सड़क सुरक्षा के लिए थाना प्रभारी का महत्वपूर्ण निर्देश: सगमा प्रखण्ड में सड़क किनारे न बांधें जानवर

गढ़वा जिले के अंतर्गत धुरकी थाना के थाना प्रभारी जनार्दन राउत ने सगमा प्रखण्ड में अंतर्गत स्थित सभी गांव के लोगों को रोड के किनारे पर जानवरों को न बांधने की हिदायत दे दी है। उनका यह निर्देश है कि यह सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से बनाया गया है।

सड़क के किनारे पर जानवरों को बांधने से कई प्रकार की भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जिससे सबसे पहले, इससे सड़क पर चलने वाले लोगों और वाहनों के आवाजाही प्रभावित होगी और खतरा बढ़ जाता है, खासकर यह रात के समय या जब वाहन उच्च गति से चल रहे होते हैं। तो यह अचानक से सड़क पर आने वाले जानवरों से टकराव के कारण होने का खतरा रहता है, जिससे दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं।

इसके अलावा, भी सड़क के किनारे पर जानवरों को बांधने से सड़क की चौड़ाई और कम हो जाती है, जिससे यातायात की गति और भी धीमी हो जाती है और जाम की स्थिति और भी उत्पन्न हो सकती है। इससे न केवल हमे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि यह आपातकालीन स्थिति और सेवाओं जैसे कि एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि विभिन्न प्रकार के सेवाएं में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

थाना प्रभारी जनार्दन राउत का निर्देश है कि न केवल सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे जानवरों की सुरक्षा भी को भी सुनिश्चित किया जा सकता है। सड़क के किनारे पर बंधे जानवरों को वाहन से टकराव से होने वाला खतरा की भी रोका जा सकता है, जिससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है नहीं तो वे घायल भी हो सकते हैं।

इस निर्देश के अनुपालन में सगमा प्रखण्ड के सभी लोगों से यह अपील की गई है कि वे अपने जानवरों को सड़क के किनारे बांधने के बजाय सुरक्षित स्थानों पर बांधें, जहां से वे सड़क पर न आ सकें। और आवाजाही पर पर कोई असर न पड़ें इसके लिए वे अपने खेतों या घरों के आसपास भी सुरक्षित स्थानों पर जानवरों को बांध सकते हैं।

सड़क सुरक्षा और यातायात के अंतर्गत नियमों के ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के द्वारा निरंतर प्रयासरत है। किया जा रहा है कि थाना प्रभारी जनार्दन राउत का यह निर्देश इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इससे न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी को ला सकता जा सकता है, बल्कि यह आम जनता की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सकता है।

सगमा प्रखण्ड के अंतर्गत सभी लोगों से अपील की गई है कि वे थाना प्रभारी के निर्देश का पालन करें और अपने जानवरों को सड़क के किनारे पर न बांधें। इससे न केवल सड़क सुरक्षा में सुधार लाया जा सकता है, बल्कि जानवरों को होने वाला हानि को भी सुनिश्चित किया जा सकता है ।

फ़ास्टैग धोखाधड़ी: साइबर ठगों से अपने पैसे और जानकारी को कैसे बचाएं

हाईवे पर कई ऐसे कैशलेस टोल कलेक्शन की भी सुविधा देने वाला FASTag अब आम जीवन में हमसफ़र करने में भी सफर का अहम हिस्सा बन चुका है। गाड़ी रोके बिना ही टोल देने की यह सुविधा जितनी सुविधाजनक है, उतनी ही यह दिन प्रतिदिन खतरनाक भी साबित होता जा रहा है। साइबर ठगों ने अब ठगी का इसे नया हथियार बना लिया है। फिशिंग लिंक, से फर्जी कस्टमर केयर और RFID क्लोनिंग जैसे कई ऐसे तरीकों से लोग बिना जाने-पहचाने ही जाल में फंस रहे हैं। इससे कई वाहन मालिक हैं जो बिना गलती किए भी अपना पैसा गंवा दे रहे हैं।

इसलिए हमें ‘साइबर लिटरेसी’ के कॉलम में हम बात करेंगे कि फास्टैग स्कैम क्या है?इनसे बचने के आसान उपाय क्या हो सकते हैं?एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, ने साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा

फास्टैग स्कैम क्या होता है?

