झारखंड के पलामू में स्वास्थ्य व्यवस्था की चौंकाने वाली हकीकत: खाट पर जान जोखिम में डालकर नदी पार कराई गई गर्भवती महिला 2025

झारखंड के पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए, ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर बाढ़ के पानी से भरी नदी पार करवानी पड़ी।

यह घटना राजखाड़ अंबेडकर नगर की है। जब गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ी, तो एम्बुलेंस या किसी भी सरकारी वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। बार-बार मदद के लिए गुहार लगाने के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग से कोई सहायता नहीं मिली। इसके बाद, गांव के लोगों ने मिलकर एक खाट को स्ट्रेचर की तरह इस्तेमाल किया। उन्होंने महिला को उस पर लिटाया और कंधे से उठाकर तेज बहाव वाले नदी के पानी से होकर पैदल ही पार कराया।

नदी पार कराने के बाद भी उनकी मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। आगे का रास्ता खराब और कीचड़ से भरा हुआ था। अंततः, ग्रामीणों को अपने निजी खर्च पर एक वाहन का इंतजाम करना पड़ा, जिससे वे महिला को अस्पताल तक पहुंचा सके।

इस मामले पर गांव के अवधेश राम ने बताया कि उन्होंने एम्बुलेंस के लिए अधिकारियों को कई बार फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि “हम लोगों ने जान जोखिम में डालकर चंपा देवी को नदी पार कराया, लेकिन इसके बाद भी हमें कोई सरकारी मदद नहीं मिली। एम्बुलेंस की सुविधा तक नहीं मिली।”

यह घटना दर्शाती है कि झारखंड के सुदूर इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएँ और बुनियादी ढाँचा कितना कमजोर है। पुलों और एम्बुलेंस जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी की वजह से लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है।

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झारखंड में खनन परियोजनाओं की चुनौती: वन भूमि और क्षतिपूर्ति वानरोपण का संकट

झारखंड में खनन परियोजनाओं के विस्तार के साथ ही क्षतिपूर्ति वानरोपण एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। राज्य में 27 प्रस्तावित कोयला परियोजनाओं के लिए लगभग 10,000 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग करना होगा। नियमों के अनुसार, कंपनियों को इसके बदले में दोगुनी यानी लगभग 20,000 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण करना अनिवार्य होगा।

भूमि की कमी

राज्य सरकार को चिंता है कि यदि सरकारी भूमि इसी तरह खर्च होती रही, तो भविष्य में विकास योजनाओं के लिए जमीन की कमी हो जाएगी। झारखंड में 29% से अधिक भूमि वन क्षेत्र है, और हर नई परियोजना वन क्षेत्र को प्रभावित करती है। सीमित भूमि उपलब्धता के कारण दोगुनी भूमि पर वन रोपण करना मुश्किल हो रहा है।

वन भूमि का उपयोग और क्षतिपूर्ति वानरोपण: झारखंड सरकार की चिंता

झारखंड में विकास और वन संरक्षण के बीच संतुलन की चुनौती

झारखंड में वन भूमि और विकास योजनाओं के बीच संघर्ष: समाधान की तलाश

समाधान की तलाश

ज्य सरकार ने केंद्र सरकार से नीति में बदलाव की सिफारिश की है। अब देखना होगा कि केंद्र और राज्य मिलकर इस जटिल मुद्दे का समाधान कैसे निकालते हैं। इस मुद्दे का समाधान निकालने से न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि विकास योजनाओं को भी गति मिलेगी।

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रांची पुलिस मुख्यालय के डाटा सेंटर में लगी भीषण आग, 13 से अधिक कंप्यूटर खाक

झारखंड पुलिस मुख्यालय के धुर्वा स्थित डाटा सेंटर में सोमवार रात को अचानक आग लग गई, जिसके कारण मुख्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आग से हुए नुकसान की जानकारी मिली है, जिसमें 13 से अधिक कंप्यूटर जलकर खाक हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस मुख्यालय के गार्डों ने फायर ब्रिगेड को बुलाया और आग पर काबू पाया गया।

आग लगने का कारण

मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस मुख्यालय के डेवलपमेंट सेंटर में वेबसाइट से जुड़े कई महत्वपूर्ण काम किए जाते थे। इसी सेंटर में आग लगने से 13 से ज्यादा कंप्यूटर नष्ट हो गए। इस सेंटर में प्राइवेट कर्मचारियों के अलावा वायरलेस विभाग के पुलिसकर्मी भी काम करते हैं, लेकिन रात के समय उनकी ड्यूटी नहीं होती है। आग लगने के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।

धुर्वा पुलिस मुख्यालय के डाटा सेंटर में आग से हड़कंप, करोड़ों का नुकसान

झारखंड पुलिस मुख्यालय के डाटा सेंटर में आग, जांच के आदेश

रांची पुलिस मुख्यालय में लगी आग: वेबसाइट डेवलपमेंट से जुड़े 13 कंप्यूटर जलकर राख

पुलिस मुख्यालय के डाटा सेंटर में आग: क्या था वजह और क्या-क्या हुआ नुकसान?

