट पहने होने के कारण आरोपियों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर जमशेदपुर में चेन स्नैचिंग की बढ़ती वारदातों को उजागर कर दिया है।

रिम्स के पेइंग व न्यूरो वार्ड की फॉल्स सीलिंग टूट कर गिरी,

रांची में स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान रिम्स जो कि झारखंड का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान है, एक बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है। यहाँ की पुरानी बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि आए दिन कोई न कोई दुर्घटना घट रही है। हाल ही में, पेइंग वार्ड और न्यूरो वार्ड में फॉल सीलिंग टूटकर गिर गई, जिससे वहाँ इलाज करा रहे मरीज बाल-बाल बच गए। इससे पहले भी न्यूरोसर्जरी विभाग के पास सीढ़ी पर एक बड़ा हिस्सा गिर चुका था। यह घटनाएँ साफ तौर पर दिखाती हैं कि यह बिल्डिंग अब किसी भी बड़े हादसे को न्योता दे रही है।रिम्स प्रबंधन द्वारा सरकार और स्वास्थ्य विभाग को बार-बार इस गंभीर स्थिति से अवगत कराया गया है। निदेशक डॉ. राजकुमार ने खुद भी पत्र लिखकर जल्द से जल्द मरम्मत कार्य शुरू करने की गुहार लगाई है। उन्होंने बिल्डिंग के री-डेवलपमेंट प्लान पर जोर देते हुए कहा है कि इंडोर की मरम्मत का काम तुरंत शुरू होना चाहिए। लेकिन, आश्चर्य की बात है कि इन तमाम प्रयासों के बावजूद विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसा लगता है जैसे विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है, तभी उनकी नींद खुलेगी।दैनिक भास्कर की एक पड़ताल में भी यह खुलासा हुआ है कि रिम्स की पुरानी बिल्डिंग की हालत बहुत ही खराब है। दीवारों पर लगी सीलन ने इसकी नींव को कमजोर कर दिया है, प्लास्टर उखड़ रहा है, और जगह-जगह से छज्जे टूटकर गिर चुके हैं। बिल्डिंग के कई हिस्से खतरनाक तरीके से लटक रहे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इतना ही नहीं, गलियारों और सीढ़ियों की रेलिंग तक ढीली होकर गिर चुकी है, जिससे मरीजों, उनके परिजनों और अस्पताल के कर्मचारियों की जान हर वक्त खतरे में रहती है।यह एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। यह न सिर्फ चिकित्सा सुविधा से जुड़ा मामला है, बल्कि हजारों लोगों की सुरक्षा का भी सवाल है। अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो एक बड़ा हादसा हो सकता है। यह अत्यंत दुखद है कि स्वास्थ्य विभाग, जो कि लोगों के जीवन की रक्षा के लिए जिम्मेदार है, इस तरह की घोर लापरवाही दिखा रहा है। रिम्स की पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत या उसके पुनर्निर्माण को प्राथमिकता देना सरकार का दायित्व है।

चेक बाउंस मामले में अभिनेता विक्रम सिंह को एक साल जेल की सजा

न्यायिक दंडाधिकारी दिव्या राघव की अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता रांझा विक्रम सिंह को ₹1 करोड़ के चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराया है। यह मामला दुर्गा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक निलोय कुमार झा ने दर्ज कराया था।पूरा मामला क्या है?रांझा विक्रम सिंह ने 5 मार्च 2019 को अपनी फिल्म ‘फौजी कॉलिंग’ बनाने के लिए निलोय कुमार झा से बड़ी रकम उधार ली थी। जब झा ने अपने पैसे वापस मांगे, तो विक्रम सिंह ने उन्हें ₹1 करोड़ का चेक दिया। हालांकि, यह चेक बाउंस हो गया, जिसके बाद झा ने 7 जून 2021 को विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा दायर किया। दोनों पक्षों के बीच इस मामले को सुलझाने की कोशिश भी की गई थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी।अदालत का फैसलामामले की सुनवाई के बाद, अदालत ने विक्रम सिंह को दोषी मानते हुए उन्हें एक साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा, अदालत ने उन्हें चेक की राशि ₹1 करोड़ और हर्जाना के रूप में ₹20 लाख, यानी कुल ₹1.20 करोड़, निलोय कुमार झा को चुकाने का आदेश दिया है। सोमवार को जब यह फैसला सुनाया गया, तो विक्रम सिंह अदालत में खुद मौजूद थे।अदालत ने अभिनेता को अपनी सजा के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिनों की औपबंधिक जमानत भी दी है, जिससे उन्हें ऊपरी अदालत में अपील करने का समय मिल सके। शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता राहुल पांडेय ने अदालत में अपना पक्ष रखा।

गुमला में ₹66 लाख की अवैध अंग्रेजी शराब जब्त, दो गिरफ्तार

गुमला में ₹66 लाख की अवैध अंग्रेजी शराब जब्त, दो गिरफ्तार

गुमला: गुमला जिले की भरनो थाना पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने NH-23 (रांची-गुमला मुख्य मार्ग) पर एक कंटेनर से ₹66 लाख से अधिक कीमत की अवैध अंग्रेजी शराब जब्त की है। यह शराब हरियाणा में बनाई गई थी। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी कि अवैध शराब का एक बड़ा जखीरा कंटेनर में भरकर रांची से गुमला होते हुए बिहार भेजा जा रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भरनो थाना क्षेत्र में NH-23 पर सघन जांच अभियान शुरू किया।जांच के दौरान, पुलिस ने एक संदिग्ध कंटेनर को रोका और उसकी तलाशी ली। तलाशी में कंटेनर के अंदर 685 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब मिली। इस शराब की बाजार में कीमत ₹66 लाख से अधिक आंकी गई है। यह शराब हरियाणा में निर्मित थी।पुलिस ने तुरंत कंटेनर को जब्त कर लिया और कंटेनर में मौजूद दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है ताकि इस अवैध शराब तस्करी के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।पुलिस ने बताया कि यह अवैध शराब झारखंड के रास्ते बिहार भेजी जा रही थी, जहां इसकी मांग ज्यादा है और कीमत भी अधिक मिलती है। इस कार्रवाई से अवैध शराब के कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है। पुलिस आगे की जांच कर रही है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।