इस स्कैम में आपसे फास्टैग से जुड़ी कई जानकारी या पैसे हड़प लेते हैं। इसके लिए वे फर्जी कॉल, या SMS, वेबसाइट या QR कोड का भी इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी इनके झांसे में आकर अपनी डिटेल शेयर कर देते हैं तो आप ठगी का शिकार हो जाते हैं आपका बैलेंस खाली कर सकते हैं या इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

फास्टैग से जुड़े कई साइबर फ्रॉड है जो कई तरह के होते हैं। ठग हमेशा नए नए तरीके अपनाते रहते हैं, लेकिन कुछ धोखाधड़ियां भी सबसे ज्यादा देखने को मिलती हैं। इन्हें समझ लेना ही जरूरी है, ताकि आप खुद को सुरक्षित अपने आप को सुरक्षित रख सकें।

फिशिंग SMS या ईमेल का उपयोग करके

यूजर के पास एक आम SMS आता है, जिसमें लिखा होता है कि आपका फास्टैग को ब्लॉक कर दिया गया है या एक्सपायर हो गया है। मैसेज में एक लिंक भी अटैच होता है, जिस पर आप क्लिक करते ही आप फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं, जहां से आपकी पर्सनल और बैंकिंग जानकारी भी चोरी हो सकती है।

फेक कस्टमर सपोर्ट करना

गूगल या फेसबुक पर कई नकली हेल्पलाइन नंबर से सर्च रिजल्ट में भी दिखते हैं। आपको इनपर पर कॉल करते हैं और सामने वाला आदमी आपको QR कोड स्कैन करवाकर पैसा ठग लेता है।

फर्जी फास्टैग बिक्री से

वॉट्सएप पर आपको कई कम रेट में फास्टैग देने का भी वादा किया करते है, लेकिन जब आप खरीदते हैं तो वह काम ही नहीं करता है या पहले से एक्टिवेटेड होता है।

फास्टैग स्कैम की पहचान आप कैसे कर सकते हैं?

आमतौर पर फास्टैग स्कैमर्स जल्दबाजी में ही आपको निर्णय लेने पर मजबूर करते रहते हैं। जैसे ‘आपका फास्टैग एक्सपायर हो चुका है’ या ‘आज ही अपडेट करें वरना आपका फास्ट्रैक ब्लॉक हो जाएगा।’ ऐसे मामलों से आपको सतर्क रहना बहुत ही जरूरी है।अगर कोई भी आपको SMS, कॉल या लिंक आपको UPI पिन, QR कोड स्कैन करने या फेक वेबसाइट पर जाने को कहे तो आपके साथ स्कैम हो सकता है। जो कुछ जरूरी संकेतों को पहचानकर आप खुद को भी बचा सकते हैं।

फास्टैग स्कैम से बचने के लिए आपको किन किन बातों का ध्यान रखें?

फास्टैग स्कैम से बचने के सबसे बड़ा तरीका यह है सतर्क रहना। थोड़ी-सी सावधानी आपके पैसे और आपकी जानकारी को भी सुरक्षित रख सकती है। अगर आप कुछ भी आसान नियमों का पालन करेंगे तो साइबर ठगों के जाल में फंसने से भी बच सकते हैं।

फास्टैग से जुड़ी जानकारी लीक होना भी खतरा है?

अगर किसी के पास भी आपके फास्टैग की ID, या गाड़ी का नंबर या उससे जुड़ा मोबाइल नंबर की जानकारी और गाड़ी का RC नंबर है तो वो उसका दुरुपयोग कर सकता है। इससे फर्जी रिचार्ज, या क्लोनिंग या डुप्लीकेट फास्टैग एक्टिवेशन जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ सकता हैं। इसलिए आपको अपनी फास्टैग से जुड़ी सभी जानकारी किसी से शेयर न करें और न ही SMS अलर्ट ऑन रखें।