क्या-क्या हुआ नुकसान?

पुलिस प्रवक्ता माइकल राज ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और अभी हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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गढ़वा में आकाशीय बिजली का कहर: बकरी चरा रहे शख्स की पाँच बकरियों की मौत

गढ़वा, झारखंड। गढ़वा जिले के धुरकी थाना क्षेत्र के सोनडीहा गांव में सोमवार को आकाशीय बिजली गिरने से एक चरवाहे की पाँच बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में हड़कंप मच गया।

हादसा उस समय हुआ जब सोनडीहा गांव निवासी एक शख्स अपनी बकरियां चरा रहा था। अचानक मौसम बिगड़ा और तेज गर्जना के साथ बिजली गिरी। बिजली की चपेट में आने से उसकी पाँच बकरियों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।

सोनडीहा गांव में वज्रपात का कहर, बिजली गिरने से पांच बकरियों ने तोड़ा दम

बकरी चराते वक्त गिरी बिजली, एक शख्स की पांच बकरियां मौके पर मरीं

बकरियों पर मौत बनकर गिरी बिजली, चरवाहे को नहीं आई खरोंच

गनीमत रही! गढ़वा में बिजली गिरने से बकरियों की मौत, चरवाहा सुरक्षित

गनीमत रही कि बकरियां चरा रहे व्यक्ति को इस दौरान कोई चोट नहीं आई और वह पूरी तरह से सुरक्षित है। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग इस बात से हैरान हैं कि चरवाहा कैसे बच गया।

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झारखंड की जनगणना में सरना धर्मकोड को मिलेगा स्थान? सरकार ने शुरू की तैयारी

झारखंड सरकार ने आने वाली जनगणना के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। एक बड़ी खबर यह है कि इस बार जनगणना में सरना धर्मकोड को शामिल करने की सिफारिश की जा सकती है। इसके लिए, राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार विभाग ने एक प्रस्ताव भी तैयार किया है, जिसे अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस लंबे समय से सरना धर्मकोड को मान्यता देने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पास होकर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है।

केंद्र सरकार ने 26 जून को 2026 की जनगणना के लिए एक राजपत्र जारी किया था, जिसके बाद अब झारखंड सरकार भी जनगणना की तैयारियों में जुट गई है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार 31 जुलाई तक जनगणना से जुड़ी अधिसूचना जारी कर सकती है।

जनगणना की संभावित समय-सारणी इस प्रकार है:

अगस्त 2025: जनगणना से जुड़े कर्मियों का पहला प्री-टेस्ट लिया जाएगा।

नवंबर 2025 से जनवरी 2026: मास्टर ट्रेनर और फील्ड ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

जनवरी 2026: जनगणना में पूछे जाने वाले सवालों की जानकारी दी जाएगी।

फरवरी 2026: जनगणना कर्मियों की भर्ती शुरू होगी।

अप्रैल से सितंबर 2026: घरों का चयन और फील्ड वर्क का काम किया जाएगा।

दिसंबर 2026: जनगणना अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

मार्च 2027: देशभर में जनगणना का काम शुरू होगा।

हेमंत सोरेन ने झारखंड के सहायक पुलिसकर्मियों को दी बड़ी राहत, अब 8 साल की जगह 9 साल होगी सेवा

झारखंड के सहायक पुलिस कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक खुशखबरी जारी किया जा रहा है जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि जितने भी राज्य में सहायक पुलिसकर्मी है जिसमें झारखंड राज्य के सभी सहायक पुलिसकर्मियों को 8 साल के अनुबंध पर रखा गया था इसके बाद अब उसे 1 साल और बढ़ा दिया गया है जो झारखंड राज्य के सभी पुलिसकर्मियों के लिए एक सुदृढ़ और कानूनी व्यवस्था को बोल देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता रहा है।

