
झारखंड के पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए, ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर बाढ़ के पानी से भरी नदी पार करवानी पड़ी।
यह घटना राजखाड़ अंबेडकर नगर की है। जब गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ी, तो एम्बुलेंस या किसी भी सरकारी वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। बार-बार मदद के लिए गुहार लगाने के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग से कोई सहायता नहीं मिली। इसके बाद, गांव के लोगों ने मिलकर एक खाट को स्ट्रेचर की तरह इस्तेमाल किया। उन्होंने महिला को उस पर लिटाया और कंधे से उठाकर तेज बहाव वाले नदी के पानी से होकर पैदल ही पार कराया।
नदी पार कराने के बाद भी उनकी मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। आगे का रास्ता खराब और कीचड़ से भरा हुआ था। अंततः, ग्रामीणों को अपने निजी खर्च पर एक वाहन का इंतजाम करना पड़ा, जिससे वे महिला को अस्पताल तक पहुंचा सके।
इस मामले पर गांव के अवधेश राम ने बताया कि उन्होंने एम्बुलेंस के लिए अधिकारियों को कई बार फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि “हम लोगों ने जान जोखिम में डालकर चंपा देवी को नदी पार कराया, लेकिन इसके बाद भी हमें कोई सरकारी मदद नहीं मिली। एम्बुलेंस की सुविधा तक नहीं मिली।”
यह घटना दर्शाती है कि झारखंड के सुदूर इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएँ और बुनियादी ढाँचा कितना कमजोर है। पुलों और एम्बुलेंस जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी की वजह से लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है।
इसे भी पढ़ें
http://सहारा के निवेशकों को बड़ी राहत: ₹5000 करोड़ का नया रिफंड जारी
http://SSC CGL 2025 परीक्षा: सर्वर की गड़बड़ी के कारण गुरुग्राम समेत कई केंद्रों पर परीक्षा रद्द