अगर आप फास्टैग स्कैम का शिकार होने पर सबसे पहले आपको अपने बैंक या पेमेंट ऐप को कॉल करके ट्रांजैक्शन ब्लॉक करवा दें और पासवर्ड या UPI पिन को भी बदल दें। इसके अलावा भी साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करें। ये भारत सरकार की आधिकारिक साइबर रिपोर्टिंग साइट है। जो यहां से आपकी शिकायत सही सिस्टम तक पहुंचेगी। अगर स्कैम किसी भी फर्जी SMS, कॉल या वेबसाइट के जरिए हुआ है तो उसकी तुंरत डिटेल sancharsaathi.gov.in पर भी रिपोर्ट करें। यहां आप फर्जी नंबर, मैसेज और लिंक का सबूत भी दे सकते हैं। जितनी जल्दी हो आप रिपोर्ट करेंगे, पैसा रिकवर होने और स्कैमर तक पहुंचने की संभावना भी उतनी ही अधिक बढ़ जाएगी।क बैंक या कंपनी का फास्टैग सुरक्षित होता है?अगर आप बैंक और कंपनी की सुरक्षा अलग-अलग तरह से होती है। आमतौर पर सरकारी बैंक में और ऑथराइज्ड एप से ही लिया गया फास्टैग ज्यादा सुरक्षित और सही होता है, क्योंकि उनका कस्टमर केयर भरोसेमंद और सही डेटा सुरक्षा बेहतर बना होती है। इसलिए किसी अनजान वेबसाइट या एप से फास्टैग हमे नहीं खरीदना चाहिए।

अग्निवीर भर्ती 2025: झारखंड के युवाओं के लिए सुनहरा मौका, 22 अगस्त से शुरू होगी भर्ती रैली

Agniveer Recruitment 2025 में रांची के खेलगांव स्टेडियम में 22 अगस्त से ही शुरू हो रही अग्निवीर भर्ती रैली में झारखंड के अभी सभी युवाओं को सेना में शामिल होने का एक सुनहरा मौका है. यह रैली 4 सितंबर तक चलेगा और इसमें विभिन्न पदों पर बहाली की जायेगी. पूरी प्रक्रिया में पारदर्शी तरीके से रहेगी । यह झारखंड के सभी युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने का एक सुनहरा मौका है एक बार फिर सामने आए है. यह भर्ती सेना भर्ती कार्यालय, रांची की ओर से आयोजित किया गया है यह अग्निवीर भर्ती रैली 22 अगस्त से शुरू होकर 4 सितंबर 2025 तक चलेग यह भर्ती रांची के खेलगांव स्टेडियम में आयोजित की जायेगी. यह रैली झारखंड राज्य के मूल निवासियों के लिए है, जो सेना में सेवा करने का अपने में जज़्बा रखते हैं।

इस भर्ती रैली में अग्निवीर (सामान्य ड्यूटी), अग्निवीर (तकनीकी), अग्निवीर (क्लर्क/स्टोर कीपर तकनीकी), अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं पास) के लिए और अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं पास) के पदों पर चयन किया जायेगा. जो इसमें न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास रखी गई है.

होने वाले रैली में सुविधाएं और सावधानियां

आपको भर्ती स्थल पर सुबह 4 बजे से ही सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेंगी. जिसमें सभी अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल कवर, और एंबुलेंस सुविधा, ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंधन के साथ-साथ ही विश्राम क्षेत्र और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी रखी गई है। इसमें एडमिट कार्ड के बिना किसी भी अभ्यर्थी को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जायेगी ।

जो अभ्यर्थी ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (CEE) पास कर चुके हैं, उन्हें एडमिट कार्ड उनको उनके ईमेल पर भेजा जा चुका है. इसके अलावा भी अभ्यर्थी www.joinindianarmy.nic.in वेबसाइट पर जाकर भी अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.

समस्या होने पर कहां करें संपर्क?

अगर किसी भी अभ्यर्थी को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में कोई कठिनाई हो रही है, तो वे सेना भर्ती कार्यालय, रांची में (मेन रोड, ओवरब्रिज के पास) में ही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक संपर्क कर सकते हैं.