कैबिनेट की मंजूरी

इसके लिए राज के आपदा प्रबंधन विभाग एवं गृह कारागार को नोटिस भेजा गया है ताकि इसके लिए स्वीकृति मिल सके तकिया औपचारिक रूप से लागू हो सके जिसके अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी शहर पुलिस कर्मियों को 1 साल का अनुबंध पर रखा गया है जिसके बाद आपदा प्रबंधन एवं गृह कर विभाग को किसके खिलाफ आदेश मांगा है।

इसके लिए राज के आपदा प्रबंधन विभाग एवं गृह कारागार को नोटिस भेजा गया है ताकि इसके लिए स्वीकृति मिल सके तकिया औपचारिक रूप से लागू हो सके जिसके अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी शहर पुलिस कर्मियों को 1 साल का अनुबंध पर रखा गया है जिसके बाद आपदा प्रबंधन एवं गृह कर विभाग को किसके खिलाफ आदेश मांगा है।

अवैध सम्बन्ध के शक को लेकर पति ने किया पत्नी की आत्म हत्या

झारखण्ड के पाकुड़ जिले के थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक अजीबो गरीब घटना सामने आई है बताया जा रहा है कि 6 सितंबर उसके पति को ही गिरफ्तार कर लिया मृतक लड़की का नाम मुन्नी हेमराम्ब के राम किया गया है वही पाकुड़ के जिले के sp ने बताया कि यह शव एक नदी के किनारे मिला जिसके बाद पुलिस के टीम ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दिया।

जांच में क्या मिला

बताया जा रहा है कि पुलिस के टीम को जांच के दौरान पता चला कि रतन पश्चिम बंगाल का कबाड़ी में काम करता था जिसमें पता चला कि उसको करीब 8 महीने पहले ही मुलाकात हुआ था जिसके बाद उसने शादी कर लिए और दिल्ली चले गई जिसके बाद रतन को मुन्नी के ऊपर शक हुआ कि इसका अवैध संबंध का शक हुआ जिसके बाद उसके ऊपर शक हुआ और वे दोनों वापस लौट रहते थे जिसके पश्चात दोनों में झगड़ा हो गया जिसमें रतन ने उसकी हत्या करके नदी के किनारे पर फेक दिया।

​गढ़वा, झारखंड के 3190 सरकारी शिक्षकों का वेतन विवाद

झारखंड के गढ़वा जिला के अंतर्गत सरकारी विद्यालय में कार्य सभी 3190 सरकारी पिछले बीते 1 वर्ष से अपने वेतन में 1000 की बढ़ोतरी के लिए इंतजार कर रहे हैं इस घटना को लेकर सहायक शिक्षकों ने बताया कि साक्षरता विभाग के तत्कालीन मंत्री बैजनाथ राम ने अध्यापकों के संगठन के बैठक मैं 2024 का अंतिम सप्ताह में शिक्षकों के ₹1000 वेतन में बढ़ोतरी की बात बोली थी और ऐप की भी सहमति बनी थी इसके बाद शिक्षकों को नवंबर 2024 में ऐप का लाभ तो मिलना शुरू हो गया लेकिन उनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुआ इससे सहायक अध्यापक को लगा था कि उनका अब 1000 रुपए उनके वेतन में बढ़ेगा लेकिन महजूदा सरकार उनके ऊपर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

सरकार की रवैया

सरकार के रवैया के कारण पैसा में कोई भी बढ़ोतरी नहीं हो पाया है सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के गढ़वा प्रखंड अध्यक्ष अखिलेश कुशवाहा ने कहा कि गढ़वा जिला में 3190 सहायक अध्यापक कार्यरत हैं।

बताया जा रहा है कि एसपीडी शशि रंजन ने कहा है कि जो भी शिक्षक पहली से पांचवीं और जो अगर छठी से आठवीं के टेट पास किए हैं तो उन्हें पहली से पांचवीं तक के प्रशिक्षित का ही मानदेय भुगतान किया जाएगा। और वहीं, छठी से आठवीं के शिक्षक जो अगर पहली से पांचवीं में टेट पास किए हैं, तो उन्हें छठी से आठवीं के प्रशिक्षित का ही मानदेय रासी का भुगतान किया जाएगा।

