रांची में भीषण आग: दो दुकानें पूरी तरह जलकर खाक, शॉर्ट सर्किट की आशंका

चौक के पास रविवार तड़के एक बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। इस आग में बिल्डिंग की निचली मंजिल पर स्थित दो स्टेशनरी की दुकानें पूरी तरह से जलकर खाक हो गईं। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऊपरी मंजिल पर स्थित मकान को भी काफी नुकसान पहुंचा है।


आग सुबह करीब चार बजे लगी। बताया जा रहा है कि आग की लपटें इतनी तेज थीं कि देखते ही देखते पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। ऊपरी मंजिल पर सो रहे लोगों ने शोर सुनकर आनन-फानन में अपने घरों से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। अगर कुछ मिनटों की भी देरी होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को भी दुकानों से सामान बचाने का मौका नहीं मिला। आग के कारण बिल्डिंग के पास जाना भी मुश्किल हो गया था। इस घटना में बगल की इमारत को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है।
आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी ब्रह्मदेव प्रसाद ने बताया कि दमकल की चार गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं, लेकिन आग बुझाने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। घंटों की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
बिल्डिंग के मालिक ने बताया कि आग में उनका सब कुछ जलकर राख हो गया है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन लाखों रुपए का सामान जलकर बर्बाद हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

हजारीबाग में डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़

हजारीबाग पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों को गैरकानूनी तरीके से ‘डंकी रूट’ (Donkey Route) के माध्यम से अमेरिका भेजता था। इस गिरोह के मास्टरमाइंड उदय कुमार कुशवाहा सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उदय कुशवाहा, जो पिछले 45 सालों से अमेरिका में रह रहा था और उसके पास अमेरिकी नागरिकता भी है, वह इस पूरे रैकेट को चला रहा था।


कैसे होता था अवैध काम?


यह गिरोह लोगों को अमेरिका में नौकरी का लालच देकर ‘डंकी रूट’ के जरिए भेजता था और इसके बदले लाखों रुपये वसूलता था। यह मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित सोनू कुमार की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। सोनू को अमेरिका में अवैध रूप से रहने के आरोप में डिपोर्ट कर दिया गया था।
जांच में पता चला कि उदय ने सोनू को दिल्ली से ब्राजील भेजा, और वहाँ से उसे पेरू, कोलंबिया, पनामा होते हुए ग्वाटेमाला तक ले जाया गया। इस खतरनाक यात्रा के दौरान सोनू को 50 दिनों तक माफिया के कब्जे में रखा गया, जहाँ उसे सिर्फ एक समय का भोजन मिलता था और कंटेनर में छिपाकर रखा जाता था।


उदय ने सोनू की रिहाई के लिए उसके परिवार से 45 लाख रुपये की मांग की, जो परिवार ने चुका भी दिए। इसके बावजूद, सोनू को अमेरिका बॉर्डर पर गिरफ्तार करके डिटेंशन सेंटर में रखा गया और चार महीने बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया। भारत लौटने के बाद सोनू ने हजारीबाग पुलिस को लिखित शिकायत दी, जिसके बाद इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।


कौन-कौन हुए गिरफ्तार?


पुलिस ने उदय कुशवाहा के अलावा उसके चार साथियों – दर्शन प्रसाद, लालमोहन प्रसाद, चौहान प्रसाद और शंकर प्रसाद को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।


सोनू कुमार की आपबीती

सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम किया

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। कुचाई थाना क्षेत्र के मासीबेरा गांव के पास चलाए गए एक संयुक्त तलाशी अभियान में, सुरक्षाबलों ने करीब 60 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की।


पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के उग्रवादियों ने इस क्षेत्र में भारी मात्रा में विस्फोटक छिपा रखे हैं। इन विस्फोटकों का इस्तेमाल सालों पहले सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए किया जाना था।
इस सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत के निर्देश पर सरायकेला-खरसावां पुलिस, चाईबासा पुलिस, सीआरपीएफ (CRPF) और एसएसबी (SSB) की एक संयुक्त टीम बनाई गई। इस टीम ने गुरुवार को मासीबेरा गांव के जंगली और पहाड़ी इलाके में एक गहन तलाशी अभियान चलाया।
तलाशी के दौरान, टीम को एक नीले प्लास्टिक कंटेनर में 20 पैकेट अमोनियम नाइट्रेट (प्रत्येक 1 किलो) मिला। इसके अलावा, एक बड़े स्टील कंटेनर में पाउडर के रूप में और भी अमोनियम नाइट्रेट पाया गया। सुरक्षाबलों ने 10 पैकेट वैसिलीन पेट्रोलियम जैली (प्रत्येक 42 ग्राम) भी बरामद की, जिसका उपयोग विस्फोटकों की ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता है।
इन सभी विस्फोटक सामग्रियों को बम निरोधक दस्ते की मदद से मौके पर ही सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया गया।

झारखण्ड के शिक्षा मंत्री राम दास सोरेन बाथरूम में गिरे

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का आज सुबह बाथरूम में फिसलकर गिर जाने से उनके सिर और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि सिर में लगी चोट के कारण उनके ब्रेन में ब्लड क्लॉट हो गया है, जिससे उनकी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है।


हादसे के तुरंत बाद उन्हें जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद, उन्हें तत्काल एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया गया।


इस घटना की जानकारी झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी, और उन्होंने रामदास सोरेन के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। खबर मिलते ही कई बड़े नेता, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल थे, अस्पताल पहुंचे। अर्जुन मुंडा ने दिल्ली के अपोलो अस्पताल के निदेशक से बात कर इलाज की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के एक बड़े नेता और घाटशिला से विधायक रामदास सोरेन की नाजुक हालत को देखते हुए, उनके परिवार और समर्थकों में चिंता का माहौल है। सभी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।