भर्ती में होगी पारदर्शी, दलालों से रहें दूर

सेना भर्ती निदेशक ने कर्नल विकास भोला ने भी कहा कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शी होगी. किसी भी फर्जी व्यक्ति या दलाल के झांसे में आप न आयें. चयन केवल यह चयन योग्यता और शारीरिक क्षमता के आधार पर होगा. सभी अभ्यर्थी अपने साथ ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र, निवास, जाति प्रमाण पत्र और अन्य भी जरूरी दस्तावेज साथ लेकर आयें.

झारखंड में 22 अगस्त तक बारिश का पूर्वानुमान: गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा की संभावना

मौसम विभाग के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के विभिन्न हिस्सों में अगले कुछ ही दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश होने का पूर्वानुमान को जारी किया गया है। विभाग के अनुसार बताया जा रहा है कि 22 अगस्त तक राज्य के अलग-अलग विभिन्न हिस्सों में मानसून सक्रिय बना रहेगा। 17 और 18 अगस्त को राज्य के कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की बारिश के मध्यम दर्जे की हो सकती है।

वहीं 19 अगस्त को दक्षिणी व मध्य भाग में कई स्थानों पर भी भारी वर्षा की पूर्व अनुमान होने की संभावना है। साथ ही राज्य में कहीं-कहीं तेज गर्जन और आकाशीय बिजली के साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार के साथ ही तेज हवाएं भी चल सकती हैं। 20 अगस्त को भी मौसम विभाग ने कई स्थानों पर भी गरज-चमक और तेज हवाओं की चेतावनी जारी किया था । वहीं 21 और 22 अगस्त को भी अधिकांश स्थानों पर गर्जन के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की भी संभावना है।

बीते बीते 24 घंटे में रांची में 27.4 मिमी बारिश हुआ

बीते 24 घंटे के दौरान रांची में 27.4 मिमी, जमशेदपुर में 33.1 मिमी, धनबाद में 37.4 मिमी, बोकारो-पतरातू में 32.5 मिमी, गिरिडीह में 31.1 मिमी और देवघर में 37.3 मिमी बारिश भी दर्ज की गई। इस दौरान रांची के अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज भी किया गया।

मौसम विभाग के अनुसार लोगों को सतर्क रहने और वज्रपात के साथ ही समय सुरक्षित स्थान पर जाने की भी सलाह दी गई है। किसानों को भी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी को बरतने की भी हिदायत दी गई है।

लो प्रेशर एरिया की वजह से बारिश हो रही है

मौसम विभाग ने बताया कि फिलहाल दक्षिण ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के पास बने लो-प्रेशर का प्रभाव झारखंड में भी साफ़ देखने को मिल रहा है। यह प्रणाली धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ते हुए 18 अगस्त तक गुजरात तक पहुंच जाने की संभावना हो सकती है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में 18 अगस्त को एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की भी संभावना व्यक्त की गई है।

तापमान की बात करें तो बीते कुछ 24 घंटे में ही गोड्डा का अधिकतम तापमान 37.3 डिग्री सेल्सियस के साथ और लोहरदगा का न्यूनतम तापमान 20.7 डिग्री सेल्सियस के साथ दर्ज किया गया। विभाग के अनुसार राज्य में अगले 2-3 दिनों तक कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।

अगले पांच दिन तक अधिकतम तापमान गिरेगा

झारखंड में अगले पांच दिनों तक अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है । मौसम विभाग के केंद्र रांची के अनुसार 20 अगस्त तक राज्य के सभी हिस्सों में भी अधिकतम तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री कम रहने की भी संभावना व्यक्त की जा सकती है।

पूर्वानुमान के मुताबिक रांची और गुमला का तापमान जहां 29 डिग्री तक  स्थिर रहेगा, वहीं लोहरदगा और लातेहार में यह 30 से 29 डिग्री तक भी घटेगा। सबसे कम न्यूनतम तापमान रामगढ़ और हजारीबाग में 21 डिग्री तक पहुंचने होने की संभावना है।

राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में भी तापमान में भरी गिरावट के साथ बारिश का असर और स्पष्ट रूप से दिख रहा है । वहीं, दक्षिणी में झारखंड के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम में भी और सरायकेला में भी तापमान 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहने की संभावना है।