जो भी शिक्षक पहली से पांचवीं के पारा शिक्षकों को 18,815 रुपए मिलना है और छठी से आठवीं के पारा शिक्षकों को 20,384 रुपए मिलता है वही सहायक शिक्षकों को ईपीएफ के 1800 रुपए मानदेय वेतन में सेकाट कर दिया जाता है पास सहायक अध्यापक को 23400 रुपए मानदेय मिलता है। आकलन पास सहायक अध्यापक को 19988 रुपए वेतन मिलता है। प्रशिक्षित सहायक अध्यापक को 18584 रुपए वेतन मिलता है। अप्रशिक्षित सहायक अध्यापक को वर्तमान वेतनमान 11500 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है। इस घटना को लेकर सभी शिक्षक नाराज है हड़ताल करने पर मजबूर हो रहे हैं इस घटना को लेकर नहीं वर्तमान की सरकार कुछ बोल रही है नहीं विपक्ष की कुछ कोई पार्टी कुछ मुद्दा उठा रहे है ।

झारखंड में बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण और विस्तार: 2034-35 तक 24×7 बिजली का लक्ष्य

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार बिजली के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठा रही है। इसका मकसद राज्य के हर कोने, खासकर दूर-दराज के गाँवों तक, बिना रुकावट के बिजली पहुँचाना है।

प्रमुख योजनाएं और लक्ष्य

ग्रिडों का विस्तार: वर्तमान में राज्य में 57 ग्रिड हैं। सरकार नए ग्रिड स्टेशन स्थापित करके इस नेटवर्क का विस्तार कर रही है ताकि बिजली आपूर्ति को और भी मजबूत किया जा सके।

ट्रांसमिशन नेटवर्क को अपग्रेड करना: ऊर्जा क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए, सरकार ट्रांसमिशन लाइनों और उपकरणों को आधुनिक बना रही है। इससे बिजली की बर्बादी कम होगी और बिजली सभी तक सही वोल्टेज पर पहुंचेगी।

24×7 बिजली का वादा: इस पूरे प्रयास का अंतिम लक्ष्य वर्ष 2034-35 तक झारखंड के हर गाँव और शहर में सातों दिन, 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना है।

यह पहल ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और राज्य के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण है।

रांची के पुलिस ISIS से जुड़े एक आतंकवादी संगठन अजहर दानिश को गिरफ्तार किया

झारखंड के रांची शहर में बुधवार को ISIS से जुड़े एक आतंकवादी को रांची में गिरफ्तार किया गया जिसका नाम अजहर दानिश बताया जा रहा है जिसे रांची के त्वरक लॉज से गिरफ्तार किया गया है बताया जा रहा है कि वह रांची में 14 जनवरी 2024 से ही इस लॉज में रह रहा था ।

जिसमें बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ दिल्ली में एक मामला दर्ज था जिसके मुताबिक दिल्ली की सेल्सल टीम जांच कर रही थी जिसमें बताया गया कि अजगर से पुलिस की पूछताछ कर रही है और और उस दिल्ली लाया जाएगा

उसके कमरे से कई चीजें मिली

जिसके मुताबिक बताया जा रहा है की दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम में छापामारी के दौरान उसके कमरे से कई चीज बरामद हुई है नक्शा मेडिकल की चीज केमिकल जैसे सामान उसके कमरे से बरामद किए गए जिसमें रांची के एसपी राकेश झा दिल्ली के स्पेशल सेल टीम के द्वारा बताइए सूचना के अधिकार पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया और उसके कमरे से कई आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया है।

उसका रूम का पता

जांच के आधार पर मिली सूचना का अनुसार पुलिस की टीम बताया की अजहर ने रूम लेने से पहले एक फॉर्म को फिलप किया था जिसमें वह पता रांची के पता पेटवार का दिया था जिसमें वह आधार नंबर मोबाइल नंबर भी फिलप किया था जिसमें बताया जा रहा है कि अजहर के पिता का नाम महरूल हसन बताया जा रहा है पुलिस की टीम जांच पड़ताल कर रही है जिसके लगातार जांच के दौरान और सर्च के मुताबिक उसे गिरफ्तारी किया गया ।

पलामू जिले में भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया

मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस की टीम ने पलामू और जापलेम भी सर्च ऑपरेशन चलाया जिसके बाद पुलिस के टीम ने अजहर के टीम के बारे बता चला जिसके मुताबिक पुलिस से पूछताछ किया और इसके पुलिस की टीम जपला से मुन्ना चिड़िहार को हिरासत में लिया जिसके सुरक्षा एजेंसियां एलर्ट हो गई है बताया जा रहा है कि झारखंड राज्य कई जिले ने इनके नेटवर्क फैला होगा जिसके बाद ISIS से जुड़े कई लोगों को पुलिस पहले ही हिरासत लिया है जिसके बाद पुलिस के बल और भी हाई अलर्ट हो गई है।