स्वतंत्रता दिवस 2025 पर: प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी घोषणाएं, युवाओं और MSMEs को मिलेगा फायदा

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2025 के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के साथ रोजगार, जीएसटी में भी सुधार होगा, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने की ये बड़ी घोषणाएं

भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक शुभ अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली के लाल किले से कई महत्वपूर्ण और प्राचीर देश को संबोधित करते हुए भारत देश को एक नई दिशा और उम्मीद की नई किरण दिखाई। उनका यह संबोधन में केवल एक पारंपरिक भाषण ही नहीं था, बल्कि यह भारत के भविष्य की नींव रखने में वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था। इस साल के स्वतंत्रता दिवस का मुख्य फोकस यह था कि सभी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और जीएसटी प्रणाली को सरल और सहज एम् प्रभावी बनाना था। प्रधानमंत्री के द्वारा अपने दिए भाषण में इन दो प्रमुख क्षेत्रों के कई महत्वपूर्ण और दूरगामी परिणामों के और कई घोषणाएं कीं, जिनका उद्देश्य भारत के युवाओं को एक नई किरण की विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना था।

युवाओं के रोजगार के नए अवसर प्रदान करना

प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिए अपने संबोधन में यह बात भी कहा कि भारत की युवा शक्ति ही इस देश की सबसे बड़ी पूंजी का कार्य करता है। आज के समय में इस युवा ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध रूप से कार्य कर रहा है। इसी दिशा में, उन्होंने एक महत्वाकांक्षी योजना, के रूप में ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (PM-VBRY) की शुरुआत की घोषणा करना है । यह योजना सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि यह देश के करोड़ों युवाओं के लिए सपनों को साकार करने का एक जरिया है।

इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक नई पहल के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का कार्य एक बड़ा बजट आवंटित करने के लिए है। इस फंड का मुख्य लक्ष्य और पहल पर अगले दो वर्षों से 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना था । यह राशि न केवल सरकारी योजना तहत क्षेत्रों में बल्कि निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के सृजन को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से यह बात का उल्लेख किया है कि इस योजना में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, सेवा क्षेत्र और स्टार्टअप्स का प्राथमिकता दी जाएगी।

सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक बात यह थी कि इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी पाने वाले लोगों को युवाओं को सरकार की ओर से 15,000 रुपये का विशेष प्रोत्साहन का राशि दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन राशि दो अलग अलग किस्तों में दी जाएगी – पहली किस्त में छह महीने की नौकरी पूरी होने पर इस मामले में और दूसरी किस्त एक साल की नौकरी पूरी होने पर। यह कदम का उद्देश्य युवाओं को शुरुआती चरण में ही वित्तीय सहायता राशि प्रदान करना है ताकि वे बिना किसी दबाव के ही अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

इसके अलावा, भी सरकार ने उन सभी कंपनियों को भी प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा जो अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके लिए उन्हें विशेष सब्सिडी दी गई और टैक्स में भी छूट दी जाएगी। यह कदम निजी स्थानों में भी क्षेत्र को भी रोजगार सृजन में भागीदार बनाया गया है , जिससे एक समावेशी विकास का कार्य कर सके और माहौल बनेगा।प्रधानमंत्री ने यह बात भी कहा कि ‘स्किल इंडिया’ मिशन के तहत भी ‘रोजगार इंडिया’ मिशन के तहत भी साथ जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि युवाओं को ऐसे कौशल और प्रशिक्षण दिए गए जिनकी बाजार में वास्तव में भी मांग है। नई प्रशिक्षण के दौरान शिक्षा नीति के साथ मिलकर यह पहल महत्वपूर्ण बात युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगी।

जीएसटी को ऐतिहासिक सुधार करना है

युवाओं के लिए रोजगार की नए मामले आ गया घोषणाओं के साथ-साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी (GST) प्रणाली में बड़े सुधारों की भी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि जीएसटी का उद्देश्य ‘एक राष्ट्र को सभी लोग को एक करना है और इसे और अधिक प्रभावी तरीके से बनाने के लिए ‘नेक्स्ट-जेनरेशन’ सुधारों को भी लागू किया जाना था।जीएसटी में सुधार का मुख्य लक्ष्य रखा गया है आम आदमी पर टैक्स पर बोझ को कम करना है और छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)में सीमांत लाभ पहुंचाना है। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की ये सुधार इस साल की योजना पर दिवाली तक लागू कर दिया जाएगा ।

इन सुधारों के तहत, सभी लोग को रोजमर्रा के दौरान इस्तेमाल की गई वस्तुओं पर टैक्स पर भी की गए दरों को भी कम कर दिया जाएगा। इससे दाल, चावल, तेल, मसाले, साबुन जैसी सभी लोग मौजूद आवश्यकता की भी सभी वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे आम लोगों के जीवन पर सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम महंगाई को भी नियंत्रित करने में भी मदद गार साबित हो सकता है।

इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने भी जीएसटी को सरल और सहज बनाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव में जीएसटी के वर्तमान टैक्स स्लैब को सरल और सहज रूप से कम और प्रभावी रूप से बनाने की बात कही गई है। वर्तमान में जीएसटी में कई टैक्स स्लैब बताया गया हैं, जिनसे सभी लोगों पर व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए भ्रम की स्थिति को पैदा करती है। नए सुधारों में दो-टियर टैक्स स्लैब (standard and merit) लागू करने का सुझाव कर दिया गया है। इसमें कुछ चुनिंदा वस्तुओं को भी लिए ही विशेष रूप से दरें होंगी। यह कदम न केवल व्यापार को आसान बनाएगा, न आम आदमी को बल्कि पारदर्शिता भी लाएगा।छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs)के लोगों को राहत देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। उनके लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर फाइलिंग की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सहज बनाया जाएगा। साथ ही, उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का भी आसानी से लाभ मिल सके, इस प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जाएगा।

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का हुआ निधन

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दिल्ली के ओपोलो अस्पताल में लिए अंतिम सांस । सिर में गंभीर चोट की वजह से वो दो अगस्त से ही इलाज करा रहे थे। वह दो अगस्त को शनिवार के तड़के घोड़ाबांधा स्थित आवास में बाथरूम में फिसलकर गिर जाने के कारण सिर में चोट लग गया था। इससे उनके सिर में गंभीर चोट आ गया था । उन्हें एयरलिफ्ट करके दिल्ली इलाज के लिए ले जाया गया था । वहां उनको अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अपोलो अस्पताल में उनकी हालत बहुत गंभीर बनी हुई थी।

परिजनों के मुताबिक से वे दो अगस्त को मॉर्निंग वॉक पर जाने के लिए सुबह 4:30 बजे ही उठे हुए थे । बाथरूम गए, जहां यह घटना हो गया। परिवार के लोग उन्हें तुरंत लेकर तत्काल टाटा मोटर्स अस्पताल में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद ही स्थिति को गंभीर बताया। उनके ब्रेन में ब्लड बहुत क्लॉट हो गया था।

फिर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली में इलाज के लिए ले जाने का फैसला लिया गया। सुबह 9:30 बजे सोनारी एयरपोर्ट से एयर एंबुलेंस से उन्हें दिल्ली इलाज कराने के लिए ले जाया गया। वहां अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रहे थे ।

जेएमएम के बड़े नेताओं में एक रामदास जी थे

रामदास सोरेन झामुमो के बड़े नेताओं में से एक नेता थे । वर्तमान में घाटशिला से विधायक भी रह चुके हैं। चंपाई सोरेन जी के भाजपा में शामिल होने पर ही हेमंत सोरेन जी ने अपने पिछले मंत्रिमंडल में ही उन्हें कोल्हान के बड़े नेता के रूप ही में प्रोजेक्ट करते हुए ही मंत्री बनाया था। 2024 के चुनावी नतीजों के बाद ही उन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया था।

गढ़वा में सेफ्टी टैंक में दम घुटने से चार लोगों की हुई मौत

गढ़वा में शुक्रवार को सेप्टिक टैंक के शटरिंग खोलने के दौरान दम घुटने से चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना जिला मुख्यालय के सटे नवादा बाजार से सटे गांव से आ रही है । मृतकों में तीन सगे भाई एक ही घर से शामिल है। चारों भाई एक-एक कर टैंक के अंदर घुसे ही थे इसी के दौरान उनलोगों का मौके पर ही जान चली गई।

मृतकों की पहचान नवादा गांव के अंतर्गत निवासी मोती चौधरी के तीन पुत्र अजय चौधरी (50), चंद्रशेखर चौधरी (42), एवं राजू शेखर चौधरी (55) के रूप में एक ही गांव के मल्टू राम के रूप में है। तीनों भाई अपने नए घर का निर्माण करा रहे थे और उसमें नया सेप्टिक टैंक बनाया जा रहा था। उसके शटरिंग को खोलने के दौरान यह घटना हो गया ।

एक-एक करके चारों टैंक के अंदर फंस गए

अजय चौधरी और फिर चंद्रशेखर चौधरी भी एक-एक कर टैंक में अंदर गए थे , लेकिन चारों ही अंदर ही फंस गए। पास खड़े ग्रामीणों को जब यह बात की जानकारी मिली तो यह समझ आया कि चारों अंदर से नहीं लौट रहे हैं, तो उन्होंने शोर मचाकर गांव के आसपास के लोगों को तुरन्त बुलाया। इसके बाद ग्रामीणों ने कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला और गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

टैंक के अंदर जहरीली गैस के कारण दम घुटने की आशंका

अस्पताल के डॉक्टर ने चारों लोगों को मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) संजय कुमार, एसडीपीओ नीरज कुमार और गढ़वा थाना प्रभारी बृज कुमार पुलिस बल के साथ अस्पताल में पहुंचे और घटना की तुरंत जानकारी ली। इसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए आगे भेज दिया।

रमना के सीओ ने किया कई दुकानों का निरीक्षण

रमना प्रखंड के मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में डीएपी और यूरिया खाद की कालाबजारी को कम करने के लिए और महंगे दाम पर बिक्री का लगातार मिल रहा शिकायतों पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया। सीओ विकास पांडेय और थाना प्रभारी आकाश कुमार ने अपने दल-बल के साथ कई खाद दुकानों का निरीक्षण कर व्यवस्था का पूरी तरह से जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने दुकानदारों को चेतावनी भी दी कि निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर खाद बेचने या किसानों से जबरन अधिक दाम लेने की शर्त थोपने वालों दुकानदारों को पकड़े जाने पर बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे में दोषी पाए गए दुकानदारों का लाइसेंस को भी रद्द कर दिया जाएगा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। अधिकारियों ने मौके पर कई किसानों से भी अपील किया है कि यदि कहीं भी खाद की कालाबजारी, और दम से अधिक मूल्य पर बिक्री या अनियमित आपूर्ति हो रही है, तो इसकी सूचना तुरंत ही तत्काल प्रखंड प्रशासन या थाना प्रभारी को दें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि शिकायत मिलने पर उन्हें खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जामताड़ा में साइबर ठगी का हुआ भंडाफोड़

जामताड़ा में साइबर पुलिस ने कर्माटांड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत जसायडीह स्थित पलास जंगल में दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रद्युम कापड़ी और मिथुन कापड़ी नाम के इन दोनो अपराधियों के पास से 1 लाख 37 हजार 500 रुपए नगद बरामद किया गया हैं।

मुख्यालय डीएसपी संजय कुमार सिंह ने बताया कि जामताड़ा साइबर थाना क्षेत्र में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई। पुलिस ने दोनों अपराधियों से 6 मोबाइल फोन, और 6 सिम कार्ड और 2 मोटरसाइकिलें भी बरामद किया हैं।

मोबाइल फोन को हैक कर लेते थे

डीएसपी के बताए अनुसार, ये सभी अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन किया करते थे। वे क्रेडिट या डेबिट कार्ड बंद होने का भी झांसा देकर लोगों के मोबाइल फोन को हैक कर लिया करते थे। इसके बाद उनके खातों से पैसे भी निकाल लेते थे।

दोनों अपराधी मुख्य रूप से बिहार के रहने वाले है , पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोगों को अपना निशाना अक्सर बनाया करते थे। पूछताछ में पता चला कि यह उन्होंने अन्य साइबर अपराधियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। पुलिस इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई जारी रखा है।

दिसोम गुरु शिबू सोरेन जी का सड़कों का दर्द

नेमरा गांव में दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन के बाद तुरंत बाद ही उनकी याद में जो बन रही सड़कों को लेकर भावनाएं व्यक्त की गई हैं, वह झारखंड के विकास की के बहुत ही कड़वी और निन्दिये सच्चाई को दर्शाती हैं। यह एक ऐसी घटना का सबूत है, कि जो दिखाती है कि कैसे हमारे नेताओं के जीवन से लेकर और मृत्यु तक दोनों ही हमारे समाज में बदलाव लाने का जरिया बनता जा रहा हैं। यह बेहद दुखद ही बात है कि नेमरा के लोग यह सोच रहे हैं कि अगर शिबू सोरेन जी जब तक जीवित होते, तब तक शायद यह सड़क कभी नहीं बन पाती । यह भावना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं दर्शाता है , बल्कि उन लाखों लोगों की प्रेरणा है, जो सालों से बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं।

यह सच बात है कि जब कोई बड़ा नेता हमारे बीच से चला जाता है, तो उसके सम्मान में ब कुछ बड़ा किया जाता है। सड़कों का निर्माण, स्मारकों का निर्माण, और विभिन्न योजनाओं का नामकरण—यह सब स्वाभाविक है। लेकिन क्या यह सही है कि यह सब कुछ उनके जाने के बाद ही हो सकता हैं? क्या उनके जीवित रहते हुए, उनके सम्मान में, और उनके लोगों के लिए यह सब नहीं किया जा सकता था? नेमरा में बिना टेंडर और बिना ही किसी अनुशंसा के सड़क का निर्माण का कार्य शुरू हो गया , यह दर्शाता है कि अगर सरकार चाहे, तो कोई भी कार्य को बहुत तेजी से हो सकता है।

झारखंड के विकास का सच

झारखंड, जिसे हम “सोना झारखंड” कहते हैं, उसकी एक और कड़वी सच्चाई यह भी है। यहां विकास की गति सीमा धीमी है, और इसका सबसे बड़ा कारण है यह भी है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की अभी भी कही न कहीं कमी है। नेमरा में जो हुआ, वह दिखाता है कि अगर सरकार की नीयत साफ और सरल हो, तो नियमों को ताक पर रखकर भी कोई भी काम को कराया जा सकता है। लेकिन यह क्यों सिर्फ एक विशेष परिस्थिति में ही हो सकता है? क्यों पूरे झारखंड में ऐसी ही तत्परता नहीं दिखाई जाती?

झारखंड के लाखों गांव आज भी कच्ची सड़कों, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह गए हैं। ऐसे में जब नेमरा में भोज कर्म के लिए अतिथियों के आने के कारण बना दस दिन के अंदर ही सड़क का कार्य शुरू कर दिया गया , तो यह सवाल उठना लाजिमी ही बनता है कि क्या हमारे नेताओं के जीवन से ज्यादा उनकी मृत्यु ही महत्वपूर्ण होती जा रही है? क्या यह सच है कि किसी भी बड़े काम के लिए किसी नेता के जाने का इंतजार करना पड़ता है ?

नेमरा में सड़क का बनना अच्छा है, लेकिन यह जिस तरह से यह हुआ, वह कई सवाल को भी खड़े करता है। गांव में जहां सड़क बन रही है, वहीं दूसरी तरफ गोतिया के घर के अंदर पानी से भरे हुए हैं। यह विसंगति विकास के मॉडल पर सवाल को उठाती है। क्या यह सही है कि एक तरफ तो सड़क बन जाए, और दूसरी तरफ एक ही गांव के लोग पानी में डूब रहे हों? यह दिखाता है कि विकास का मतलब सिर्फ सड़क ही बना देना नहीं होता है, बल्कि यह देखना भी होता हैं कि यह विकास सभी तक पहुंच रहा है कि नहीं ।